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राजगीर : बिहार का पसंदीदा पर्यटन स्थल

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पटना Live डेस्क। बिहार में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि का श्रेय राजगीर को दिया जाता है। राजगीर हिन्दु, जैन और बौद्ध मतावलंबियों का प्रमुख तीर्थस्थल है।  इन धर्मों से रूबरू होने के लिए और इन धर्मो के इतिहास को जानने के लिए राजगीर बेस्ट तीर्थस्थल माना जाता है। राजगीर, बिहार का ऐसा स्थान है जहाँ पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों की लम्बी कतार है और जहाँ राजा महाराजाओं की कई कहानियाँ बनी  है। राजगीर प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है और अगर आप मानसून के मौसम में वहाँ जाएंगे तब वहां घूमने का मज़ा डबल हो जाएगा क्योंकि इस जगह का हरा भरा वातावरण लोगों को और भी ज्यादा लुभाता है। साथ ही आस्तिक और धर्म पर आस्था रखने वाले लोगों को राजगीर आकर कई जगहों का दर्शन कर के लोगों को संतुष्टि मिलती है।

राजगीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। देश के कोने कोने से लोग यहाँ छुट्टियां मनाने या घूमने आते है। देश से ही क्यों, दूर  देशों से भी लोग राजगीर भ्रमण करने आते हैं जैसे श्रीलंका, थाइलैंड, कोरिया, जापान, चीन, अमेरिका और इंगलैंड। तो आप किस इंतज़ार में बैठें हैं ? आपको तो अपने देश और राज्य के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए जिसके लिए आपको वहां अवस्य जाना चाहिए। राजगीर में पर्यटकों की अच्छे से खातिरदारी करने के लिए 32 होटल, 30 से अधिक धर्मशालाएं और 15 से अधिक लॉज हैं। पटना और बिहारशरीफ से आराम से राजगीर जा सकतें हैं , यहाँ घूमने के लिए कई दिनों तक ठहरने की आवश्यकता नहीं बल्कि तीन दिन का समय काफी  है।

आपको क्यों जाना चाहिए राजगीर ?

  • राजगीर में ऐतिहासिक, प्राचीन एवं धार्मिक स्थलों का संग्रह है।
  • यहां सप्तकर्णि गुफा, सोन गुफा, मनियार मठ, जरासंध का आखाड़ा, तपोवन, वेनुवन, जापानी मंदिर, सोनभंडार गुफाएं, बिम्बिसार कारागार और आजातशत्रु का किला है।
  • ऐसा माना जाता है कि जैन धर्म के ग्यारह गंधर्वों का निर्वाण भी राजगीर में ही हुआ था।
  • यहाँ के पंच पहाड़ियों की अपनी ही मान्यता है। उनके नाम हैं : विपुलगिरी, रत्नागिरी, उदयगिरी, सोनगिरी और वैभारगिरी। इन पांचों पहाड़ियों पर जैन धर्म के मंदिर बने हुए हैं।

  • कहा जाता है कि भगवान महात्मा बुद्ध ने रत्नागिरी पर्वत के नजदीक में ही स्थित गृद्धकूट पहाड़ी पर बैठकर लोगों को उपदेश दिया था, इसी कारण गृद्धकूट पहाड़ी भी वहां काफी प्रचलित है।
  • बसुमति, बृहद्रथपुर, गिरिवगज, कुशाग्रपुर, राजगृह ये सारे राजगीर के ही नाम है। इन सभी नामों से राजगीर को क्यों पुकारा जाने लगा इसके पीछे के कारणों को जानने के लिए आपको राजगीर जरूर जाना चाहिए।
  • रत्नागिरी पहाड़ पर बौद्ध धर्म का शांति स्तूप है।
  • राजगीर में प्रति तीन वर्ष पर मलमास मेला लगता है जिसे देखने के लिए देश और विदेश से पर्यटकों की भीड़ जुटती है।

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