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लालू से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में वर्चुअल सुनवाई शुरू,जल्द होगा फैसला

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पटना Live डेस्क। राजद सुप्रेमों लालू यादव से जुड़े चारा घोटाले के पांचवें एवं अंतिम मामले में छह महीने के अंदर फैसला आ सकता है। चार मामलों में लालू प्रसाद को सजा हो चुकी है। 25 साल पुराने चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 47ए/96 की सुनवाई वर्चुअल मोड पर शुरू हो गयी है। प्रतिदिन एक घंटे सुनवाई के लिए निर्धारित है। इसके साथ ही डोरंडा कोषागार से लगभग 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद समेत अन्य 110 आरोपियों की मुश्किलें कोरोना काल में बढ़ गयी है।
कोरोना महामारी के कारण पिछले 15 महीने में सिर्फ 12 निर्धारित तारीखों (फरवरी-मार्च) में सुनवाई हुई थी। तीन महीने बाद मामले की सुनवाई पुन: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में ऑनलाइन जारी है। वर्तमान में इस मामले में सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह बहस कर रहे हैं। बता दें कि इस साल की 26 फरवरी को बचाव पक्ष की गवाही पूरी होने के बाद मामला बहस पर चला गया था। इसके बाद छह निर्धारित तारीखों में सीबीआई की ओर से बहस की गयी। बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते दो महीने से जारी फिजिकल कोर्ट पर रोक लग गयी। साथ ही मामले की सुनवाई भी वर्चुअल के कारण बंद हो गयी थी।
मार्च में राज्य के न्यायिक अफसरों का प्रमोशन और तबादला किया गया था। इसमें विशेष न्यायाधीश एसके शशि का भी नाम शामिल था। उन्हें न्यायायुक्त के पद पर पदोन्नत देते तबादला किया गया है। लेकिन चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 47ए/96 की सुनवाई पूरी होने तक वह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बने रहेंगे। साथ ही न्यायायुक्त को मिलनेवाली सुविधा भी मिलेगी। मिली जानकारी के अनुसार छह महीने में मामले की सुनवाई पूरी करनी है। न्यायिक प्रकिया के तहत सीबीआई की ओर से जारी बहस पूरी होने के बाद बचाव पक्ष को बहस करने का मौका दिया जाएगा। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद मामला फैसला पर चला जाएगा।
आपको बता दें कि प्रारंभ में 170 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है। पहली चार्जशीट आठ मई 2001 को 102 आरोपियों को एवं सात जून 2003 को पूरक चार्जशीट में 68 आरोपियों के खिलाफ दाखिल किया था। आरोप तय सितंबर 2005 को किया गया था। सीबीआई ने 11 मार्च 1996 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस मामले के सात आरोपी को सरकारी गवाह बनाये गये, दो आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पांच आरोपी फरार चल रहे हैं।

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