Breaking Exclusive – ग़ज़ब बिहार पुलिस की अजब कहानी, रिटायर्ड पुलिस वाले को भी अगले 10 साल तक नही देगी थानेदारी
पटना Live डेस्क। बिहार के मुख्यमंत्री के सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू करने मुहिम को सख्ती से लागू करने के संकल्प को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध ने 42 पुलिसवालों की पहली सूची जारी की है। जिनपर शराब के अवैध धंधे को फल फूलने में कही न कही सहयोग या आँखे बंद कर लेने के पुख़्ता सुबूत मिले है। इस खबर को पटना Live ने इस शीर्षक के जरिये सबसे पहले अपने पाठकों तक पहुचाया था। लिंक को क्लिक कर पढ़े
बहरहाल, बिहार सरकार के पहले पुलिस महानिरीक्षक (मद्य निषेध)1998 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रत्न संजय कटियार की कार्रवाई बेहद उम्दा और सराहनीय है।साथ ही इस कार्रवाई का मकसद सूबे के तमाम ख़ाकीवालों को कड़ा संदेश देना भी है कि शराब के मुद्दे पर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति को अमल में लाने को संकल्पित है।लेकिन बिहार पुलिस तो ठहरी अजब गजब कलाकारी की मुरीद कोई भी काम ठीक ढंग से अंजाम देना तो इसने सीखा ही नही है। इस कि बानगी कई बार मीडिया की सुर्खियां बनी है। तो इस बार ऐसा कैसे न होता तभी तो पुलिस महकमे ने अपनी बेहद गैर प्रोफेशनल रवैया का मुजाहिरा कर ही दिया और एक अच्छे प्रयास को भी पलीता लगा कर उसे हास्यास्पद बना ही दिया।
दरअसल, मद्य निषेध महानिरीक्षक द्वारा जारी लिस्ट में एक ऐसे पुलिसवाले के नाम का भी उल्लेख कर दिया है जो रिटायर्ड हो चुका है। यानी मद्य निषेध विभाग के आईजी ने शनिवार दिनांक 6 जुलाई को ज्ञापांक सख्या 414 के तहत आदेश जारी करते हुए वैसे 42 पुलिसकर्मियों वाली लिस्ट जारी की है जो इस आदेश के बाद अगले 10 साल तक थानाध्यक्ष या ओपी अध्यक्ष के पद नियुक्त नही किये जायेंगे।
अतः सवाल उठता है जब रोहतास जिले में तैनात रहा एएसआई (एक स्टार धारी जिसे आम बोलचाल की भाषा मे जमादार भी कहते है) रामाअवतार राम जिसके बाबत उल्लेख है कि रोहतास जिला आदेश संख्या 1315/18 दिनांक 12-05-18 के तहत कार्रवाई की गई है। जिसके बाबत जारी लिस्ट में भी सेवानिवृत्त अंकित है तो सवाल उठता है कि कैंसे उक्त पुलिस वाले पर जारी आदेश में स्पष्ट शब्दों में लिखे मद्य निषेध महानिरीक्षक का आदेश को कैसे तामिला में लाया जाएगा।
यही वो अजब गजब और गैरजिम्मेदाराना अन प्रोफेशनल रवैया है जो खाकी वालो को हास्य उपहास का निशाना बना देता है। जरूरत है बेहद सतर्कता और पूर्ण जिम्मेदारी से तमाम आदेशो और फरमानों को स्क्रूटनाइज कर पारित करने का।
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