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प्रधानमंत्री मोदी ने की बिहार के ज्ञान की प्रशंसा कहा-‘शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां टॉप फाइव आईएएस बिहार के न हों’

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पटना Live डेस्क. पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार की मेधा की फिर से प्रशंसा की है. उन्होंने कहा है कि बिहार की धरती उर्जावान और ज्ञानवान है. पीयू के शताब्दी वर्ष समारोह में भाग लेने आये पीएम ने कहा कि मैं पटना विश्वविद्यालय के इस कार्यक्रम में आना अपना सौभाग्य मानता हूं.
उन्होनें कहा कि मैं पटना की इस धरती पर स्थित पर स्थित पीयू के पवित्र प्रांगण को नमन करता हूं.इस कैंपस का देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने चीन की एक कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि, अगर आप साल भर का सोचते हैं.. तो अनाज बोइये. 10-20 साल का सोचते हैं… तो फलों का वृक्ष बोइये.. पीढ़ी का सोचते हैं तो मनुष्य को बोइये… पीयू इस बात का जीता जागता सबूत है कि 100 साल पहले जो बीज बोया गया उसके बाद से कई पीढियां यहां आती रही और देश को आगे ले गई….

पीएम ने कहा कि भारत का शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां के टॉप फाइव आईएएस में पटना यूनिरवर्सिटी के प्रोडक्ट न हो… उन्होंने कहा कि मैं रोजाना 100-150 अधिकारियों से मिलता हूं जिसमें सबसे बड़ा दल बिहार का होता है… पीएम ने कहा कि बिहार ने सरस्वती की उपासना में अपने आप को खपा दिया है.. लेकिन अब वक्त बदल गया है हमें लक्ष्मी और सरस्वती दोनों को साथ लेकर चलना है… बिहार में भी दोनों देवियों को साथ लेने की जरूरत है.. ताकि ये भी पहले पायदान पर आ खड़ा हो सके…

उन्होंने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार के विकास के प्रति नीतीश जी की प्रतिबद्धता काबिले तारीफ है… मैं यह चाहता हूं कि 2022 में जब देश आजादी के 75 साल मनाये तो बिहार भी संकल्प लेकर आगे और समृद्दशाली हो सके.

पीएम ने कहा कि बिहार में जितनी पुरानी गंगा की धारा है उतनी ही पुरानी ज्ञान का विरासत है. देश में जब भी ज्ञान की चर्चा होती है तो नालंदा और विक्रमशीला विश्वविद्यालय सर्वोपरि होते हैं. लेकिन अब सोच का दायरा बदल रहा है नई पीढ़ी के लिये चुनौती है कि जो पुराना सीख के आया है उसे कैसै बुलायें.

पीएम ने इनोवेशन पर जोर देते हुए कहा कि लोगों का दिमाग खुलेगा तभी नये विचारों के प्रवेश की संभावना बनेगी. आज के विश्विद्यालय को लर्निंग पर फोकस करने की जरूरत है. मोदी ने कहा कि मानव संस्कृति के विकास यात्रा को देखा जाये तो इसमें नवाचार का खासा योदगान है.

आज नवाचार का इतना महत्व है कि जो देश इसे प्राथमिकता देते हैं वही आगे बढ़ते हैं. आने वाले युग में आवश्यक्ताओं की पूर्ति के लिये क्वालिटी एजुकेशन की जरूरत है. देश को आगे बढ़ाना है तो युवा पीढी को इनोवेशन पर जोर देने की जरूरत है.

पीएम ने कहा कि आईटी के क्षेत्र में क्रांति से नजरिया बदला और विश्व ने हमें पहचाना और मान सम्मान देना शुरू किया. पहले भारत जादू-टोना का देश माना जाता था लेकिन भारत के युवाओं ने इसे बदला और अब इसकी पहचान युवा शक्ति के तौर पर हो रही है.

 

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