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Big News – पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल में 6th क्लास के बच्चे की चाकू के बल जमकर धुनाई, मामला दर्ज, वही 2 साल पहले LKG की छात्रा के यौन उत्पीड़न में 2 टीचर दोषी करार

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पटना Live डेस्क। राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित बेहद नामवर सेंट जेवियर्स स्कूल प्रशासन एक बार फिर सवालों के कटघरे में है। जहाँ एक ओर जहां नवम्बर 2016 में LKG की छात्रा के यौन उत्पीड़न की आरोपी दोनों टीचर को अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। वही ताजा घटना क्रम में चाकू के बल पर 6th स्टैण्डर्ड में पढ़ने वाले के छात्र की जमकर धुनाई की गईं। बेटे की बेरहमी से पिटाई से आहत पेरेंट्स ने स्कूल प्रशासन के तमाम दबाव के बावजूद स्थानीय थाने में मामला दर्ज करा दिया है।

                                 मिली जानकारी के अनुसार क्लास में बैठने को लेकर हुए दो छात्रों के विवाद में एक छात्र दूसरे दिन अपने स्कूल बैग में चाकू लेकर स्कूल पहुचा और फिर अपने ही स्कूल के 8th क्लास में पढ़ने वाले लड़को के साथ मिलकर लंच टाइम के दौरान अपने ही क्लास के उस बच्चे को चाकू के बल पर जमकर पीटा। यह घटना स्कूल कैंपस में हुई। पूरी बेरहमी से छात्र को पीटा गया है। पूरी तरह मार कुटाई से आहत जब बच्चा घर पहुचा तो उसकी हालत देखकर पेरेंट्स आवाक रह गए।
बेटे की हालत और उसके द्वारा बताए गए पूरे वाकये को सुनकर घर वाले शॉक्ड रह गए। जब इस बाबत पीड़ित छात्र के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन से बात की तो उनका रवैया टाल मटोल भरा तो रहा है साथ ही साथ मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया गया। लेकिन, अपने लाडले की बेरहमी से हुई पिटाई सेआहत बच्चे की मां ने प्राथमिकी दर्ज करा दी। अब देखना है इस मामले में पुलिस का क्या रवैया रहता है।                         

यौन शोषण में जेवियर्स की 2 टीचर दोषी करार

यह कोई पहला मामला नही है। उल्लेखनीय है कि सेंट जेवियर्स स्कूल की दो शिक्षिकाओं जिन पर स्कूल की ही एलकेजी की मासूम छात्रा के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था को अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। करीब डेढ साल लंबे चले मामले में  3 नवंबर 2016 को मामला दर्ज हुआ था। फिर पुलिस ने दोनों स्कूल की आरोपी टीचर गिरफ्तार कर लिया था।
स्कूल में पढ़ने वाली एलकेजी की छात्रा के पैरेंट्स ने आरोप लगाया था कि स्कूल की दो लेडी टीचर्स ने उनकी बच्ची का यौन उत्पीड़न किया है। आरोप था कि छात्रा 27 अक्टूबर को स्कूल गई थी और स्कूल से वापस लौटने के बाद उसने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की। पूछताछ में वो बड़ी मैम और छोटी मैम का नाम लिया था। बकौल मम्मी, जब बच्ची से परेशानी के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि स्कूल में बड़ी मैम और छोटी मैम हैं। छुट्टी होने के बाद वे मुझे ग्राउंड फ्लोर पर ही क्लास रूम की बगल में ले जाती थीं।छोटी मैम कपड़े खोलती थीं और गलत हरकत करती थीं। बड़ी मैम दूर से देखती थीं और बोलती थीं कि यह गलत है, लेकिन छोटी मैम को रोकती नहीं थीं। ऐसा वह अक्सर करती थीं। दर्द होने के बाद बच्ची को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरी जांच में प्राइवेट पार्ट में चोट बतायी गयी।इसके बाद दो नवंबर को प्रिसिंपल को लिखित शिकायत दी गयी, लेकिन उन्होंने कुछ भी कार्रवाई नहीं की। इस पर तीन नवंबर को महिला थाने में पाक्सो एक्ट एवं अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने इस संबंध में स्कूल प्रशासन को सूचित किया लेकिन प्रॉपर कार्रवाई नहीं की गई। लिहाजा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। स्कूल प्रबंधन ने अपने टीचर्स के खिलाफ लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

मेडिकल रिपोर्ट में मामला सही पाया गया था                        पुलिस के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न की बात स्पष्ट हो चुकी थी। डॉ मंजू गीता मिश्रा की इस रिपोर्ट में कहा गया था कि बच्ची के गुप्तांग से छेड़छाड़ की गई है।
वही, पीड़िता के अभिभावकों की शिकायत पर महिला थाने में पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज मुकदमे की चार्जशीट पॉक्सो के विशेष न्यायालय में ही दायर कर मामले का स्पीडी ट्रायल चला। पॉक्सो न्यायालय के विशेष जज रवीन्द्र नाथ तिवारी की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए। उपलब्ध साक्ष्यों और गवाही के आधार पर अदालत ने दोनो शिक्षिकाओं को चार साल की बच्ची के साथ गलत यौन हरकत करने के आरोप में दोषी करार दिया है।आगामी 20 जुलाई को अदालत  नूतन जोसेफ और अनु आनंद की सजा के तय करने खातिर सुनवाई करेगी।

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