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BiG News – पटना के पालीगंज में दिनदहाड़े RTI एक्टिविस्ट की गोली मार कर हत्या से मची सनसनी, बालू माफिया पर संदेह

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पटना Live डेस्क। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2005 से लेकर अब तक देशभर में 87 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है। इन हत्याओं के आंकड़े में क़रीब 20 फीसदी की हत्याएं केवल बिहार में हुई हैं। साल 2018 में बिहार में पांच आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले सामने आए, वही वर्ष 2019 सात आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। वही इस नववर्ष ट्वेंटी20 के शुरुआत के चौथे दिन ही यानी आज शनिवार,4 जनवरी को माफिया ने अपराधियो के जरिए राजधानी पटना से सटे पालीगंज के रानीतलाब थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े एक RTI एक्टिविस्ट को कत्ल करा दिया है। उल्लेखनीय है कि सुत्रों की माने तो पंकज सिंह ने बीते वर्ष में बालू माफियाओ के ख़िलाफ़ शिकायत की थी। तदुपरान्त पटना पुलिस को भी खुद की जान पर ख़तरा होने की जानकारी देते हुए शिकायत दर्ज कराइ थी। फिर भी उनकी हत्या पटना पुलिस की सुरक्षा के तमाम दावों की पोल खोलने केलिए काफ़ी है।

RTI एक्टिविस्ट की हत्या

मिली जानकारी के अनुसार पटना जिले के रानीतलाब थाना क्षेत्र के कटारी गाँव के समीप अपराधियों ने आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज कुमार को गोली मार कर मौत की नींद सुलाया दिया। शनिवार के सुबह पुलिस ने पंकज कुमार की गोलियों से बिधी लाश बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

अपराधियों की गोली का शिकार हुए आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज कुमार ने बीते वर्ष अवैध बालू खनन और कारोबार को लेकर दर्जनों शिकायत न केवल दर्ज कराई थी बल्कि लगातार सूचनाएं संबंधित विभाग से मांगते रहते थे। मूल रूप से जनपारा निवासी मृतक पंकज सिंह के पिता निर्मल सिंह ने भी हाल के दिनों में सरकारी महकमें में भ्रष्टाचार को लेकर कई शिकायतें की थी पूर्व में भी गाँव में कई मुद्दों को लेकर कई लोगो से विवाद की जानकारी जानकारों द्वारा बताई गई है।

वही, पंकज की हत्या से पूरा परिवार सदमे की हालत में है। अभी तक परिजनों ने किसी पर भी आरोप नही लगाया है।हत्या के पीछे किसका हाथ है पुलिस छानबीन में जुटी है।

RTI एक्टिविस्ट को हत्या के बाबत पालीगंज डीएसपी मनोज पांडे और रानीतलाब थानाध्यक्ष मामले की छानबीन कर रहे है। वही नवनियुक्त सिटी एसपी (वेस्ट) अशोक मिश्रा ने स्पष्ट निर्देश दिया है की जो भी घटना में शामिल है उनकी जल्द गिरफ़्तारी होगी।

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