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BiG News – मिडल क्लास को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में PM मोदी, अंतर‍िम बजट में दोगुनी (यानी ढाई लाख से 5 लाख) हो सकती है आयकर से छूट की सीमा?

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पटना Live डेस्क। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने कार्यकाल के अंतरिम बजट में मध्य वर्ग को सरकार आने वाले बजट में बड़ी सौगात दे सकती है।वित्त मंत्री अरुण जेटली आयकर छूट की सीमा दोगुनी कर सकते हैं। वेतनभोगी वर्ग के लिए इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है। अभी यह 2.5 लाख रुपये है।यही नहीं, मेडिकल खर्च और ट्रांसपोर्ट अलाउंस को फिर से टैक्स के दायरे से बाहर किया जा सकता है।

वर्त्तमान इनकमटैक्स स्लैब                          

वर्त्तमान में देश मे  2.5 लाख रुपये सालाना की आय पर इनकम टैक्स से छूट मिलती है। वही 2.5-5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी टैक्स है। तो 5-10 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स वसूला जाता है। वही,10 लाख रुपये से अधिक की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स है। केवल 80 साल से अधिक के उम्र के व्यक्तियों के लिए 5 लाख रुपये तक आयकर से छूट है।

प्रेजेंट स्लैब

2.5 लाख रुपये तक की इनकम : कोई टैक्स नहीं
2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की इनकम : 5 फीसदी
5 लाख से 10 लाख रुपये तक की इनकम : 20 फीसदी
10 लाख से अधिक की इनकम : 30 फीसदी

इसके अलावा 15,000 रुपये तक के टैक्स फ्री मेडिकल एक्सपेंस और 19,200 रुपये तक के ट्रांसपोर्ट अलाउंस को भी 20,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ बदल दिया गया है। इससे टैक्सपेयर को सालाना करीब 12,500 रुपये की टैक्स बचत होती है।                               कायदे से अंतरिम बजट में बहुत अधिक पॉलिसी बदलाव नहीं होते हैं लेकिन, भाजपा सरकार को आशंका है कि आम चुनावों में मध्य वर्ग के गुस्से का उसे सामना करना पड़ सकता है।
वही विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि यही कारण है कि सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव की योजना बना रही है। सरकार डायरेक्ट टैक्स कोड भी लाने को तैयार है।इसे 28 फरवरी को लाया जाएगा।डायरेक्ट टैक्स कोड का मकसद नए करदाताओं को टैक्स के दायरे में लाना होगा। इसकी मदद से अलग-अलग वर्ग के करदाताओं के लिए सिस्टम में अधिक पारदर्शिता लाई जाएगी।कॉरपोरेट टैक्स घटाकर उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाया जाएगा।उन टैक्स छूटों को खत्म किया जाएगा, जिनसे मुकदमेबाजी बढ़ती है।
दरअसल, किसानों में असंतोष, मध्यवर्ग का गुस्सा, बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़े और दलितों का आक्रोश भाजपा पर भारी पड़ सकता है। गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी कोटा वोट बैंक को खुश करनी की ही कवायद है।                                          वही, इस चुनावी साल में मोदी सरकार मद्यमवर्गीय मतदाताओं को पुनः एक बार भाजपा की मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता सौपे की कवायद के तहत कई और लोकलुभाव वित्तीय तोहफे दे सकती है।

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