बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

Super Exclusive -(ऑडियो)पटना पुलिस का दरोगा केस मैनेज करने के लिए पीड़ित पर ढा रहा है कहर, पहले धमकाया,फिर की पिटाई और अब खाकी की गुंडागर्दी से युवक की जान पर बन आई

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पटना Live डेस्क। राजधानी पटना मे सुशासन सरकार की नाक के नीचे एक युवक अपनी जान बचाने को भागा भागा फिर रहा है। लेकिन बिहार पुलिस जो खुद को पीपुल्स फ्रेंडली बताती है उसको सुरक्षा देने की बजाय उलटे माँ बहन की गाली देकर थाने से खदेड़ दे रही है। आप सोच रहे होंगे आखरी इस युवक ने कौन- सा ऐसा गुनाह कर दिया है। दरअसल इसने पटना पुलिस का वो स्याह चेहरा आम लोगो के सामने ला दिया था जो रात के अंधेरे में लुटेरे की शक्ल अख्तियार कर लेता था।
इस दिलेर लड़के की हिम्मत की वजह से पटना पुलिस के दामन पर “लूट” के दाग का वो धब्बा लगा जिसने खाकी को शर्मशार कर दिया था। यह शर्मनाक घटना पिछले साल वर्ष 2017 में 10 सितंबर की दरमियानी रात को घटित हुई थी जब गांधी मैदान थाने की पेट्रोलिंग जीप पर सवार 3 सिपाही मोती राम, नौशाद आलम,वीरेंद्र कुमार जो जीप चला रहा था और दरोगा विद्या यादव ने  ने जमाल रोड में फल का ठेला लगाने वाले युवक सुधीर जो उस रात बख्तियारपुर से हरा चना लेकर लौटा था और घर जाने के क्रम पेशाब करने को थाना क्षेत्र के रुका था को इनलोगो ने जबरिया पकड़कर तलाशी ली थी और फिर उसकी जेब से 2200 रुपए लूट लिए थे और जब उसने पैसे मांगे तो मारपीट कर भगा दिया था।

मामल- पटना पुलिस ने युवक को लिया था लूट

राजधानी पटना की सड़कों और खाकी वालो को देखकर खुद को पूरी तरह महफूज न समझे,थोड़ा सावधान भी रहें,क्योंकि पटना पुलिस कभी-कभी लूट भी लेती है। जी हां पीड़ित सुधीर कुछ इसी तरह तात्कालिक गांधी मैदान थाने के दारोगा विद्यानंद यादव और 2सिपाही मो नौशाद आलम और मोती राम ने चालक विरेंद्र कुमार के साथ मिलकर की गई ओछी हरकत का शिकार हुआ था।जिससे पूरा बिहार पुलिस महकमा शर्मसार हो गया था।
वही,जब शिकार हुए सुधीर कुमार ने घटना की जानकारी पुलिस कप्तान मनु महाराज को दी थी, तब जांच शुरू हुई। दोषी पाए जाने पर आरोपित सिपाही मोती राम और नौशाद एवं अनुबंध चालक वीरेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हालांकि आरोपित दारोगा गांधी मैदान थाने से भागने में सफल रहा था। भागा या भगाया गया यह एक अन्य सवाल है जो आज तक अनुत्तरित है।तब एसएसपी ने कहा था कि खाकी पर दाग लगाने वाले पुलिसकर्मियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। वही, फरार दारोगा की तलाश आज भी जारी है और वो खुलेआम राजधानी की सड़कों पर न केवल शान से घूमता हैबल्कि मारपीट, धमकी और हड़का कर केस मैनेज करने की कवायद में जुटा है।

चिरैयाटांड पुलिस के नीचे हुई घटना

पुनाईचक का रहने वाला सुधीर कुमार सब्जी और फल की सप्लाई करता है। घटना वाली रात यानी 10 सितंबर 2017,सोमवार की रात बख्तियारपुर से पिकअप वैन पर हरा चना लेकर आया था। चिरैयाटांड पुल के नीचे एक होटल में उसने खाना खाया और गाड़ी में बैठने से पहले सड़क किनारे पेशाब करने लगा था, तभी दो मोती राम और नौशाद आए और उसे पीछे से पकड़ लिया था। पूछताछ की फिर गंदी-गंदी गालियां देकर रुपये मांगने लगे थे।                                       
रुपये मांगने के क्रम में दोनों सिपाहियों ने सुधीर के साथ लप्पड़-थप्पड़ भी कर दिया था। साथ ही शराब या हथियार बरामद करने के झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दे डाली थी। सुधीर की नजर सड़क किनारे अंधेरे में खड़ी पुलिस जीप पर पड़ी तो उसने जेब से 150 रुपये निकालकर दे दिए। लेकिन इतने में लालची पुलिसकर्मियों का मन नहीं भरा। तब नौशाद ने उसके हाथ पकड़ लिए और मोती राम जेब की तलाशी लेने लगा। पैंट की जेब में और 2150 रुपये थे,जिसे दोनों सिपाहियों ने लूट लिए।

केस में फंसाने की धमकी

सुधीर के मुताबिक लूटे जाने के बाद उसके पास घर जाने के लिए एक रुपया नहीं बचा था। वह सिपाहियों के पीछे-पीछे जीप के पास पहुंचा। उसपर चालक वीरेंद्र और दारोगा विद्यानंद यादव बैठे थे। सुधीर ने दारोगा से भाड़े के लिए 50 रुपये वापस देने को कहा तो वह भड़क उठा। उसने सिपाहियों से सुधीर को पकड़कर जीप में बैठाने की बात कही और बोला कि इसे किसी केस में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाए। इतना सुनते ही सुधीर की हालत पतली हो गई और वह वहां से भाग गया।

कोतवाली में पहुंच की शिकायत

घटना के बाद सुधीर ने हिम्मत जुटाकर कोतवाली थाने पहुंचा और आपबीती सुनाई।ओडी पदाधिकारी ने उसे कुछ पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पर भेजा, लेकिन तब तक आरोपित फरार हो चुके थे। मालूम हुआ कि घटनास्थल गांधी मैदान थाना क्षेत्र में घटित हुई थी। इसके बाद उसे गांधी मैदान थाना भेजा गया। इस बीच मामले की जानकारी एसएसपी को भी दी गई थी।

डीएसपी ने की जांच

एसएसपी के निर्देश पर सिटी एसपी (सेंट्रल) अमरकेश डी ने मामले की जांच टाउन डीएसपी एसए हाशमी ने की। उन्होंने मंगलवार को सुधीर को गांधी मैदान थाने पर बुलाया और आरोपितों की पहचान कराई। उसने थाने में मौजूद दो आरोपित सिपाहियों और अनुबंध चालक की शिनाख्त कर ली, लेकिन दारोगा भाग गया था।

जांच रिपोर्ट पर एसएसपी मनु महाराज ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गांधी मैदान थाने में नामजद करते हुए मोतीराम,नौशाद आलम,वीरेंद्र और दरोगा विद्या यादव पर FIR दर्ज कराने और सभी अभिनयुक्तों को जेल भेजने की कार्रवाई की थी। लेकिन FIR दर्ज होने पर सिपाही मोतीराम, सिपाही नौशाद आलम और निजी ड्राइवर वीरेंद्र तो जेल भेज दिए गए पर दरोगा विद्यानंद यादव थाने से फरार हो गया था। वही मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने आरोपियों को बेल नही दिया है। इधर जब से वो सिपाही जेल गए है और दरोगा फरार हुआ है तब सुधीर की जिंदगी खौफ में साये में है। लगातार केस मैनेज का दबाव और धमकियों का सिलसिला जारी है।                     वही मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने आरोपियों को बेल नही दिया है। इधर जब से वो सिपाही जेल गए है और दरोगा फरार हुआ है तब सुधीर की जिंदगी खौफ में साये में है। लगातार केस मैनेज का दबाव और धमकियों का सिलसिला जारी है।
वही, मामले में फरार दरोगा जेल तो नही गया पर अब पीड़ित सुधीर और उसके परिवार पर अपना कहर बरपा कर रहा है। लगातार धमकियों और तमाम दबाव के बावजूद के बाद भी जब सुधीर नही डिगा तो अब उसके साथ विगत 18 तारीख को जमकर मारपीट की गई और जब इसकी शिकायत लेकर पीड़ित थाने पहुचा तो उसे गाली गलौज कर खदेड़ दिया गया। साथ ही समझाया गया कि पुलिस की दोस्ती अच्छी नही होती तुम तो रे दुश्मनी कर लिया है अब दिन  गिनो अपना।
पिड़ित सुधीर का धंधा तो चौपट हो ही गया है अब जान बचाने खातिर वो मारा मारा फिर रहा है पर कोई सुननेवाला नही। इधर दरोगा विद्या यादव ने पुनाईचक में ही सुधीर को अपने साथियों संग पीटने के बाद 2 नम्बर दिया है साथ मे वार्निंग भी मैनेज करो नही तो जान से जाओगे। दिए गए नंबर दरोगा विद्या यादव के बेटे का है।अब सुनिए वो पुकार …मेरा जानन बचा लीजिए …

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