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Super Exclusive – आरा के कृष्णा सिंह हत्या का सबसे बड़ा खुलासा – महिनों पहले से पीएम,सीएम से लेकर थानेदार से लगाते रहे थे जान बचाने की गुहार

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पटना Live डेस्क। बिहार के आरा में इसी वर्ष रविवार 2 जुलाई को आरा के रसूखदार जमींदारों में से एक कृष्णा सिंह को 22 गोलियां मारी थीं जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। हत्या के बाद आरा से लेकर पटना तक कोहराम मच गया था। कृष्णा सिंह भलुहीपुर गांव के बेहद प्रतिष्ठित परिवार के थे। इस परिवार की काफी संपत्ति है।पिता स्व रामखेलावन सिंह की शहर में कई जगहों पर अच्छी खासी संपत्ति है।पांच भाइयों में छोटे  कृष्णा सिंह, मृदु भाषी और मिलनसार प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। दो भाइयों की मौत पहले ही हो चुकी है। पूरा परिवार बाहर रहता है।मृतक कृष्णा सिंह आरा में रहकर अपना व्यवसाय संभालते थे।कृष्णा सिंह को एक बेटा और दो बेटी है।


पूर्व से ही कृष्णा सिंह अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर आवेदन दे चुके थे। हालांकि पुलिस ने इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाया। पूर्व से चल रहे ज़मीनी विवाद को लेकर वे बेहद आशंकित थे। साथ ही पूरा परिवार भी इस बात से बेहद सहमा हुआ था। शहर के पॉश इलाके में साढ़े पांच एकड़ ज़मीन की वजह से अपने परिजनों पर आसन्न खतरे से अवगत कृष्णा सिंह और छोटे भाई दिलीप सिंह ने महिनों पहले से पीएम, सीएम से लेकर थानेदार तक को पत्र लिखकर इस बात की गुहार लगाई थी कि उनके परिवार की जान बचाई जाय।साथ ही अपने पत्र में उन्होंने स्पष्ट रूप से उन तमाम लोगो का उल्लेख भी किया था। जिनका बाद में कृष्णा सिंह हत्याकाण्ड में भोजपुर पुलिस ने खुलासा किया।वर्त्तमान में दानिश रिजवान समेत अन्य 6  अभियुक्त जेल में है।

 

कत्ल होना था दिलीप सिंह का मारे गए कृष्णा सिंह 

कृष्णा सिंह की हत्या वाले दिन यानी रविवार 2 जुलाई को दिलीप सिंह भी शहर में मौजूद थे। पटना Live से मोबाइल पर बातचीत के दौरान दिलीप सिंह ने बताया की चूकी पुश्तैनी ज़मींन के तमाम मामले मै ही देखा करता हूँ। मैं ही भूमाफिया के निशाने पर था और अब भी हूँ। लेकिन, हत्या मेरे बड़े भाई कृष्णा सिंह उर्फ कुमार जी कर दी गई। अपराधियों द्वारा मेरे भैया को 22 गोलिया मारी गई। इस वाकये से आप समझ सकते है कि भूमाफिया शहर में कितना ताकतवर और बेखौफ है। पूर्व में भी दानिश रिज़वान और इसके साथियों ने  ज़मीन पर बल पूर्वक कब्जा करने की कोशिश की थी पर स्थानीय लोगो के जबरदस्त विरोध की वजह से कामयाब नही हो सके।

पीएम, सीएम से लगाई जान बचाने की गुहार

जबरिया ज़मीन कब्जाने की घटना के बाद से यह बिल्कुल स्पष्ट हो चुका था भोजपुर का जिला प्रशासन भूमाफिया के इस षड्यंत्र में सहभागी था। तमाम कोशिशों और प्रयासों के बाद भी जब जिला प्रशासन से किसी प्रकार की मदद नही मिली और परिवार पर आसन्न खतरा बढ़ने लगा तब मैंने 6 फरवरी स्पीड पोस्ट के द्वारा पत्र भेजकर तमाम हकीकत का उल्लेख करते हुए दिलीप ने जान बचाने की गुहार लगाई। साथ ही ट्वीटर के माध्यम से भी पीएमओ और नीतीश कुमार को तमाम हक़ीक़ते लिख भेजी और प्राणरक्षा की गुहार लगाई। पर नतीजा सिफ़र साबित हुआ और 2 जूलाई को मेरे परिवार पर बिजली गिरी और मेरे बड़े भाई की निर्मम हत्या कर दी गई।

और कौन कौन है साज़िश के सूत्रधार बताएंगे …कल

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