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BIG News – RJD सांसद और विधायक की गुंडागर्दी का सबब- सरकारी डॉक्टर ने छोड़ी नौकरी तो इंजीनयर ने दर्ज कराई प्राथमिकी

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पटना Live डेस्क। राजद के वर्त्तमान सबसे सशक्त मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की दल के दामन पर “जंगलराज” और “कुशासन”जैसे जुमलों से  नाम अलग करने की छटपटाहट के बावजूद फिर एक बार दल पर आरोप लगने लगे है। ताज़ा वाक्या दल के टिकट पर लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद निकाले गए विजयी जुलूस में पाकिस्तान समर्थित नारे लगने से विवादों में घिरे अररिया सांसद सरफराज आलम फिर एक नए विवाद में मुल्विज़्ज़ होते दिखाई दे रहे है। ताजा विवाद सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक (डीएस) Dr जेएन माथुर को धमकी दिए जाने का है।
राजद सांसद की धमकी से आहत डीएस डॉ जेएन माथुर ने मंगलवार को पद से त्यागपत्र दे दिया। सीएस एनके ओझा को सौंपे त्यागपत्र में  माथुर ने कहा है कि मोबाइल से फोन कर सांसद ने उन पर कई आक्षेप लगाए साथ ही अमर्यादित लहजे में सांसद ने पद से हटवा देने की धमकी दी। इसके बाद पद पर बने रहना उनके लिए संभव नहीं था। इसलिए डीएस के प्रभारी पद से त्यागपत्र दे दिया।
अररिया सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. जगनारायण माथुर के साथ यह वाकया 21 मई की शाम 4.15 बजे घटी। घटना के बाद उपाधीक्षक डा. माथुर नें जिले के सिविल सर्जन, डीएम और राज्य स्वास्थ्य समिति को पूरे घटना की जानकारी दी और पद मुक्त करने की गुहार लगायी। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है की अररिया के राजद सांसद सरफराज आलम ने मोबाइल नं 9931817786 से फोन कर असभ्य भाषा का प्रयोग किया और अपमानित किया। इतना हीं नही सांसद नें उन्हें सांप्रदायिक होने का भी आरोप जड़ दिया। ऐसी स्थिति में वे काम नही कर सकते । इसलिए उन्हें अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक के पद से हटाया जाए।
इस घटना के के बाबत बिहार आइएमए ने इस घटना की निंदा की है। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. अजय कुमार नें आरोपी सांसद पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होनें कहा है की डाक्टर भय में कैसे काम करेंगे। वहीं जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा की यह मामला सरकार के संज्ञान में है और किसी को भी कानून हाथ में लेनें का अधिकार नही है। निश्चित तौर पर इस मामले में कार्रवाई होगी। हालांकि आरोपी सांसद सरफराज आलम ने अपने उपर लगे आरोप पर सफाई देते हुए कहा की वे जनप्रतिनिधि हैं और क्षेत्र के लोगों की मदद को लेकर अधिकारियों को फोन करते हैं। इसमें धमकी या अपमानित करनें की कोई बात नही है।
डॉ माथुर का कहना है कि अब वे अवकाश पर जाने का विचार कर रहे हैं। त्यागपत्र स्वीकार करना या नहीं करना सिविल सर्जन के अधिकार क्षेत्र में है। वहीं,सीएस नवल किशोर ओझा ने कहा कि त्यागपत्र के विषय में कोई जानकारी नहीं है। वह पटना जा रहे हैं। पटना से लौटने के बाद पूरे मामले पर विचार किया जाएगा। इस संबंध में डीएम से भी बातचीत करेंगे।
इधर सांसद सरफराज आलम ने कहा कि सारे आरोप निराधार हैं। अस्पताल उपाधीक्षक से तो मेरी बात भी नहीं हुई। सदर अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की अनियमितता को लेकर सीएस से बात हुई थी।अस्पताल में न तो महिला चिकित्सक है, न दवाई,न सफाई। जनप्रतिनिधि होने के नाते इस ओर ध्यान दिलाना हमारा कर्तव्य है। ऐसे में आरोप लगाना नाइंसाफी है। वहीं डीएम हिमांशु शर्मा ने कहा कि प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक डॉ जेएन माथुर ने त्यागपत्र दिया है पर वे अपने पद पर बने रहेंगे। त्यागपत्र में जो जानकारी दी गई है उसे संज्ञान में लेकर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

विधायकनामा

 

भोजपुर के बड़हरा के राजद विधायक सरोज यादव पर बाढ़ नियंत्रण के सहायक अभियंता को धमकी देने के मामले में कानूनी शिकंजा कस गया है।।सहायक अभियंता श्रीनिवास राम के बयान पर मंगलवार को विधायक के खिलाफ बड़हरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी। इसमें विधायक पर जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है। इस दौरान अभियंता ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार भी लगायी है।थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 15 मई की शाम करीब साढ़े पांच बजे विधायक ने उनके मोबाइल पर कॉल की। उसके बाद जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। कहा गया कि तुम्हारा समय लद गया है। मेरे क्षेत्र में कैसे काम करोगे, देख लूंगा। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है। एसपी अवकाश कुमार ने बताया कि एसडीपीओ पंकज कुमार पूरे मामले की जांच करेंगे। जांच रिपोर्ट आने के बाद विधायक के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जायेगी। इधर, विधायक सरोज यादव ने धमकी दिये जाने संबंधी आरोप को गलत बताया है। वही बड़हरा विधायक सरोज यादव और विवादों का चोली दामन का साथ रह है।

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