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BIG Breaking – आरा जेल में कैद कुख्यात सीरियल किलर पवन चौधरी को रिमांड पर ला रही है पटना पुलिस, प्रोडक्शन वारेंट पहुचा मंडल कारा

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पटना Live डेस्क। भोजपुर समेत राजधानी पटना में आतंक का पर्याय रहा कुख्यात पवन चौधरी अपनी गिरफ्तारी के बाद आरा जेल में कैद है। हत्या व रंगदारी समेत 20 संगीन मामलों में फरार चल रहे आरा के बेलाउर निवासी पवन चौधरी को भोजपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि उसको पटना पुलिस जल्द ही रिमांड पर लेकर जिले के बिहटा और रानीतलाब थाने में दर्ज 5 मामलों के बाबत पुछताछ करेगी। पुलिस विभाग के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगले 2 दिन में भागलपुर जेल में बंद कुख्यात रंजीत चौधरी के इस शार्प शूटर को पुलिस रिमांड पर राजधानी पटना लाने की कवायद पूरी कर लेगी है।
विदित हो कि कुख्यात पवन की गिरफ्तारी के बाद एसएसपी मनु महाराज ने स्पष्ट किया था कि जल्द पवन को रिमांड पर लेकर जिले में उसपर दर्ज आपराधिक मामलों में पूछताछ की जायेगी।।पवन की गिरफ्तारी के बाद से ही पटना पुलिस ने अपना होम वर्क शुरू करते हुये पवन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन देकर प्रोडक्शन वारेंट लेने की प्रक्रिया शुरू कर दिया था। पटना पुलिस को कोर्ट से मिले प्रोडक्शन वारेंट के तामिलें खातिर मंडलकारा  जेल भी  कवायद में जुट गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि पटना पुलिस को मंगलवार या बुधवार को पवन की कस्टडी मिल जायेगी।

पटना जिले में दर्ज है 5 मामले                            बता दें कि गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजे गए इस अपराधी के खिलाफ भोजपुर और पटना जिले में कुल 20 आपराधिक मामलें दर्ज हैं।जिसमें 14 केस भोजपुर और 5 केस पटना जिले में है।वही एक मामला झारखंड के जमशेदपुर में दर्ज है।पटना जिले में 4 केस बिहटा थाना और एक केस रानीतालाब थाना में दर्ज है।इन्हीं 5 केस में पटना पुलिस पवन चौधरी से पूछताछ करना चाहती है। इसमें एक केस हत्या और बाकि के 4 केस रंगदारी के हैं। वही हत्या का मामला साल 2016 का है। जिसमें दवा व्यवसायी अंजनी कुमार उर्फ मिट्ठू से पवन चौधरी ने रंगदारी मांगी थी और रंगदारी नहीं मिलने पर सरेआम अंजनी की हत्या कर दी गई थी।पवन की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही पटना के एएसपी आॅपरेशन अनिल कुमार और बिहटा के थानेदार रणजीत कुमार आरा गए थे और पवन से बिहटा और रानी तालाब के मामलों में पूछताछ भी की थी।
वही, गिरफ्तारी के बाद शुरूआती पूछताछ में पवन ने पटना जिले के 5 आपराधिक मामलों में अपनी संलिप्तता को स्वीकार भी किया था।अब पटना पुलिस बिहटा और रानीतलाब में हुए हत्या और रंगदारी के मामलों में उसके साथ कौन-कौन लोग शामिल थे?कैसे कब और कहाँ घटना को अंजाम दिया गया? कैसे प्लानिंग की गई थी? लाइनर कौन था ? गिरोह का लोकल सपोर्ट कौंन कौन करता है इत्यादि की जानकारी प्राप्त कर जिले में अंजाम दिए गए सभी मामलों का उद्भेदन खातिर पवन को रिमांड पर ले रही है।कौन है पवन चौधरी ?

भोजपुर में दो गुटों की आपसी वर्चस्व की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है।दोनों बेलाउर गाँव के ही निवासी है। पिछले साल 4-5 मार्च 2016 की दरमियानी रात पुलिस ने कुख्यात बुटन को एके 47 के साथ गिरफ्तार गाँव मे ही एक बारात से गिरफ्तार किया था।भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव निवासी कुख्यात अपराधी रंजीत चौधरी फिलहाल पटना जिले के बेउर जेल में कैद है।बेलाउर गांव के बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी ने अपराध की कई घटनाओं को साथ-साथ अंजाम दिया था। उस समय बूटन चौधरी को कई राजनीतिक लोगों का संरक्षण था। बाद में गांव में किसी बात पर रंजीत चौधरी को बूटन चौधरी ने गाली दी। इसके बाद मामला बढ़ गया और दोनों में अदावत हो गई। उसी दिन रंजीत चौधरी ने बूटन चौधरी को गोली मार दी थी। जिसके बाद बुटन चौधरी जख्मी हो गया था। रंजीत चौधरी फरार हो गया था। फिर बदलने बुटन गिरोह द्वारा रंजीत चौधरी के सगे भाई हेमंत चौधरी की हत्या कर दी गई। और फिर शुरू हुई गैंगवार–चौधरी गिरोहबाजों की जंग
भाई की हत्या के बाद सूत्रों का कहना है कि उस समय रंजीत ने पुलिस वालों से संपर्क कर भाई के हत्यारों को गिरफ्तार करने की मिन्नतें की थी। लेकिन पुलिस की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं होते देख रंजीत ने अपना अलग गैंग खड़ा किया। गैंग में पवन चौधरी, अभिषेक चौधरी, नीरज नेपाली और विकास जैसे दुःसाहसी युवकों को शामिल किया और फिर शुरू हो गई गिरोहबाजों की जंग तब से अबतक दो गुटों की आपसी वर्चस्व की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों बेलाउर गाँव के ही निवासी है। इस दौरान गांव में  4-5 मार्च वर्ष 2016 की दरमियानी रात बूटन चौधरी के पास एके-47 जैसे घातक हथियार होने की पक्की सूचना पर रंजीत चौधरी ने उसे मय हथियार पकड़कर  पुलिस के हवाले कर दिया था। फिलहाल बुटन चौधरी आरा जेल में बंद है।
इधर,करीब 9 महीने पहले 17 अगस्त 2017 को औरंगाबाद से रंजीत चौधरी को एसएसपी मनु महाराज की विशेष पुलिस दस्ते ने  गिरफ्तार कर लिया था। इस खबर को पटना Live ने सबसे पहले ब्रेक कर अपराध की खबरों में अपनी पकड़ को पुख्ता साबित किया था।
डॉन के गिरफ्तार होने के बाद पवन चौधरी ने ही गिरोह की कमान संभाल रखी थी।उसने गिरोह के अभिषेक चौधरी,नीरज नेपाली व मुन्ना चौधरी के साथ मिलकर ताबड़तोड़ आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस की नींद हराम कर दी थी। अपने विरोधियों को गोलियों से भूनने व रंगदारी के लिए फायरिंग कर दहशत फैलाने में माहिर पवन चौधरी के खौफ़ का आलम ये था कि इसका फ़ोन जाते ही व्यापारियों के होश उड़ जाया करते थे।

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