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BIG NEWS – एक बार फिर नीतीश सरकार का “पूर्ण शबाबन्दी” को लेकर लचीला रुख,अब इन चीजों में दी ढील ,जानिए आखिर अब क्या-क्या किया बदलाव

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पटना Live डेस्क। सूबे में जारी पूर्ण शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार ने लचीला रुख अख्तियार करते हुए नरमी बरतने की पहल कर दी है।अपने लचीले रुख में एक बार पुनः नरमी बरतते हुए अब सरकार ने शराबबंदी के तहत सजा में ढिल दे दी है।
बिहार सरकार के इस नए लचीले रुख के तहत अब सूबे में शराब के धंधाबाजे को मिलने वाली दस साल की सजा को कम कर पांच साल कर दिया जाएगा। साथ ही साथ नीतीश सरकार में यह फैसला करने जा रही है कि शराब के नशे में या शराब पीते हुए पकड़े जाने पर न्यूनतम सजा को 5 साल को महज 3 महीने तक किया जाये।
दरअसल, शुक्रवार को शराबबंदी संशोधन कानून कानून (बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक, 2018) बिल पेश किया गया है। इस बिल के मुताबिक शराबबंदी संशोधन में कई मामलों में सजा को कम किया गया है। सोमवार यानी 23 जुलाई को इस विधेयक पर सदन में चर्चा होगी और राज्य सरकार भी इस पर अपना जवाब देगी। इसके बाद विधान मंडल से इस विधेयक को पारित कराया जाएगा।फिर संशोधन कानून को लागू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी।
विधानसभा कर मानसुन सत्र के पहले दिन ही सदन के पटल पर रखे गए बिल के अनुसार घर में किसी मादक द्रव्य या शराब पाया जाता है या उसका उपभोग किया है तो 18 साल के अधिक उम्र वाले परिवार के सभी सदस्य को दोषी मानने वाले शब्द को नए कानून में से हटा दिया गया है। नए  मुताबिक शराब का उपभोग करते हैं या नशे की हालत में पाये जाने की हालत में पहली बार पकड़े जाने पर 50 हजार का जुर्माना या तीन महिने की जेल वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर कम से कम एक साल की जेल,जिसे बढ़ा कर पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा। जुर्माने की राशि एक लाख तक बढ़ाई जा सकती है। यह अपराध जमानतीय होगा। नए बिल के मुताबिक कानून में और भी कई बदलाव किए गए हैं।

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