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BiG News -Muzaffarpur की नवरुणा को किसी ने नहीं मारा,सीबीआई भी रही नाकाम, क्लोजर रिपोर्ट दाखिल

बिहार के सबसे चर्चित नवरुणा अपहरण व हत्याकांड की जांच में सीबीआई फेल

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पटना Live डेस्क। बिहार के सबसे रहस्यमयी और चर्चित मुजफ्फरपुर जिले के नवरुणा अपहरण कांड मामले में सीबीआई ने विशेष अदालत में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी है। तकरीबन 6 वर्ष के जांच के बाद सीबीआई को किसी प्रकार की कोई सबूत और साक्ष्य नहीं मिले हैं। 40 पेज की दाखिल रिपोर्ट में सीबीआई ने किसी पर भी आरोप नहीं लगाया है। हालांकि, सीबीआई ने हत्या की बात कबूल की है। 4 दिसंबर को फिर इस मामले में मुजफ्फरपुर विशेष न्यायालय में सुनवाई होगी।

सीबीआई के अनुसंधानकर्ता अजय कुमार ने 40 पेज की रिपोर्ट दाखिल कर कोर्ट से इस केस को बंद करने का आग्रह किया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि हर बिंदु पर इस मामले में कांड जांच की गई है, लेकिन अभियुक्तों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। गौरतलब है कि सीबीआई 14 फरवरी 2014 से इस मामले की जांच कर रही थी। सीबीआई ने इस गुत्थी का सुराग देने वाले को 10 लाख का इनाम देने के लिए जगह-जगह इश्तेहार भी चिपकाया था। इसके बावजूद सीबीआई को कोई सबूत और साक्ष्य नहीं मिला।

कोर्ट ने CBI को दिया था 2 महीने समय

27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई को दो महीने का समय दिया था, जो 27 दिसंबर को पूरी हो जाएगी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से जांच में और समय देने की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को स्पष्ट रूप से कहा था कि दो महीने यानी 27 दिसंबर तक वह चार्जशीट कोर्ट में फाइल करें लेकिन उससे पहले ही सीबीआई ने मुजफ्फरपुर की विशेष सीबीआई अदालत में अपनी फाइनल रिपोर्ट समर्पित कर दी है। इस मामले में सीबीआई ने 7 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था लेकिन 90 दिनों के भीतर चार्जशीट फाइल नहीं करने के कारण सभी लोगों को जमानत मिल गई थी।

माता पिता ने अपहरण का लगाया था आरोप

नवरुणा के माता-पिता अतुल्य चक्रवर्ती और मैत्रेयी चक्रवर्ती ने जमीन के लिए बेटी की अपहरण का आरोप लगाया था। नवरुणा के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में 18 लोगों के नामों का जिक्र भी किया था और इनकी भूमिका की जांच कराने की मांग सीबीआई से की थी। मुजफ्फरपुर के नगर थाना क्षेत्र के जवाहरलाल रोड से सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली नवरुणा का18 सितंबर 2012 को अपहरण किया गया था। उसके बाद बिहार पुलिस ने जांच की फिर सीआईडी को जांच का जिम्मा मिला। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को जांच का जिम्मा दिया गया।

वहीं इस मामले में उस समय नया मोड़ आया था जब नवरुणा के घर के सामने स्थित नाले से 26 नवंबर 2012 को यानी अपहरण के लगभग 3 माह बाद नर कंकाल मिला था। सीबीआई ने नर कंकाल की डीएनए जांच कराकर माता-पिता का भी डीएनए लिया था और नवरुणा के हत्या की पुष्टि की थी।

नवरुणा के वकील ने CBI पर उठाए सवाल

नवरुणा की वकील रंजना सिंह ने सीबीआई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने शीर्ष एजेंसी की ओर से समाज को शर्मशार करने की बात कही है। अगर यही हाल रहा तो सीबीआई से लोगों का विश्वास उठ जाएगा। साथ ही सीबीआई के द्वारा सबूत से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। वहीं कानूनी लड़ाई जारी रखने की बात कही है।

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