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Super Exclusive (वीडियो) पटना पुलिस का तथाकथित “पीपल्स फ्रेंडली” चेहरा हुआ बेनकाब, पुलिसवालों द्वारा दो लोगो की सड़क पर धुनाई का वीडियो हुआ वायरल

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# दुर्गोत्सव की सुरक्षा के नाम पर खाकी वालो ने राजधानी में बरपाया कहर

# सड़क पर सरेआम पीटा, थाने में जमकर लानत मलानत करने के बाद सुबह PR बांड पर छोड़ दिया

# कानून के रक्षको की गुंडई देख, लोगो ने गुस्से में स्पॉट पर लिया था घेर

पटना Live डेस्क।राजधानी में दुर्गोत्सव के दौरान पटना पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। पूजा पंडालों के साथ साथ शहर के चौक चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। किसी भी संदिग्ध को देखते ही पुलिसकर्मियों को चेक करने का आदेश दिया गया है। लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों की बेजा हरकत और वर्दी के गुरुर ने अब पटना पुलिस को ही सवालो के घेरे में ला दिया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर पटना में दर्जनभर पुलिसवालों द्वारा सरेआम बीच सड़क पर दो लोगो की थप्पड़ों घुसो से पिटाई का वीडियों बहुत तेजी से वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वायरल होते इस वीडियों पर तमाम लोग पुलिस की लानत मलानत कर रहे है। वही कुछ लोगो ने लिखा है कि सुरक्षा के नाम पर पुलिसवालो द्वारा पटना में जमकर कहर बरपाया गया है। वही कुछ ने तो यहा तक लिख डाला है कि पुलिस ने आम आदमी से दुर्व्यवहार और दबंगई के अपने सारे रिकॉर्ड इस बार ध्वस्त कर दिए है।

पटना पुलिस की बर्बरता का वायरल वीडियो              मामला बुधवार और गुरुवार की दरमियानी देर रात का है। वायरल वीडियों में दावा किया गया है कि मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के इंटरकाउंसिल कार्यालय से कुछ फर्लांग की दूरी पर घटित हुई। दरअसल काउंसिल के पास बाइक पर बैठकर दो व्यक्ति बतिया रहे थे, इसी दौरान थाना क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रहे थाने के क्विक मोबाइल पुलिस दस्ते की उनपर नज़र पड़ी तो उन्होंने उनसे पुछताछ शुरू कर दी।
पुछताछ में दोनों व्यक्तियों को पुलिस दस्ते में शामिल एक जवान ने अपशब्द कह दिया।जिसका का दोनों ने जब विरोध किया तो पुलिसवालो ने इनके साथ धक्का मुक्की करने लगे। अभी यह कवायद चल ही रही थी कि बीच सड़क पर पुलिसवालो द्वारा की जा रही दबंगई को देखकर पूजा घूमने आए लोगो ने पुलिस के इस कार्यवाई का विरोध करना शुरू कर दिया।                       
तकरीबन एक दर्ज़न पुलिसकर्मियों की बर्बरता को देखकर उग्र हुई पब्लिक ने बीच सड़क पर चारो ओर से घेर लिया। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने स्थिति की नजाकत को देखते हुए अपना गुस्सा भी शांत रखना ही ठीक समझा और मौके से काफी मशक्कत के बाद दोनो को हिरासत में लेकर थाने पहुची। हालांकि पुलिस के बुरे बर्ताव का विरोध कर रहा लगभग 45 वर्षीय शख्स खुद को भी पुलिस वाला ही बता रहा था।
लेकिन, सरेआम बीच सड़क पर पुलिस वालों की गुंडागर्दी ने आम लोगो को आक्रोशित कर दिया था और हालात ऐसे बन गए थे कि पुलिस वालों पर जनता का गुस्सा फूट पड़ने की कगार पर पहुच गया था। जो शायद बड़ी घटना का कारण बन सकता था। जिसकी बानगी वायरल वीडियों में आप स्पष्ट रूप से देख सकते है।

पुलिस की बचकानी दलील

इस घटना के बाबत पुलिस ने जो कारण बताया वो खुद उनको सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। कोतवाली पुलिस ने दलील दी कि अंधेरे में संदिग्ध ढंग से बाइक लगाकर खड़े दोनों व्यक्तियों को देखा तो पुलिस जवान जब उस बाइक पर बैठे व्यक्ति के पास पहुचकर पूछताछ करने लगी तो दोनों में एक ने पुलिसकर्मी पर थप्पड़ चला दिया तो मौके पर मौजूद लगभग 10 की सख्या में रहे पुलिसकर्मियो ने भी उन दोनों की बीच सड़क पर ही धुनाई कर दी।                                                     अब जरा इस पुलिसिया तर्क को समझिए। पिटाई का शिकार हुय दोनों शख्स क्या पागल थे जो बावर्दी पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारेंगे ? वो भी तब जब सामने लगभग आधा दर्जन पुलिस वाले खड़े हो ? चलिए एक बार को पटना पुलिस का न मानने वाले तर्क को भी मान लेते है कि वो पुलिसवाले को एक शख्स ने थप्पड़ मार दिया, तब भी क्या पुलिसकर्मियों को सरेआम दोनों की जमकर धुनाई करने का अधिकार है ?
सवाल उठता जब कानून के रक्षक ही कानून की धज़्ज़ियां उड़ाते हुए गुंडे के मानिंद हरकत करेंगे तो फिर कानून तोड़ने वालों में और खाकी वालो क्या अंतर रह जाएंगे? सवाल बडा है, बेहद गंभीर है। अब देखना है “पीपुल्स फ्रेंडली” जपने वाली बिहार पुलिस के अधिकारी क्या निर्णय लेते है ताकि भविष्य कभी ऐसे हालात न पैदा हो सके…..

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