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स्वच्छ भारत अभियान को लेकर पीएम का छलका दर्द,कहा-‘गांधी नहीं..मोदी नहीं.. सवा सौ करोड़ देशवासियों को करना होगा सपना पूरा’

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पटना Live डेस्क.  गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत अभियान को लेकर हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री का दर्द एकबार फिर छलक आया…पीएम ने कहा कि एक हजार गांधी आ जाएं…एक लाख मोदी आ जाएं…सभी मुख्यमंत्री और सरकारें लग जाएं…लेकिन स्वच्छता का सपना तबतक पूरा नहीं हो सकता जब तक सवा सौ करोड़ देशवासी इसे जनभागीदारी के साथ आगे नहीं बढ़ाएंगे…उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तीन साल में हम आगे बढ़े हैं…पीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम को तीन वर्ष पहले जब मैंने शुरू किया था, तब मीडिया, राजनीतिक दलों समेत कई वर्गों से मुझे आलोचना का सामना करना पड़ा था… बेशक, इसके लिए लोगों ने मेरी आलोचना की कि हमारी 2 अक्टूबर की छुटटी खराब कर दी.. बच्चों की छुटटी खराब की.. मेरा स्वभाव है कि बहुत सी चीजें झेलता रहता हूं.. मेरा दायित्व भी ऐसा है, झेलना भी चाहिए.. और झेलने की कैपेसिटी भी बढ़ा रहा हूं.. हम तीन साल तक लगातार लगे रहे..   उन्होंने कहा कि हम आगे बढ़े हैं, लोगों का व्यापक समर्थन मिला है, मीडिया का व्यापक समर्थन मिला है.. इतना व्यापक समर्थन हो और फिर भी चीजों को गति नहीं दे पाएं, तब तो जवाब देना पड़ेगा.. इस काम में चुनौतियां हैं लेकिन इससे भागा नहीं जा सकता..
प्रधानमंत्री मोदी ने सवालिया अंदाज में कहा, चुनौतियां हैं, इसलिये इस काम को हाथ नहीं लगाये, चुनौतियां है, इसलिए देश को ऐसे ही रहने दिया जाए़़, उन्हीं चीजों को हाथ लगाये जहां वाहवाही मिले, जयकारा मिले़.. मोदी ने कहा कि कोई इंसान ऐसा नहीं है, जिसे गंदगी पसंद हो़ मूलत: हमारी प्रवृत्ति स्वच्छता पसंद करने की है..

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,  एक हजार गांधी जी आ जाएं, एक लाख मोदी आ जाएं, राज्य सरकारें आ जाए, मुख्यमंत्री आ जाएं तो भी स्वच्छता का सपना पूरा नहीं हो सकता, लेकिन सवा सौ करोड़ देशवासी आ जाएं तो पूरा हो जाएगा.. मुझे विश्वास है कि पांच साल आते-आते यह खबर नहीं छपेगी कि कौन स्वच्छता अभियान से जुड़ा था, बल्कि यह छपेगा कि इससे दूर कौन भाग रहे थे.. समाज की शक्ति को अगर हम स्वीकार करके चलें, जन भागीदारी को स्वीकार करके चलें, सरकार को कम करते चलें, समाज को बढ़ाते चलें तो यह मिशन सफल होता ही जाएगा…

 

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