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Super Exclusive(वीडियो) पुलिस लाइन में शराब पार्टी का वायरल वीडियो,एसपी की मैराथन जांच जारी और नीतीश कुमार की शराबबंदी की दूसरी वर्षगांठ

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कुलदीप भारद्वाज, मैनेजिंग एडिटर,पटना Live

पटना Live डेस्क। 10 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले बिहार में भारत का सबसे सख्त शराबबंदी कानून लागू है। राज्य की कुल 58 जेलों में कैदी रखने की कुल क्षमता करीब 38 हजार है। अबतक इस कानून की चपेट में आकर शराब पीने या रखने के जुर्म में लगभग 1 ला से ज्यादा लोगों को जेल में डाला गया है। इनमें से कुछ तो पांच साल से ज्यादा समय के लिए अंदर गये हैं।
सूबे मे पूर्ण शराबबंदी के बाद बीते साल बिहार पुलिस ने 10 लाख लीटर से ज्यादा शराब जब्त की। इसमें से ज्यादातर शराब गायब हो गयी और छानबीन के बाद अधिकारियों ने यह कह कर हलचल मचा दी कि शराब चूहे पी गये। पिछले महीने शराब बेचने के आरोप में कैद छह लोग जेल से फरार हो गये। तब अधिकारियों को इन आरोपों का सामना करना पड़ा कि कहीं गार्ड शराब के नशे में तो नहीं थे। खैर ..
बिहार की सियासत में 5 अप्रैल 2016 यह तारीख़ ऐतिहासिक है। यह दावा है नीतीश कुमार के समर्थकों का। इस उपलब्धि को नीतीश लगातार और बारम्बार अपनी उपलब्धियों में टॉप पर विश्लेषित करते है। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इसके विपरीत है। शराब बड़ी आसानी से सूबे में उलब्ध है। मोटे मुनाफे का यह धंधा पूरी ईमानदारी से खाकी, खादी और माफ़िया के समन्यवय से जारी है।

खाकी का हाल और शराब पार्टी लगातार

सूबे के मुखिया ने तकरीबन एक साल पहले तात्कालिक महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन कार्यकर्ताओ के साथ लोक संवाद कार्यक्रम के तहत स्वीकार किया था कि पुलिस वाले नही सुधरेंगे। लेकिन फिर भी खाकी के भरोसे ही सुबे मे पूर्ण शराबबन्दी की मुहिम चला रहे है।
राज्य में शराबबंदी को सफल बनाने का भार पुलिस के कंधों पर है।  बिहार पुलिस पहले से ही पुलिसकर्मियों की कमी और काम की अधिकता से जूझ रही है। ऊपर से कानून व्यवस्था की स्थिति यहां पहले से ही ठीक नहीं है। इसके अलावा यहां पुलिस की छवि भी उतनी साफ-सुथरी नहीं मानी जाती है। एक सर्वे के मुताबिक बिहार पुलिस के लगभग 65% कर्मी (सिपाही से लेकर अधिकारी) किस न किसी नशे की गिरफ्त मे है। पर शराबीके शौकीन ज्यादा है।ऐसे में अधिकांश पुलिस बल को शराबबंदी को सफल बनाने के लिए लगाना कानून व्यवस्था की स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। इसके अलावा शराबबंदी को सफल बनाने में जुटा राज्य सरकार का उत्पाद विभाग और राज्य पुलिस आपस में ही उलझ पड़ते है। 30 अगस्त को नालंदा में जदयू पार्टी से संबंधित नेता के घर से शराब की बोतलें बरामद की गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को जेल भेजने की जगह उत्पाद निरीक्षक को ही गिरफ्तार कर लिया था।

हम नही सुधरेंगे

अबतक सूबे में जारी पूर्ण शराबबंदी मुहिम में कोताही व अन्य आरोपों में सुुुबे में कुुुल 361 पुलिस कर्मी दोषी माने गए। उन पर कार्रवाई हुई। वही महज अबतक 32 पुलिस कर्मी बर्खास्त हुए तो 169 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए। 132 के खिलाफ निलंबन व विभागीय कार्रवाई हुई। 63 पुलिस कर्मियों का तबादला हुआ। लेकिन इन तमाम कवायदों के बाद भी बिहार पुलिस को कोई सबक नही मिला है। यह बात हम नही कह रहे है बल्कि वायरल वीडियो कह रहा है। देखिये और फिर हम आपको इस वायल वीडियो का सच बताएंगे….

आइये अब इस वीडियो के बाबत आपको तफ़सील से बताते है। यह तस्वीर बिहार के बक्सर जिले के पुलिस लाइन की है। ये वही बक्सर जिला है जहाँ कुछ वक्त पहले सूबे के CM के काफ़िले पर महादलित टोले में हमला किया गया था। खैर, चलंत तस्वीरों मे जो महाशय शराब बड़ी शिद्दत से गटक रहे है, साथ मे थाली में चिकेन रूपी चखना भी मौजूद है, काम नाम रामदास साह है जो बतौर जिला जमादार बक्सर पुलिस लाइन में तैनात है। रुकिए तो ज़रा अब आप सोच रहे होंगे वीडियो में शराब से भरी दो ग्लास दिख रहा है। जी हैं आप का सही देख रहे दूसरा ग्लास लाइन बाबू का है।
यह वायरल वीडियो भी पुलिस लाइन के एक सिपाही द्वारा ही बनाया गया है। इस बाबत हवलदार मदनपाल ने एसपी, डीआईजी तक को मय सुबूत (तस्वीर) संलग्न कर कार्रवाई खातिर आवेदन किया पर अबतक कोई कार्रवाई नही हुई है।

बक्सर एसपी साहब बोले …

वही पुलिस लाइन में शराब पार्टी के वायरल हुई वीडियो के बाबत एसपी बक्सर का कहना है कि एक फोटो भेजकर इस बाबत शिकायत की गई थीं।इस कि जांच की जा रही है। अगर वीडियों मिलेगा तो करेंगे कार्रवाई।

 

 

 

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