ये कैसा सुशासन? सच के पहरुआ को जिंदा फूका , महज 3 महीने में 2-2 पत्रकारों की नृशस हत्या
पटना Live डेस्क। सूबे में पूरी तरह क्षत विक्षत हो चुके सुशासन यानी कानून के राज में अपराधियों का तांडव चरम पार कर चुका है यह बताने की आवश्यकता नही है। हालात इस कि मुनादी कर रहे है। सूबे में अपराधियों की बंदूके लगातार शोले उगल रही है…