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Super Exclusive- पटना पुलिस ने चेक क्लोनिंग के जरिए रिटायर्ड दम्पती के खाते से 10 लाख 90 हजार उड़ाने वाली शातिर महिला गिरफ्तार, अन्य शातिरों की गिरफ्तारी खातिर छापेमारी जारी

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बृजभूषण कुमार, ब्यूरो प्रमुख, पटना सिटी

पटना Live डेस्क। पटना के एसएसपी मनु महाराज के दिशा निर्देश पर आलमगंज थाना पुलिस ने चेक क्लोनिंग कर खाते से पैसा निकालने के एक सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है। दरअसल राजधानी पटना के राजेंद्रनगर इलाके में रहने वाले बैंक ऑफ इंडिया के रिटायर मैनेजर बिंदु विकास और उनकी पत्नी इंदु प्रभा अरविन्द महिला कॉलेज की रिटायर प्रोफेसर के ज्वाइंट खाते से 4 चेक के जरिए 10 लाख 90 हजार की निकासी फर्जी चेक से कर ली गई है। इस बात की जब जानकारी रिटायर्ड दम्पती को हुई तो उनके होश उड़ा गए।
उन्होंने फौरन गुलजार बाग स्थित अपने बैंक के ब्रान्च से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि एकाउंट पेयी चेक के जरिये उनके खाते से 28 अगस्त को 2 लाख 40 हजार , फिर अगले ही दिन यानी 29 अगस्त को 3 लाख रुपये चेक के द्वारा निकालने गए थे। फिर 30 अगस्त को यानी लगातार 3 दिनों तक चेक के जरिये 3 लाख की रकम एक एकाउंट में ट्रांसफर की गई थी। फिर यह सिलसिला रुक गया था। लेकिन लगातार मिल रही सफलता से जालसाजों की हिम्मत बढ़ गई थी। फिर एक बार पुनः 15 सितंबर को 2 लाख 50 हजार की रकम उसी एकाउंट में ट्रांसफर की गई थी।
इस जानकारी पर जब रिटायर्ड बैंक प्रबंधक ने एकाउंट पेई चेक्स का डिटेल्स बैंक से निकलवाया तो उनके होश उड़ गये। जिन चेक नंबर से अबतक जाल साज़ो ने 10 लाख 90 हजार की रकम निकाली थी वो चेक नंबर तो उनके चेक बुक में मौजूद थे। यह जानकारी मिलते ही बैंक प्रबन्धन को ” यकीन हो गया कि शातिरों ने “चेक क्लोनिग” के जरिये फर्जी चेक बनाकर कर पैसों की निकासी की गई है। फिर क्या था  गुलजारबाग बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर ने 10 लाख 90 हजार की फर्जी निकासी का मामला दर्ज कराया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जब तहक़ीक़ात शुरू की तो पता चला कि रकम किसी बिमला देवी जो चौधरी टोला सुल्तानगंज की निवासी है के खाते ट्रांसफर किये गए है। फिर किया था पुलिस ने जाल बिछाकर बिमला देवी को धर दबोचा।                   
इस मामले गिरफ्तार महिला बिमला देवी को आलमगंज पुलिस ने धर दबोच ने के बाद जब थाने लाकर पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि हां पैसा उसके एकाउंट आया और फर्जी चेक जो क्लोनिग कर उसे दिया गया था,वो उसके सहयोगी सुजीत और छोटू ने उसे दिया था। चुकी वलोनिंग चेक पर रिटायर्ड प्रबंधक की पत्नी के सिग्नेचर थे। इस बाबत जब पुलिस ने पूछा तो बिमला ने बताया कि उसने ही हूबहू जाली सिग्नेचर किये थे। इस खुलासे के बाद पुलिस दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी खातिर प्रयासरत है। वही फर्जीवाड़े का शिकार हुए बैंक के रिटायर्ड अधिकारी और उनकी रिटायर्ड प्रोफेसर पत्नी तो कुछ भी बोलने से बचते रहे। वही चेक क्लोनिंग कर इतना बड़ा गड़बड़ झाला होने के बावजूद बैंक प्रबंधन ने मीडिया से किसी प्रकार की जानकारी साझा नही किया। बैंक प्रबंधन की यह आश्चर्यजनक रूप से चुप्पी बैंक कर्मचारियों की मिली भगत के ओर भी इशारा कर रहा है ? या फिर बैंक द्वारा बरती गई बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करता है।

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