पटना Live डेस्क. तय समय से चौदह महीने पहले राजद में संगठनात्मक चुनाव कराने के कई मायने निकाले जा रहे हैं..संकट में पड़े बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के सामने अभी बाइस साल पुरानी पार्टी को एकजुट और मजबूत रखने की कठिन चुनौती है..ऐसे में लालू अपनी अगली पीढ़ी को मजबूत कर सकते हैं..माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कद में इजाफा किया जा सकता है…राज्य की महागठबंधन सरकार में बीस महीने के दौरान उनकी कार्यशैली को देखते हुए उन्हें पार्टी संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है..अभी संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष का दोनों पद लालू प्रसाद के पास है…तेजस्वी के कद बढ़ाने की पर्याप्त वजह भी है…रेलवे टेंडर घोटाला में सीबीआई के कसते शिकंजे से पार्टी में असहज माहौल है…चारा घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत में जारी सुनवाई भी अब अंतिम चरण में है..ऐसे में पार्टी इस विकल्प पर विचार कर रही है कि तेज्सवी को कोई बड़ी जिम्मेदारी देकर पार्टी को मजबूत किया जाए…
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