बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

बिहार में घूमने का मज़ा लेना है तो इन जगहों पर जाना न भूले

380

बिहार में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहां आप परिवार के साथ घूमने जा सकते है। बिहार राज्य ने दुनिया को बौद्ध और जैन जैसे दो धर्म दिए। यहां आकर पर्यटकों को दो धर्मों का मेल देखने के साथ साथ, यहां की संस्कृति को और भी बेहतर समझने का मौका मिलता है। बिहार की संस्कृति है ही ऐसी कि सब को अपनी और आकर्षित करे। बिहार के कुछ खास जगहों के बारे में आपको आज हम बताने जा रहे है जहा पर्यटकों को एक बार अवश्य जाना चाहिए।

गया स्थित हिन्दू और बोध तीर्थस्थल

गया की स्थापना 1865 में की गई थी जिसके बाद ही इसे एक आजाद जिला का दर्जा दिया गया। गया एक बहुत ही भीड़-भाड़ वाला स्थान है, जो फालगु नदी के किनारे बसा हुआ है। गया हिंदू और बौद्ध धर्म का हब है। लोगो की ऐसी आस्था है कि यहां एक पेड़ है जिसके नीचे बैठकर बुद्ध भगवान ने ज्ञान प्राप्त किया था वह पेड़ बड़ा ही विशाल है और लोग अब भी वहां बैठ कर मन को शांत करते है।

गया स्थित मुछालिंदा लेक

लोगो का ऐसा मानना है की एक बहुत बड़े तूफान से  बुद्ध भगवान को शेष नाग ने बचाया था। यहां एक ऐसी मूर्ति है जो यहां के इतिहास को बयां करती है। मुछालिंदा ने बढ़ती लहरों से बुद्ध की रक्षा की थी इसलिए इस लेक का ये नाम पड़ा।

बेगुसराय स्थित कंवर लेक बर्ड सेन्चुरी

कंवरलेक भारत का सबसे बड़ा फ्रशवाटर लेक है। यहां पक्षियों की लगभग 60 प्रजातियां हैं। यह देखने में बहुत ही खूबसूरत है। इसे देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक आते हैं।

पावापुर स्थित जलमंदिर

यह एक जैन तीर्थ स्थल है। यह मंदिर लेक के बिल्कुल बीचों-बीच बसा है और यह कमल के फूलों से भरा हुआ है। यह माना जाता है कि इस मंदिर को महावीर के बड़े भाई, नंदीवरधान ने बनवाया था।  यह मंदिर विमान के आकार में बनवाया गया है।

राजगीर स्थित विश्वशांति स्तूप

भारत में 7 शांति स्तूप है जिसमें से विश्वशांति स्तूप एक है।  इस स्तूप का निर्माण 1969 में लोगों के बीच शांति और अहिंसा फैलाने के उद्देश्य से हुआ था। विश्वशांति स्तूप बिहार का एक बहुत ही नामी ऐतिहासिक स्थल है।

 

Comments are closed.