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खुलासा – वारेंट पर वारेंट डीजीपी साहब पर गिरफ्तार क्यो नही होता हेलियस ग्रुप का चेयरमैन संजय सिंह ??

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रवीश कुमार मणि, वरीय संवाददाता

#हेलियस ग्रुप के चेयरमैन के खिलाफ एक और गैर जमानतीय वारंट जारी
# गिरफ्तारी के लिए पटना पुलिस को बार-बार भेजा जा रहा रिमाइंडर
# संजय सिंह ने कहां राहत की बात लेकिन केस  रिकॉर्ड में इसकी चर्चा नहीं
#बीते वर्ष 2016 में हाईकोर्ट ने राहत देने से किया हैं इंकार
# बाढ़ थाना कांड संख्या 215 /98 में भी संजय सिंह के खिलाफ निकल चुका हैं कुर्की
#निखिल -प्रिया मामले में मुख्य गवाह बने हैं संजय सिंह

पटना Live डेस्क। बिहार के तमाम मजलूम मेहनतकश  लोगो के करोड़ो रूपये डकार कर आराम से कानून की नजरों में धूल झोंक कर अपने ख़ाकी और खादी से अपने नजदीकी रिश्तों की बिना पर रंगरेलियां मना रहा है।हेलियस ग्रुप का चेयरमैन संजय कुमार। लेकिन अब हेलियस ग्रुप के चेयरमैन संजय कुमार सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रहीं हैं। बाढ़ कोर्ट द्वारा कुर्की जब्ती का आदेश दिया गया हैं। इसके बाद पटना के एक कोर्ट ने भी फर्जीवाड़ा के मामले में संजय कुमार सिंह के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी किया हैं। संजय सिंह के गिरफ्तारी के लिए कोर्ट बार-बार पटना पुलिस को रिमाइंडर दे रहीं हैं। लेकिन संजय पटना पुलिस के हाथ नहीं लग रहें। संजय सिंह ने कहां की वर्ष 2007 में पटना हाईकोर्ट से राहत मिली हुई हैं। लेकिन इस मामले के रिकॉर्ड में इसका जिक्र नहीं हैं। वहीं वर्ष 2016 में पटना हाईकोर्ट ने संजय सिंह को किसी तरह की राहत देने से इंकार किया हैं।


पटना मीडिया जगत के नामवर पत्रकार रवीश कुमार लगातार हेलियस ग्रुप के गड़बड़ झाले और करोड़ो करोड़ की लूट की साज़िश के इस मामले पर लगतारा नीत नये खुलासे के जरिये बताते है कि वर्ष 1994-96 तक में बिहार में अकेले 339 नन बैकिंग संस्थाएं खुली।इसमें हेलियस ग्रुप भी शामिल हैं ।सरकारी बैंक जहां 6-8 वर्षों में जमा राशि को दोगुना करने का स्कीम था वहीं निजी बैंक (नन बैकिंग)  महज 2-3 वर्षों में राशि दोगुना करने की बात कह अखबारों एवं अन्य माध्यम से प्रचार -प्रसार किया। इसी झांसे में आकर लाखों लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई को सुनिश्चित भविष्य के लिए नन बैंकिग,शाखाओं में जमा किया।समय अवधि पुरी होने के बाद किसी को राशि नहीं मिली और नन बैंकिंग की शाखाओं अचानक बंद हो गयी। लाखों लोगों के अरबों रूपये लेकर नन बैंकिंग कंपनियां फरार हो गयी। इसी में एक हेलियस बैंक भी हैं।


पटना जिले के मोकामा थाना अंतर्गत शिकारीचक गांव निवासी बह्रमदेव यादव ने वर्ष 1999 में पटना व्यवहार न्यायालय में कांड संख्या 567 (सी)  दाखिल किया।इसमें हेलियस ग्रुप के चेयरमैन संजय सिंह ,प्रबंध निदेशक राकेश कुमार ,राम प्रवेश यादव एवं अन्य के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का मामला दर्ज कराया। कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ पहले जमानतीय वारंट जारी किया। अभियुक्त गण जब कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो कोर्ट ने बीते 2 मई 2016 को गैरजमानतीय वारंट जारी करते हुए पटना पुलिस को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। पटना पुलिस हेलियस ग्रुप के चेयरमैन संजय कुमार सिंह एवं अन्य को गिरफ्तार करने में विफल साबित हुई।इसके बाद कोर्ट ने एसएसपी पटना के माध्यम से बार-बार रिमाइंडर भेजा और पटना पुलिस को गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया।लेकिन पटना पुलिस पर इसका कोई असर नहीं हुआ। वहीं बाढ़ थाना कांड संख्या 215 /98 में संजय सिंह के खिलाफ कुर्की जब्ती निकाला गया हैं ।


मामले के आरोपी हेलियस ग्रुप के चेयरमैन संजय कुमार सिंह ने बताया की उन्हें हेलियस ग्रुप से जुड़े रूपये की लेनदेन के मामले में पटना हाईकोर्ट ने वर्ष 2007 में राहत देते हुये गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी हैं। मुझे ऐसी केस की जानकारी नहीं हैं। जबकि इस मामले के रिकॉर्ड में इस तरह की राहत की कोई बात नहीं लिखी हैं और संजय सिंह के गिरफ्तारी के लिए कोर्ट बार -बार आदेश जारी कर रहा है।


वहीं बात करें तो बीते वर्ष 2016 के अगस्त माह में पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विरेन्द्र प्रसाद वर्मा ने अपने आदेश में स्पष्ट किया हैं की किसी भी तरह के क्रीमनल केस में हेलियस ग्रुप के चेयरमैन संजय कुमार सिंह को राहत नहीं दी जा सकती। विधि के अनुसार कार्रवाई की जायेगी।मालूम हो की राजधानी के बहुचर्चित निखिल-प्रिया मामले में संजय सिंह मुख्य गवाह हैं।संजय सिंह के खिलाफ जेल से ही निखिल प्रियदर्शी ने फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रूपये लेने का मामला रूपसपुर थाना में दर्ज कराया हैं।

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