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BiG News -BSEB में घूसखोरी का चरम,रिश्वतखोर कर्मचारी की दादागिरी बोला- चेयरमैन तक को डेली का कमीशन जाता है, जहाँ जाना है जाओ,नही देंगे सर्टिफिकेट

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पटना Live डेस्क। सूबे में सुशासन है। कानून का राज है। हर सरकारी महकमें में पारदर्शिता का बोल बाला है। यही दावा है वर्त्तमान नीतीश सरकार का। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त बिल्कुल इसके उलट है। सूबे के सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार शिष्टाचार में तब्दील हो चुका है। ये हालत तब है जब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आईएएस आनंद किशोर का दावा है कि शुरुआत से ही बोर्ड की धूमिल हुई छवि को निभारने का वो अथक प्रयास कर रहे है, लेकिन हालत बद से बदत्तर हो चुके है। हालात किस कदर खराब है भुक्तभोगी की शख्स ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का दर्द सोशल मीडिया पर साझा किया है।
दरअसल, पटना निवासी आलोक कुमार BSEB के दफ्तर अपनी डुप्लीकेट मार्कशीट निकलवाने गये।                                    चुकी उन्हें मार्कशीट अर्जेंट कही सम्मिट करना था। उन्होंने BSEB के राजधानी पटना स्थित ऑफिस में तमाम फ़ॉरमिलिटीज़ पूरी की और बकायदा अर्जेंट ख़ातिर रसीद कटाकर 150 रुपये के भुगतान भी किया। यहा तक तो सब कुछ ठीक रहा पर जब आलोक नियत समय यानी शनिवार 7 सितंबर को तय समय पर अपनी डुप्लीकेट मार्कशीट लेने पहुचे तो उनका मार्कशीट उन्हें नही मिला।                                 जब इस बाबत उन्होंने जवाब सवाल किया तो एक्सट्रा पैसे की मांग की गई। जब आलोक ने एक्स्ट्रा पैसे यानी रिश्वत की रकम देने से इनकार कर दिया तो बकायदा स्टाफ द्वारा धमकाते हुए कहा गया कि जब तक पैसे नही दोगे मार्कशीट तो तुमको मिलने से रहा। बोर्ड ऑफिस के स्टाफ के इस दंबगई को देख सुनकर आलोक शॉक्ड रह गए। हद तो तब हो गई जब आलोक ने कहा कि मैं इसकी शिकायत करूँगा तो BSEB के उस स्टाफ ने जो कहा वो अपने आप बोर्ड ऑफिस में घूसखोरी की हरी कथा हरी कथा अनंता की पोल खोलने जैसा है। उसने पूरी दंबगई से कहा की – “चेयरमैन तक को डेली का कमीशन जाता है, जहाँ जाना है जाओ,नही देंगे सर्टिफिकेट। यह सुनकर आलोक हतप्रभ रह गए।         
वही,जब अपने साथ हुए बुरे बर्ताव और खुलमखुल्ला पैसे मांग को लेकर आलोक ने जब बोर्ड के सचिव सह चेयरमैन आईएएस आंनद किशोर से मिलने की कोशिश की तो वहां मौजूद उनके स्टाफ ने भी आलोक को बुरा भला कहते हुए भगा दिया।
हर तरफ से प्रयास करने और रिश्वत नही देने की वजह से आलोक को अबतक उनका मार्कशीट उन्हें नही मिला है। थककर हार कर आलोक ने अपने दर्द को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिख है कि……लगता है स्टाफ को अब घुस देना ही होगा … क्योकि सुनने वाला कोई नही है ….

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