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‘खबर मंथन’ के प्रधान संपादक की बड़ी बहन का निधन,पटना के अपोलो बर्न हॉस्पीटल में लीं अंतिम सांस

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#प्रतिवर्ष छठव्रत करने वाली पर नहीं हुईं ‘छठी मईया सहाय

पटना Live डेस्क। बिहार के वरीय पत्रकार व खबर मंथन के प्रधान संपादक विनायक विजेता की बड़ी बहन शीला शर्मा का सोमवार की शाम निधन हो गया। बीते दीपावली के दिन पटना के कंकड़बाग के सचिवालय कॉलोनी स्थित अपने आवास पर रात में लक्ष्मी-गणेश पूजन करने के दौरान गलती से एक दीये से उनकी साड़ी में आग लग गई थी। जबतक परिवार के लोग जूटते तबतक उनके गर्दन से नीचे का दाहिना अंग 50 प्रतिशत से ज्यादा जल चुका था।उन्हें आनन-फानन में कुम्हरार स्थित अपोलो बर्न हॉस्पीटल में दाखिल कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा था। सोमवार को दोपहर तक उन्होंने अस्पताल में रह रहे अपने पति एवं दोनों पुत्रों से बाते भी की पर शाम लगभग 4 बजे अचानक उनका निधन हो गया। काफी धार्मिक प्रवृति वाली शीला शर्मा प्रतिवर्ष कार्तिक छठ पूजन भी करती रही हैं। पर इस वर्ष दीपावली के दिन ही घटी इस घटना के कारण वह छठ पूजा भी नहीं कर पाईं पर उन्होंने अपने परिजनों को यह जरूर कह रखा था कि उनके कारण कोई अपने घर में छठ जैसे पवित्र पर्व को न रोके। भगवान सूर्य और छठी मईया की कृपा होगी तो वह जल्द स्वस्थ होकर घर लौट आएंगी।
पर ऐसा न हो सका और छठी मईया उनपर सहाय न हो सकीं। वरीय पत्रकार विनायक विजेता और उनका परिवार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अपने गांव बंधुगंज (घोषी,जहानाबाद) में छठ पर्व की तैयारी में लगा था। बंधुगंज स्थित फल्गू नदी के तट पर विनायक विजेता के रिटायर्ड इंजीनियर पिता ब्रजनंदन शर्मा ने ग्रामवासियों के सहयोग से एक भव्य सूर्यमंदिर का निर्माण करा रखा है,जहां छठ पर्व के अवसर पर हजारो श्रद्धालु जूटते हैं।                        
सोमवार की शाम श्री विजेता की बड़ी भाभी जैसे ही खरना पूजन की तैयारी करने बैठी वैसे ही पटना से उनके निधन की मनहूस खबर घर में पहुंची। इसके बाद छठ का मंगलगीत क्रंदन और रुदन में बदल गया। खरना पूजन रोक परिवार के सभी सदस्य बंधुगंज से पटना के लिए रवाना हो गए। सोमवार की देर रात गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। दो पुत्रों की मां शीला शर्मा के बड़े पुत्र कुमार गौरव ने अपनी माता को मुखाग्नि दी। स्व. शीला शर्मा मूल रुप से काब (निसरपुरा) निवासी व बीपीएससी के रिटायर्ड संयुक्त सचिव स्व. संजीवन शर्मा की पुत्रवधु व बिहार स्टेट टेक्स्टबुक से अवकाश प्राप्त सेक्शन आफिसर श्रीनिवास शर्मा की पत्नी थीं। शीला शर्मा के आकस्मिक निधन पर कई बुद्धजीवियों और समाजसेवियों ने शोक-संवेदना प्रकट की है।

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