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तेजस्वी यादव ने की मंत्री लेसी सिंह को बर्खास्त करने की मांग

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पटना Live डेस्क। बिहार में लगातार खराब हो रहे कानून व्यवस्था को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष बिहार सरकार को एक बार फिर से निशाने पर लिया है। एक दिन पहले दिल्ली से पटना लौटे तेजस्वी यादव ने पूर्णिया में जिस तरह के पूर्व जिला पार्षद की हत्या की गई है, उसको लेकर सरकार के काम पर जमकर हमला किया है। तेजस्वी ने मंत्री लेसी सिंह से सीधा इस्तीफे की मांग की है।
तेजस्वी ने कहा है कि बिहार में कानून की क्या स्थिति है यह इस बात से समझा जा सकता है पूर्व जिला पार्षद अपने ऊपर हुए हमले की शिकायत पुलिस के पास की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करना तो दूर इस पर मामला तक दर्ज नहीं किया गया। नतीजा यह हुआ कि रिंटू सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तेजस्वी ने कहा कि इस मामले में मृतक के परिजन सीधे सीधे सीएम की चहेती मंत्री लेसी सिंह और उनके भतीजे पर हत्या का आरोप लगा रहा है, लेकिन बिहार सरकार कार्रवाई के नाम पर सिर्फ संबंधित थाना के थानाध्यक्ष को संस्पेंड कर दिया जाता है।
तेजस्वी मधुबनी के आरटीआई एक्टिविस्ट की हत्या पर भी बोले। उन्होंने कहा कि 4 दिन पहले शिवहर में रघुनाथ झा के भतीजे की हत्या कर दी गई थी। मोतिहारी में पुलिस कस्टडी में एक छात्रा की मौत हुई लेकिन पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है। छठ पूजा में नीतीश कुमार के गृह जिले में बलात्कार होता है। मधुबनी नरसंहार में गुर्दा तक निकाल लिया गया था, इस पर अब तक सरकार ने क्या कार्रवाई की गयी?
राजद नेता ने कहा कि 15 दिनों में जहरीली शराब से 65 लोगों की मौतें हो गईं और मुख्यमंत्री कह रहे हैं कानून अपना काम कर रहा है। बिहार पुलिस पूरी तरीके से नीतीश कुमार की पुलिस हो गई है। ये नीतीश कुमार का पूरा खेल हो रहा है। अगर सही से जांच होने लगे तो नीतीश कुमार की पूरी कैबिनेट जेल में होगी। ये वही लेसी सिंह हैं जिन पर डीलर को धमकाने का आरोप लगा था। इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सारे गड़बड़ लोग तो आपके ही लोग हैं।
तेजस्वी ने कहा कि शराब की एक बूंद भी बिहार में नहीं मिलनी चाहिए। कौन है जो नहीं जानते कि थाने के लोग तस्करी करवाते हैं। नीतीश कुमार ने इसपर एक बयान तक नहीं दिया। नीतीश के राज में लगातार अपराध बढ़ रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई-सुनवाई नहीं है। नीतीश बताएं कि उनकी चहेती मंत्री (लेसी सिंह) को हटाएंगे कि नहीं। कब कार्रवाई की जाएगी ? इसका जवाब नीतीश कुमार को आकर देना होगा। नीतीश कुमार ऐसे सवालों पर दही जमा लेते हैं। आरोप ऐसे ही नहीं लगते? हमपर भी आरोप लगते हैं तो जांच की बात कहते हैं। ये बात नीतीश के मंत्री क्यों नहीं कहते? जरूर कुछ दाल में काला है।

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