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UP Election 2022-अखिलेश यादव ने एक हाथ में चावल एक में लिया गेंहू आखिर क्या है? ये Ann Sankalp जानिए

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में अन्न संकल्प लिया। उन्होंने एक हाथ में गेहूं और दूसरे हाथ में चावल लेकर लिया संकल्प। आखिर क्या है यह संकल्प और क्या है इसका मकसद

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पटना Live डेस्क।कोरोना और ओमिक्रोन के खतरे के बीच देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 7 चरणों में आयोजित किए जायेंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की बाजी जीतने के लिए सभी सियासी दलों ने अपनी-अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। ऐसे में बीजेपी, सपा, कांग्रेस और बसपा पूरे दम से मैदान में उतर चुके हैं। अपनी जीत सुनिश्चित करने और वोटरों को लुभाने खातिर नित नए उपाय और घोषणाएं किए जा रहे है।

           इसी कड़ी में UP Vidhansabha Electionm 2022 खातिर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक अनोखा संकल्प लिया है जिसे Ann Sankalp का नाम दिया है। उन्होंने एक हाथ में गंहू और दूसरे हाथ में चावल लेकर संकल्प लिया।

अन्न संकल्प का अर्थ है अपने को किसानों के प्रति, अन्नदाताओं के प्रति समर्पित करना। अखिलेश यादव ने लखनऊ में आज (सोमवार) प्रेस के सामने एक हाथ में गेहूं और दूसरे हाथ में चावल लेकर संकल्प लिया कि जिन्होंने लखीमपुर में किसानों की हत्या की है,उन्हें चुनाव में हराएंगे और किसानों को न्याय दिलाएंगे।

अन्न संकल्प के जरिये अखिलेश यादव ने प्रदेश के किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। वे यह संदेश देना चाहते हैं कि किसानों के साथ भाजपा की मोदी-योगी सरकार ने बहुत अत्याचार किए हैं। इस क्रूरतम अत्याचार का विरोध होगा और किसानों के हित में तमाम कदम उठाए जाएंगे। लखीमपुर हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने के साथ ही वे किसानों के जीवन में खुशहाली के लिए काम करेंगे। अखिलेश यादव के लिए लखीमपुर के किसान अन्न लेकर आए थे, जिसे उन्होंने मुट्ठी में लेकर संकल्प लिया।

समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया-समाजवादी पार्टी का अन्न संकल्प। अखिलेश यादव ने कहा-हम किसानों से अन्याय और अत्याचार करने वाली भाजपा को हराएंगे और हटाएंगे। हम सभी लोग संकल्प लेते हैं कि जिन्होंने किसानों पर अन्याय और अत्याचार किया उनको हटाएंगे, हराएंगे यह हमारा अन्न संकल्प है” “जय जवान~जय किसान”।

अबतक सपा पिछड़ों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में सफल रही है। अब उसने किसानों को जोड़ने के लिए आज यह आयोजन किया। मालूम हो कि लखीमपुर हत्याकांड ही नहीं लंबे चले किसान आंदोलन की भी कई मांगे अब तक केंद्र सरकार ने पूरी नहीं की हैं।

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