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BiG News-लीजिए अब बिहार के भाजपाई उपमुख्यमंत्री का “घोटाला” हुआ उजागर, संकट में सुशासन सरकार

अबतक लगातार 4 बार कटिहार से विधायक बने पर उम्र बढ़ने की बजाए घट गई।

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पटना Live डेस्क। अबतक शिक्षा मंत्री मेवालाल के इस्तीफ़े से NDA सरकार उबर भी न पाई थी इसी बीच भाजपा कोटे से उपमुख्यमंत्री बनाये गए हज़रात का एक बड़ा घोटाला सामने आ गया है। दरअसल, ये गड़बड़झाला रूपी घोटाले का सच खुद उनके ही हलफनामों से उजागर हो रहा है। हद तो ये की बाकायदा अपने 2005 के हलफनामे उन्होंने स्वयं अपनी उम्र 48 वर्ष अंकित किया है।लेकिन 2020 में डिप्टी CM ने कमाल करते हुए खुद को महज 64 साल का बताया है। अब इस आयु घोटाले को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर डिप्टी सीएम को ट्रोल किया जा रहा है।

करोड़पति उपमुख्यमंत्री का सियासी सफर

तार किशोर प्रसाद चौथी बार कटिहार से चुनाव जीत कर आए हैं। वह 2005 अक्टूबर के बाद से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। पहली बार तारकेश्वर प्रसाद 106 वोट चुनाव जीते थे। उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार डॉ राम प्रकाश महतो को चुनाव हराया था। उसके बाद से लगातार कटिहार विधानसभा से वह चुनाव जीतते रहे हैं। इस बार भी तार किशोर प्रसाद 12 हजार वोट से चुनाव जीते हैं।

तार किशोर प्रसाद बीजेपी के साधारण कार्यकर्ता हैं। ज्यादा लाइमलाइट में नहीं रहते हैं। 1980 से राजनीति में सक्रिय हैं। तार किशोर प्रसाद ने 12वीं तक पढ़ाई की है। छवि भी बिलकुल साफ सुथरी है। तार किशोर प्रसाद पर आचार संहिता उल्लंघन का एक केस चल रहा है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 मे नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामे के अनुसार तारकिशोर प्रसाद करोड़पति हैं। देश के चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार, उनका व्यवसाय व्यापार और कृषि है। तारकिशोर प्रसाद की कुल घोषित संपत्ति 1.9 करोड़ रुपये है, जिसमें 49.4 लाख रुपये चल संपत्ति है और 1.4 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। तारकिशोर प्रसाद कुल घोषित आय 3.7 लाख है। जिसमें 3.7 लाख रुपये उनकी व्यक्तिगत आय है।

डिप्टी सीएम के सियासी करियर को देखे तो बिहार में बीजेपी के वरिष्ठ नेता तारकिशोर प्रसाद कटिहार से बीजेपी कोटे से जीतकर आए विधायक हैं। 64 वर्षीय तारकिशोर प्रसाद की 12वीं पास हैं।उन्होंने इस सीट पर आरजेडी के डॉ राम प्रकाश महतो को हराकर कटिहार सीट से लगातार चौथी बार चुनाव में जीत दर्ज की है।

2015 में लालू और नीतीश की मजबूत जोड़ी के बावजूद भी तार किशोर प्रसाद कटिहार से अपनी जीत दर्ज कराने में सफल रहे थे। इस चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी तो पिछली चुनाव में जेडीयू प्रत्याशी को इन्होंने मात दी थी।

क्या है आरोप?

कटिहार से लगातार चौथी बार बतौर विधायक जीते डिप्टी सीएम ने अक्टूबर 2005 चुनावी हलफनामे अपनी उम्र के कॉलम में अपनी उम्र 48 वर्ष अंकित किया है। देखिए

अब, देखिए दूसरे टर्म यानी वर्ष 2010 में पुनः एक बार कटिहार सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाये जाने पर चुनावी हलफनामे में विधायक जी चमत्कार को नमस्कार करते हुए गज़ब की कलाकारी करते हुए अपनी उम्र को 5 साल बाद महज़ 1 साल बढ़ाते हुए उल्लेख करते है कि मैं महज 49 साल का हूँ। देखिए

तीसरी बार तो और कमाल

अब बारी आती तीसरे टर्म की तो विधायक जी का जलवो जलाल देखकर आपको यक़ीन हो जाएगा कि सियासत में भी जवानी बरक़रार रखने की कला में कटिहार के भाजपा के जनप्रतिनिधि पारंगत हो है। चुकी तीसरा टर्म 2015 में शुरू तो अपनी तीसरी सियासी पारी में अपनी उम्र में तारकिशोर प्रसाद 3 साल जोड़कर खुद को 52 साल का घोषित करते है।देखिए

फोर्थ टर्म में 64 साल के हो गए डिप्टी सीएम

वक्त की अपनी रवानी होती है हर सियासतदा की एक कहानी होती है। इसी बीच वर्ष 2020 ख़ातिर बिहार विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बजती है। लगातार तीन बार से कटिहार से जीत रहे तारकिशोर प्रसाद पर भाजपा पुनः एक बात विश्वास जताती है। फिर चौथी बार कमल खिलाने की जिम्मेदारी लगातार जीत रहे तार किशोर को प्रदान करती है।

                अब चुकी चुनाव प्रक्रिया के तहत चुनावी हलफनामा दायर करने की रिवायत रही है,तारकेश्वर प्रसाद एक बार पुनः सारी जानकारियों के मुकम्मल और सत्य होने की पुष्टि करते हुए अपनी उम्र 64 साल घोषित करते है। देखिए

हलफनामे पर सवाल

सूबे के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के चुनावी हलफनामों का गए आप तफ़सरा करे तो आप खुद कन्फ्यूज़ हों जाएंगे कि आखिर उनकी सही उम्र क्या है? गर ये “झूठे हलफनामें”सूबे के डिप्टी सीएम के पद पर विराजमान शख़्स का है तो फिर सवाल उठना लाज़मी है कि क्या चुनाव आयोग की प्रक्रिया महज एक “कोरम” है? क्या चुनावी हलफनामे महज दिखावें ख़ातिर दाख़िल किये जाते है?

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