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विधानपरिषद की सदस्यता मामले में सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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पटना Live डेस्क. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विधान परिषद की सदस्यता पर सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करेगा…दिल्ली के एक वकील की तरफ से दायर याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि नीतीश कुमार ने अपने चुनावी दस्तावेजों में उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होने की जानकारी नहीं दी…चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वीला बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी…याचिका में मांग की गयी है कि बिहार के मुख्यमंत्री को विधान पार्षद पद से अयोग्य घोषित कर देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने 2004 और 2012 में चुनावी दस्तावेज जमा कराते समय आपराधिक जानकारी छुपाई…याचिका में आगे दावा किया गया कि नीतीश ने अपने कार्यकाल की संवैधानिक ताकत के चलते 1991 के बाद से ही गैर जमानती अपराध में जमानत तक नहीं ली और साथ ही 17 साल बाद मामले में पुलिस से क्लोजर रिपोर्ट भी फाइल करवा ली… सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग भी याचिका में की गई है..वकील ने याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह इस तरह का आदेश जारी करे कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर या आपराधिक मामला दर्ज है तो वह किसी भी संवैधानिक पद पर ना बैठ पाए…

बता दें कि जुलाई में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोडकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया था…इसके बाद लालू ने भी इस हत्या के एक मामले को लेकर नीतीश पर हमला बोला था..

 

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