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Fact Finding-बेगुसराय पुलिस “इतिहास” रचने से रह गई वंचित,एसपी अवकाश कुमार के प्लान को “विभीषण” ने लगाया ग्रहण

बेगयसराय एसपी अवकाश कुमार और उनकी टीम को सफलता तो मिली पर बेहद बड़ी कामयाबी से रह गए वंचित,खाकी में मौजूद खबरी ने एन मौक़े पर प्लान को लीक करते हए किया वीडियो वायरल,पास पहुचकर भी पुलिस टीम रह गई हाथ मलते

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पटना Live डेस्क। बिहार के बेगूसराय जिले को कभी ‘पूरब का लेनिनग्राद’ कहा जाता था। लेनिन का शहर यानी ‘लेनिनग्राद‘। लेकिन बेगुसराय ने कालांतर में एक और पहचान बनाई ये बात अलग है इस पहचान का भी ताल्लुक सोवियत रूस (अब विघटित) से ही रहा हैं। दरअसल यह पहचान हैं AK-47 असाल्ट राइफ़ल से जुड़ी जिसको उसी (मिखाइल टिमोफेयेविच कलाश्निकोव ने डिजाइन किया) सोवियत रूस में इज़ाद किया गया है। वो लेनिन का देश है जो कभी कम्यूनिस्ट विचारधारा का अति उर्वर स्थल रहा है। उसी धरती से आए सबसे घातक रायफल को बिहार की धरती पर बेगुसराय में जन्मे दुर्दांत गैंगेस्टर अशोक सम्राट द्वारा पहली बार इस्तेमाल कर अपने दुश्मनों को पार घाट लगाया गया। तब से लेकर आजतक AK-47 राइफल को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला बेगूसराय एक बार फिर चर्चा में है।

बेगयसराय एसपी अवकाश के नेतृत्व में पुलिस दस्ते को 19 सितंबर की रात नगर थाना क्षेत्र के कपस्या चौक पर बड़ी कामयाबी हासिल हुई।रेड के दौरान स्वचालित राइफल (AK-47 Rifle) के साथ पुलिस ने मंजेश कुमार नामक शख्स को गिरफ्तार किया। जब मंजेश कुमार से पूछताछ की गई तो उसने अपने आप को नंदन कुमार चौधरी (Nandan chaudhary) का ड्राइवर बताया। जांच के क्रम में पुलिस को पता चला कि गिरफ़्तार द्वारा बताया जा रहा शख्स रसूखदार के साथ साथ सियासी पहुच रखता है। दरअसल नंदन कुमार चौधरी बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र (Begusarai Assembly Constituency) के भाजपा विधायक कुंदन सिंह (BJP MLA Kundan Singh) के फुफेरे भाई हैं। जिले के कद्दावर सियासती लोगो से बेहद नज़दीकी संबंध रखते है। बेगुसराय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से भी राब्ता रखते है। 

बरामद सैंतालीस नंदन चौधरी का

पकड़ा गया AK-47 सदर विधायक कुंदन कुमार के ममेरे भाई नंदन कुमार चौधरी का निकला। इसकी आधिकारिक पुष्टि मंगलवार को बेगूसराय SP अवकाश कुमार ने की है। SP के अनुसार AK-47 के साथ गिरफ्तार मंजेश कुमार उर्फ बड़े नंदन चौधरी का ड्राइवर है। बेगूसराय के कपस्या के वार्ड नंबर 13 निवासी चन्द्रदेव कुंवर का बेटा है। बड़े उर्फ मंजेश कुमार ने पुलिस की पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि जब्त AK-47 राइफल, 2 लोडेड मैग्जीन और 188 जिन्दा गोली उसे संभाल रखने के लिए नंदन चौधरी ने ही दी थी।

नंदन की गिरफ्तारी से खुलेंगा राज़

SP बेगुसराय ने बताया कि ख़ुलासे के बाद से ही नंदन चौधरी फरार है। नंदन चौधरी शहर में जमीन की खरीद-बिक्री का काम करता है। बेगूसराय नगर निगम के निवर्तमान मेयर उपेंद्र सिंह,नंदन चौधरी के सगे मामा हैं। SP के अनुसार,नंदन चौधरी के पकड़े जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि घातक हथियार के जरिए अपराधियों की मंशा क्या थी?साथ ही यह भी खुलासा हो जाएगा कि आख़िर किस बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे?

दरअसल 19 सितंबर को बेगूसराय पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कपस्या चौक के समीप स्वचालित हथियारों व एके-47 के साथ कुछ अपराधी देखे गए हैं, जो किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही बेगूसराय के एसपी अवकाश कुमार ने त्वरित एक्शन लेते हुए सदर डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया और फिर टीम के द्वारा चिन्हित स्थल पर छापेमारी की गई। जहां से मंजेश कुमार उर्फ बड़े नामक अपराधी को एके-47 राइफल,।2 लोडेड मैगजीन के अलावे 188 जिंदा कारतूस  एक बाइक एवं एक मोबाइल के साथ धर लिया गया।

दूसरे स्वचालित बड़े हथियार का हुआ खुलासा

तफ्तीश व पूछताछ में खुलासा हुआ कि मंजेश कुमार शहर के एक बेहद रसूखदार सफेदपोश नंदन कुमार चौधरी का ड्राइवर है। नंदन चौधरी रिश्ते में बेगूसराय के विधायक कुंदन सिंह के फुफेरे भाई हैं। दरअसल यह सफलता बेहद बड़ी होने वाली थी। खाकी को खबर मिली थी कि एक नही बल्कि दो दो एके 47 है। जिन्हें दो अलग अलग ठिकानों पर रखा गया है। एक बरामद हुआ था दूसरा अभी जिस ठिकाने पर रखा गया था वहाँ पहुचना बाक़ी था। मिली जानकारी पर लिए एक्शन की शुरुआत जोरदार व जबरदस्त हुई थी पुलिस टीम उत्साहित थी। इस लिए छापेमारी की मीडिया को भनक भी नही लगने दी गई। एसपी की गठित पुलिस टीम द्वारा पूरी सतर्कता बरती जा रही थी।

प्लान ये था कि दो दो फोर्टी सेवन बरामद कर जिले में बढ़ते अपराध की वजह से लगातार खाकी पर उठते सवालों का प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मुहतोड़ जवाब दिया जाए। लेकिन विभागीय विभीषण और खाकी में खलनायकों के खबरी ने खेल करते हुए न केवल एके 47 व गोलियों की बरामदगी के वीडियों को वायरल कर दिया बल्कि ऐतिहासिक सफलता की ओर बढ़ रही बेगुसराय पुलिस को महज़ एक सफलता तक महदूद कर दिया। खबर के बाहर आते ही न केवल पूरी जानकारी होने के बावजूद भी पुलिस टीम हाथ मलती रह गई बल्कि सफ़ेदपोश भी सतर्क हो गया और उक्त हथियार का ठिकाना बदलने खातिर आननफानन में उसके लोग एक व्हाइट टोयोटा फॉर्च्यूनर में उक्त थाना क्षेत्र के एक दो मंज़िले मकान के बाहर पहुचे और क्षणभर में एक कपड़े में लपेटा कुछ लेकर निकले और  फिर अज्ञात लोकेशन ख़ातिर निकल गए। वही, मामले में खुद का नाम आने के खुलासे का आदेशों को देखते हुए खुद भी अंडरग्राउंड हो गया। अतः बेगुसराय पुलिस उक्त स्वचालित हथियार को बरामद करने से वंचित रह गई।

वही, दूसरी तरफ गिरफ्तार मंजेश कुमार उर्फ बड़े की निशानदेही पर दो अन्य बदमाश हथियारों और साढ़े चार लाख रुपए के साथ पकड़े गए। उक्त दोनो की गिरफ्तारी की पुष्टि करते एसपी अवकाश कुमार ने बताया गिरफ्तार दोनो के कब्जे से कैश व हथियार के साथ एक बाइक और दो मोबाइल भी बरामद किया गया है। दोनों अपराधी हाल में ही लूट के एक अन्य मामले में संलिप्त थे। यानी विभाग की काली भेेेड़ ने खेल कर दिया और पुलिस को 2 छोटे अपराधियों को गिरफ्तार कर संतोष करना पड़ा।

इतिहास रचने से विभीषण ने किया वंचित

बहुत दिनों के बाद मिली एक सफलता के बावजूद अत्यंत बड़ी सफलता से चंद कदम पहले ही योजना के फुस्स होने की वजह से अपसेट बेगूसराय के एसपी अवकाश कुमार ने कहा है कि सर्वप्रथम नंदन चौधरी को गिरफ्तार किया जाएगा और नंदन चौधरी से पूछताछ के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही खाकी के विभीषण के बाबत एसपी अवकाश कुमार ने “बरामदगी का वीडियो वायरल करने वाले पुलिस पदाधिकारी को भी चिन्हित कर कार्रवाई की बात कही है।”

ऐतिहासिक होती गर..पकड़े जाते जब दो दो

            उल्लेखनीय है कि बेगूसराय जिले में दुर्दांत व कुख्यात गैंगस्टर से लेकर छोटे पर दुःसाहसी अपराधी से बिहार STF के सहयोग जिला पुलिस ने विगत 9 सालो में 6 बार सॉफिस्टिकेटेड हथियार बरामद कर चुकी है। लेकिन अबतक ऐसा नही हुआ कि एक साथ 2-2 घातक एके 47 हथियार बरामद किया गया हो। लेकिन ….

बेगुसराय के जरायम की दुनिया के शूरमाओं व बड़े खिलाडियों  के पास से विश्व की सर्वाधिक मारक क्षमता वाली अत्यंत घातक एके सैतालीस की बरामदगी कोई  नई बात नही है। उल्लेखनीय है कि बिहार में पहली बार एके 47 (AK 47 in Bihar) जैसे घातक हथियार से हत्याकांड को अंजाम देने वाला कुख्यात बाहुबली अशोक सम्राट (Bahubali Ashok Samrat) भी मूल रूप से बेगुसराय का था। तो वही बिहार पुलिस ने सबसे पहले 47 भी बेगुसराय में ही बरामद किया था।

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