बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

शरद ने अनिश्चितताओं को दिया विराम,कहा-‘जेडीयू में हूं और रहूंगा,किसी दूसरी पार्टी की रैली में शामिल होने का इरादा नहीं’

194

पटना Live डेस्क. नीतीश कुमार से बढ़ती नाराजगी के बीच जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने बड़ा बयान दिया है. शरद यादव ने कहा कि मैं जेडीयू में था, और जदयू में ही रहूंगा. उऩ्होंने कहा कि इस पार्टी की स्थापना काल से मैं इसका सदस्य हूं, मैं इसे कैसे छोड़ सकता हूं? एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक शरद यादव ने कहा कि अभी मेरे बिहार के दौरे पर जाने जैसी भी कोई बात नहीं है,ना ही मैं 5 अगस्त को पटना आकर जेडीयू के नाराज नेताओं के साथ नई पार्टी बनाने का एलान करने जा रहा हूं. ये सब बेवजह की बातें हैं. उन्होंने 8 अगस्त को भी बिहार दौरे पर आने वाली बात को खारिज कर दिया,जिसमें यह कहा जा रहा था कि शरद यादव तेजस्वी की सभा में साथ होंगे और पूरे बिहार की यात्रा करेंगे.

बता दें कि गुरुवार को राजद अध्यक्ष लालू यादव ने रांची में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि 9 अगस्त से तेजस्वी रैली करेंगे और बिहार के कोने-कोने में जाकर महागठबंधन के टूटने की सच्चाई बताएंगे और शरद यादव भी उनके साथ होंगे. शरद ने साफ तौर से इससे इंकार किया है और कहा है कि लालू की इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. यह महज अफवाह है.

उन्होंने कहा कि महागठबंधन के टूटने का दुख तो है लेकिन जदयू से अलग पार्टी बनाने की बात पूरी तरह गलत है. दरअसल मेरे एक पुराने सहयोगी विजय वर्मा ने ऐसा कहा था, क्योंकि वो भी महागठबंधन टूटने और जदयू के बीजेपी के साथ जाने से दुखी हैं, क्योंकि एक बार बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद ही जनता ने महागठबंधन को जनादेश दिया था.

जब उनसे पूछा गया कि 19 अगस्त को पटना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वो मौजूद रहेंगे? इसका जवाब देते हुए शरद यादव ने कहा कि मुझे अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक बैठक दिल्ली में आयोजित हो रही है, लेकिन अब पता चला है कि बैठक दिल्ली में नहीं पटना में होगी और अगर मुझे आमंत्रण मिलेगा तो मैं बैठक में जरूर मौजूद रहूंगा.

वहीं, जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आने के लिए शरद यादव जी को आमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है और वो हमारे वरिष्ठ नेता हैं. वो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जरूर आएंगे. उन्होंने कहा कि ये बैठक दिल्ली में होने वाली थी लेकिन बिहार में अभी बाढ के जैसे हालात हैं और ऐसे में मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार राज्य से बाहर नहीं जा सकते.

वहीं पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने भी कहा है कि शरद यादव जदयू को छोड़कर भ्रष्टाचार में घिरे लालू का साथ कैसे दे सकते हैं, जबकि 1990 में जब एक मामले में उनके ऊपर आरोप लगा था तो उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. फिर वो कैसे जदयू को छोड़कर राजद का साथ दे सकते हैं? दूसरी बात यह भी है कि अगर वो पार्टी छोड़ते हैं तो उनकी राज्यसभा से सदस्यता भी खत्म हो जाएगी.

 

Comments are closed.