बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

बड़ी ख़बर– विशेश्वर ओझा हत्याकांड में राजद विधायक राहुल तिवारी और अन्य के खिलाफ आपराधिक याचिका हाईकोर्ट ने किया स्वीकार, 4 सप्ताह में सरकार से मांगा जवाब

250

पटना Live डेस्क। बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा हत्याकांड में पटना उच्च न्यायालय की एकलपीठ द्वारा स्वर्गीय विशेश्वर ओझा हत्याकांड में भोजपुर पुलिस द्वारा साजिशकर्ता वर्तमान शाहपुर के  आरजेडी एमलए राहुल तिवारी उर्फ मंटू तिवारी पर कार्रवाई नही करने सहित कई अन्य विन्दुओं पर जांच नही करने के विरुद्ध दायर अपराधिक याचिका को स्वीकार कर राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि एमलए राहुल तिवारी बिहार के वरीय नेताओ में शुमार शिवानंद तिवारी के बेटे हैं।


पटना हाईकोर्ट ने भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराने को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस मामले पर चार हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी।जस्टिस वीरेंद्र कुमार की एकलपीठ ने राजनाथ ओझा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद मंगलवार को यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि हत्याकांड के 19 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। इस हत्याकांड में स्थानीय विधायक राहुल तिवारी की संलिप्तता की जांच अबतक नहीं की गई है। इस घटना की जांच किसी अन्य एजेंसी से कराने का निर्देश दिया जाए, ताकि निष्पक्ष तरीके से जांच हो सके। असली अपराधी पकड़े जा सकें।
कांड तत्कालीन बिहार भाजपा उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा हत्याकांड से संबंधित है बिहार पुलिस द्वारा विशेश्वर ओझा हत्याकांड से संबंधित अनुसंधान की कार्यवाही कई बिंदुओं पर दोषपूर्ण और साजिशकर्ता को बचाने के उद्देश्य से अनुसंधान में देरी की जाने के फलस्वरूप आवेदक द्वारा आपराधिक रिट याचिका दायर की गई है जिसमें मुख्य रुप से मांग की गई है की

1) निष्पक्ष जांच समयावधि के अधीन करवाने का निर्देश दिया जाए जिससे राजनीतिक द्वेष के तहत हत्या की साजिश की पर्दाफाश हो।

2) स्थानीय विधायक माननीय श्री राहुल तिवारी उर्फ मंटू तिवारी की भूमिका की जांच की जाए जिन्होंने मुख्य अभियुक्त एवं अन्य अभियुक्त से घटना के दिन करीब 4 बार मोबाइल पर बात की थी इतना ही नहीं स्थानीय मुख्य राजद विधायक श्री राहुल तिवारी ने घटना के पूर्व मुख्य अभियुक्त हरेश मिश्रा 626 सेकंड करीब (10 मिनट 26 सेकंड), 10 सेकंड दो बार बात हुई थी एवं घटना के बाद 94 सेकंड भी मुख्य अभियुक्त से बात हुई साथ अन्य अभियुक्त से 38 सेकंड बात हुई थी।पीड़ित पक्ष पूर्व विधायिका श्रीमती मुन्नी देवी के द्वारा उठाई गई बिंदुओं पर वरीय पदाधिकारी के निर्देश के बावजूद अभी तक कोई करवाई नहीं की गई है।

3) फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी अभी तक नहीं की गई।

4) घटना के करीब 19 माह बीत जाने के बावजूद भी पुलिस द्वारा अभी तक प्रयुक्त कार्बाइन बरामद नहीं की गई है ।इतना ही नहीं एफएसएल रिपोर्ट  ड्राइवर राकेश ओझा की इंजरी रिपोर्ट भी पुलिस द्वारा प्राप्त नहीं की गई है।

5) यदि बिहार पुलिस समुचित जांच राजनीतिक संरक्षण साजिश के तहत नहीं कर पा रही है तो माननीय न्यायालय के सुपर विजन में किसी अन्य एजेंसी से जांच करवाने के आदेश दिया जाए। अभियुक्तों के सभी स्वीकारोक्ति बयान के बावजूद अभी तक प्रयुक्त कार्बाइन की बरामदगी के लिए कोई प्रयास नहीं की जा रही है।
माननीय पटना उच्च न्यायालय के एकलपीठ माननीय न्यायमूर्ति श्री वीरेंद्र कुमार द्वारा मामले की संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को 4 सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट फ़ाइल करने का निर्देश दिया गया है।

वही अपने भाई की हत्याकांड में शामिल लोगो को सज़ा दिलाने ख़ातिर प्रयासरत स्वर्गीय विशेश्वर ओझा के सहोदर भाई भुअर ओझा ने कहा है कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है,आज मेरे कानूनी प्रयासों व मेहनत का पहला प्रतिफल मिला।

विशेश्वर ओझा हत्याकांड

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार,12 फरवरी 2016 को शाहपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके भाजपा के तात्कालिक उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की वक्त हत्या कर दी गई थी जब वो अपनी गाड़ी से एक शादी में शामिल हो कर लौट रहे थे। सोनवर्षा बाजार में मारी गई थी गोली। विशेश्‍वर ओझा राज्‍य बीजेपी के प्रदेश उपाध्‍यक्ष थे और उन्‍होंने पिछले साल के बिहार विधानसभा चुनाव में शाहपुर सीट से चुनाव लड़ा था।

कारनोमपुर ओपी के ओझवलिया गांव निवासी विशेश्वर ओझा व सोनवर्षा गांव निवासी शिवाजीत मिश्रा के बीच लंबे समय से तनातनी चली आ रही थी। दोनों गुटों में जमीन दखल व फसल को लेकर दर्जनों बार गोलियां चलीं। लेकिन, राजनीति में विशेश्वर काफी आगे निकल चुके थे। प्रतिद्वंदी शिवाजीत का परिवार मुकदमे की लड़ाई में बर्बादी के कगार पर था। कई आपराधिक कांडों में नाम आने के बाद शिवाजीत के बेटों हरेश मिश्रा व धनंजय मिश्रा को जेल जाना पड़ा।


घटना वाले दिन यानी 12 फरवरी 2016 को सोनवर्षा बाजार के समीप शाम करीब 5:35 बजे के आसपास हथियार बंद आरोपी सड़क किनारे एक ऑटो की आड़ में छिपे थे। विशेश्वर ओझा अभी अपनी सफारी गाड़ी पर चढ़ ही रहे थे, तभी आठ-दस अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। भाजपा नेता सोनवर्षा गांव में गुडूडू मिश्रा की बेटी की शादी में गए थे। परिजनों के अनुसार जेल से जमानत पर बाहर आया हरेश मिश्रा अपने हाथ में कारबाईन लिए था। इनमें एक आरोपी 23 जनवरी को ही जेल से छूट कर आया है। वह आरा शिवाजीत मिश्रा का बेटा है।

 

Comments are closed.