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EXCLUSIVE (खुलासा)- राजधानी में चाचा ने ही भाड़े के हत्यारों से कराया भतीजे की हत्या,एसएसपी की टीम ने महज 48 घंटे में सुपारी किलर समेत 4 को मय हथियार किया गिरफ्तार,

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बृज भूषण कुमार, ब्यूरो प्रमुख,पटनासिटी

पटना Live डेस्क। समाज मे दरकते रिश्तों और पैसे ख़ातिर अपनो द्वारा अपनो की हत्या की घटनाए आम बात हो गई है।इसी कड़ी में राजधानी पटना में भी चाचा भतीजे के बीच जारी वर्चस्व की लड़ाई में चाचा ने भाड़े के हत्यारों से भतीजे की निर्मम हत्या करवा दी। दिनदहाड़े हुये इस हत्याकांड का महज 48 घंटे में खुलासा करते हुए इस बाबत एसएसपी मनु महाराज ने मीडिया से जानकारी साझा किया।


बकौल एसएसपी पटना मकतूल अजित का चाचा मिथलेश गोप बहुत दिनों से शराब और गेसिंग का अवैध धंधे का संचालन कर और करा रहा था। अबैध धंधे को लेकर भतीजा और चाचा के बीच लंबे समय से तकरार हो रही थी।इसी दौरान अजित ने धीरे धीरे स्थानीय थाने के लिए मुखबिरी का काम भी शुरू कर दिया था।पुलिस के लिए मुखबिरी करते हुए अजित ने अपने चाचा मिथिलेश गोप के अवैध धंधे पर चोट करने के इरादे के तहत पुलिस को उसके गेसिंग के धंधे की सटीक जानकारी मुहैया करा दी।फिर क्या था पुलिस ने ताबड़ -तोड़ छापेमारी करते हुए मिथलेश के इस अवैध धंधे को ध्वस्त करते हुये साथ ही उसके कई सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया था।इस पुलिसिया कार्रवाई से मिथलेश की कमाई का एक बड़ा जरिया हमेशा के लिए बंद हो गया। इस घटना से तिलमिलाए मिथिलेश उस वक्त से ही अजित से खार खाये हुए था।
उल्लेखनीय है कि मकतूल अजित और उसका चाचा पटना सिटी के कुख्यात अपराधी रहे श्यामबाबू गोप के परिवार से ताल्लुक रखते है। कई वर्ष पूर्व इस अपराधी की हत्या कर दी गई थी। वर्त्तमान में उसका भाई लालबाबू गोप गिरोह की कमा संभाले हुए है। लयह पूरा परिवार अवैध धंधों में संलिप्त रहता है।खैर, गेसिंग का अवैध धंधा बंद होने पर मिथिलेश ने शराब बेचने का अवैध धंधा शुरू किया। लेकिन अपने चाचा से तकरार की वजह से अजित ने एक बार फिर पुलिस को इस बात की मुखबिरी कर दी और सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए मिथिलेश के शराब के धंधे को ध्वस्त करते हुए छापेमारी करते हुए 90 बोतल शराब संग मिथिलेश के बेटे को गिरफ़्तार कर लिया और साथ ही उसके घर को भी सील कर दिया। इस पुलिसिया कार्रवाई के बाद मिथिलेश में अजित को रास्ते से हटाने का निश्चय कर लिया।

मिथिलेश का आपराधिक इतिहास रहा है।

पुलिस की गिरफ्त में आया मिथिलेश गोप पुराना अपराधी है जो कई काण्डों में शामिल रहा है।कई बार जेल जा चुका है। मिथिलेश कुख्यात अपराधी रहे कुख्यात गिरोहबाज अपराधी रामबाबू गोप जिसकी पूर्व में हत्या कर दी गई थी और वर्त्तमान में उस गिरोह की कमान संभाल रहे लालू बाबु गोप का सगा भाई है।मिथिलेश पूर्व में कई बार अवैध धंधों में संलिप्त रहने की वजह से पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।अपने धंधों पर पुलिसिया दबिश के पीछे अपने भतीजे अजित की मुखबिरी से बौखलाए चाचा मिथिलेश ने अजित की हत्या करने ख़ातिर डेढ़ लाख की सुपारी अपने अपराधी रिश्तेदार चंदन यादव के साथ हाल ही में जेल से छूटे सोनू और नकुल इर्फ़ मुकुल महतो को दी और उसे सदा के लिए अपने रास्ते से हटाने की सेटिंग कर दी।

महज 48 घंटे में साज़िश हुई बेनकाब हत्यारे गिरफ्तार

अवैध धंधे की कमाई ख़ातिर अपने सगे भतीजे की हत्या कराकर मिथिलेश अभी चैन की सांस भी नही ले पाया था कि एसएसपी द्वारा गठित टीम ने दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड से पर्दा उठाते हुए मिथिलेश और सुपारी किलर को मय हथियार धर लिया। चाचा द्वारा ही अपने भतीजे की हत्या कि साज़िश का  खुलासा तब हुआ जब पकड़े गए चारो अपराधी से पटना पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की।


गौरतलब है कि आलमगंज थाना क्षेत्र के बेलवरगंज में अपराधियों ने 21 जुलाई को दिनदहाड़े ताबड़तोड़ गोलीबारी कर अजीत यादव की हत्या कर दी थी। घटना के बाद एसएसपी मनु महाराज द्वारा इस हत्याकांड के उद्भेदन ख़ातिर एक स्पेशल टीम का गठन किया गया। जांच टीम को पुलिस अधीक्षक पूर्वी लीड कर रहे थे। जिसमें एएसपी हरिमोहन शुक्ला, थाना अध्यक्ष आलमगंज राकेश कुमार को शामिल किया गया।
इस विशेष टीम को वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द अपराधियों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जाए। इस मामले को लेकर आलमगंज थाने में हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया। गठित टिम के द्वारा पटना के कई थाना क्षेत्रों में छापेमारी की गयी। इसी दौरान पुलिस को अपने सूत्रों से पुख्ता जानकारी मिली कि इस हत्याकांड में दानापुर का एक पुराना अपराधी शामिल है। जिसका नाम नकुल कुमार है।नासरीनगंज दानापुर में छापेमारी कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि पूर्व में भी नकुल पटना के चर्चित सुमित हत्या कांड में जेल जा चुका है।हत्या के वक्त अपराधियों द्वारा भागने के लिए इस्तेमाल की गई बाइक सीसीटीवी और स्पेशल तकनिक से लैश एएनपीआर कैमरों की जद में आए थे। इस का फायदा यह हुआ की गाड़ी नंबर इत्यादि को मय सुबूत देखते ही पुलिस की पूछताछ के बाद नकुल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। फिर नकुल हत्याकांड पर से पर्दा उठाते हुए साज़िश में शामिल सभी का राजफ़ाश कर दिया।
गिरफ्तार नकुल ने पुलिस को बताया की मिथिलेश गोप जो बेलवरगंज का पुराना दबंग है उसके और अजीत के बीच वर्चस्व को लेकर पुराना झगड़ा चल रहा था  इसी कारण मिथिलेश गोप के रिश्तेदार चन्दन यादव जो बेलवरगंज का ही रहने वाला है उसने एक और अपराधी के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया।कांड में शामिल चंदन यादव को भी पुलिस ने धर दबोचा तो चंदन में बताया कि तय योजना अनुसार सभी अजित की हत्या करने ख़ातिर 21 जुलाई को बेलवरगंज मोड़ पर पहुचे और फिर उसका वही इंतज़ार करने लगे। जैसे ही अजित आता दिखाई दिया चन्दन के द्वारा अन्य को इशारा कर दिया।

अजित को खदेड़ कर मारी गई गोली

चंदन द्वारा इशारा मिलते ही सभी अपराधी अलर्ट हों गये और फिर जैसे ही अजित नज़दीक आया अपराधियों में से एक सोनू कुमार ने फायर कर दिया। पहली गोली अजित के बांह में लगी और वो अपनी जान बचाने के लिए भागने लगा और भागता हुआ वो पास के ही एक गैरेज के अंदर घुस गया। अजित को भागता देख हत्यारों की यह टोली भी उसके पीछे दौड़ी और फिर जान बचाने ख़ातिर गैरेज में घुसे अजित को  गैरेज में घुसकर दुसरी गोली अजीत के सिर में मार दी  जिससे अजित ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। अजित को मौत के घाट उतार कर सभी अपने अपने रास्ते निकल गए।

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