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खुलासा (वीडियो) ज़मीन माफिया ने कराई सुशासन में समीर की नृशंस हत्या, 3 बाइक पर सवार 9अपराधियों ने एके 47 से दिया काण्ड हो अंजाम

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पटना Live डेस्क। बिहार में सुशासन है। कानून का राज़ है। ये दावा है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लेकिन ज़मीनी हकीकत और अपराधियों के बंदूको से निकल रहा बारूद इन दावों की धज़्ज़ियां उड़ा रहा है। इसी कड़ी में बीती रात मुजफ्फरपुर के नगर थाना अंतर्गत अग्निशमन कार्यालय के समीप रविवार की शाम 3 बाइक पर सवार 9 की संख्या में रहे ऑटोमेटिक हथियारों से लैस अज्ञात अपराधियों ने पूर्व मेयर समीर कुमार और उनके वाहन चालक पर अंधाधुंध गोलीबारी कर उनकी नृशंस हत्या कर दी और हथियार लहराते फरार हो गए।
रविवार की शाम 7:30 बजे मुज़फ़्फ़रपुर के चंदवारा से लौटते वक़्त बनारस बैंक रोड के निकट समीर कुमार को 3 बाइक पर सवार अज्ञात अपराधियों ने एके 47 से अन्धाधुन्ध फायरिंग कर मौत के नींद सुला दिया। पुलिस उपाधीक्षक (नगर) मुकुल रंजन ने बताया कि दोनों शवों (समीर कुमार और उनके चालक रोहित कुमार) को पोस्टमार्टम के लिये श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। गौरतलब है कि उनकी पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया, जिसमें डॉ. विपिन कुमार, डॉ. महेश प्रसाद, डॉ. नीतीश बाबू और डॉ. सतीश कुमार कर्ण शामिल रहे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पूर्व मेयर समीर कुमार को 18 गोली, जबकि उनके ड्राइवर रोहित को 12 गोलिया मारी गई।डॉक्टरों ने कहा कि दोनों को नजदीक से गोली मारी गई है। सभी गोली आर-पार हो गई है।                                   लैंड माफिया ने सुपारी देकर कराया कत्ल

रविवार को सरेआम सरेशाम एके 47 से मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की नृशंस हत्या ने धनबाद में विगत महिने कत्ल कर दिए गए सिंह मेंशन के नीरज सिंह हत्याकांड की याद ताजा कर दिया है। दरअसल इस हत्या की पटकथा पिछले कई महिनों से रची जा रही थी। दरसअल शहर के नगर थाना क्षेत्र के हृदय स्थली में शुमार कल्याणी चौक मछली मंडी की जमीन को लेकर शहर के कई सफेदपोश और लैंड ब्रोकर ग्रुप के बीच शह मात का खेल जारी था। बता दें कि बीते कई माह से कल्याणी मछली मंडी पर कब्जे को लेकर जबरदस्त टेंशन जारी था। स्थानीय दुकानदारों ने बैनर भी लगा रखा है। शहर के एक बेहद दबंग प्रॉपर्टी डीलर ग्रुप ने मंडी को प्लॉटिंग के लिए कब्जे में लिया है। करोडो की इस बेशकीमती ज़मीन पर शहर के एक अन्य ज़मीन ब्रोकर ग्रुप की भी गिद्ध नज़र ज़मी हुई थी। चुकी पहला ग्रुप कामयाब रहा था, दूसरा ग्रुप लगातार साज़िशें रच रहा था।
अभी दोनों ग्रुप के बीच शह मात का खेल जारी ही था कि अचानक इसी बीच विरोधी गुट ने मछली मंडी को अवैध शराब का अड्डा साबित करके की कवायद के तहत इसी साल मई महिने के पहले पखवारे में नगर थाने की पुलिस को मछली मंडी में अवैध ढंग से शराब बेचे जाने और शराब जमा करने की सूचना दे कर खेल बिगड़ दिया। मिली सूचना पर पुलिस टीम ने छापामार कर मंडी से शराब की पैक बोतलों के अलावा बड़ी संख्या में खाली बोतले भी बरामद की थी। कल्याणी मछली मंडी में शराब बिक्री के अड्डा का भंडाफोड़ होने के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने मछली मंडी की ज़मीन को राज्यसात करने की तैयारी में जुट गई और इसके लिए नगर थानेदार ने मुशहरी सीओ से मछली मंडी वाली जमीन का ब्योरा मांगा दिया। यानी कल्याणी मछली मंडी को राज्यसात करने की तैयारी जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा शुरू कर दिया गया। यह खबर मछली मंडी की ज़मीन की प्लॉटिंग करने वाले ग्रुप पर बिजली गिरने के समान साबित हुई।

दरअसल, जिस ज़मीन को बेचकर वो करोड़ो के मुनाफे का इंतज़ाम कर चुके थे अचानक उस पर शराब पकड़ाने के बाद उनको जोर का धक्का लगा और यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि मछ्ली मंडी के सरकार द्वारा अधिग्रहण होने की स्थिति में उनकी बड़ी पूंजी डूब जाएगी। इस पुलिसिया कसरत के पीछे किसी सियासी दिमाग द्वारा बेहद बड़ी भूमिका निभाने का अंदेशा होने पर मछली मंडी पर काबिज़ लैंड माफिया ग्रुप ने सोच लिया कि अब बहुत हुआ अब आर या पार। फिर क्या था साज़िश रची जाने लगी।
चुकी, सामने वाला भी बेहद रसूखदार और बड़ी पहुच वाला था। वार सटीक होना चाहिए था, छोटी सी भी गलती भारी पड़ सकती थी। तमाम छोटी से छोटी बात पर होमवर्क किया गया और फिर जिले के बाहर के एक कुख्यात अपराधी के माध्यम से मौत के परवाने पर सुपारी की रकम का 50% एडवांस देकर दस्तख़त कर दिया गया।

मुजफ्फरपुर को था मालूम मरेगा कोई बड़ा नाम

खुरेजी की इस वीभत्स वारदात के तह में जाने के बाद कुछ बातें आईने की तरह साफ हो जाती है। पहली साज़िश पूरी तरह फूल फ्रूफ थी। सफेदपोश लैंड ब्रोकर ग्रुप किसी भी तरह का रिस्क नही लेना चाहते थे। तय टारगेट को जिंदा नही छोड़ना था। अपराधियों का मोटिव एकदम क्लीयर था वारदात में टारगेट की मौत ऑन द स्पॉट होना था। तभी तो बेखौफ अपराधियों ने पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या करने के लिए ताबड़तोड़ कुल 50 गोलियों दागी। जिसका हश्र यह हुआ की चार सदस्यीय मेडिकल टीम के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पूर्व मेयर समीर कुमार को 18 गोली, जबकि उनके ड्राइवर रोहित को 12 गोली मारी गई। डॉक्टरों ने कहा कि दोनों को नजदीक से गोली मारी गई है। सभी गोलिया आर-पार हो गई है। वही समीर कुमार की खोपड़ी गोली के वार से आधी उड़ गई। यानी समीर कुमार का शव बिल्कुल क्षत विक्षत हो गया।
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि शूटर्स समीर को भुनने के बाद बड़े आराम से हथियार लहराते निकल गये। दरसअल, मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर अंडरवर्ल्ड को इस बात की जानकारी पिछले एक पखवाड़े से थी कि शहर में बाहर से कुछ शूटर्स आये हुए है जो लगातार शहर में घूम फिर रहे है। उनके टारगेट पर शहर का कोई रसूखदार है। लेकिन यह नही मालूम था कि एक्चुअल टारगेट समीर कुमार है। छोटे हथियार तो वो बाहर से अपने साथ लाये थे पर कांड को अंजाम देने खातिर बड़े हथियार उन्होंने स्थानीय सम्पर्क के माध्यम से भाड़े पर लिया और कांड को अंजाम दिया और हथियार तय स्थान पर छोड़ कर सभी एक दो की संख्या में शहर के अपने ठिकाने पर पहुचे। बाइक्स को भी वो शहर के विभिन्न स्थानों पर लावारिस हालात में छोड़कर सभी शूटर्स शहर को छोड़कर निकल गए।
इधर मुजफ्फरपुर पुलिस अबतक सदमे की हालत में है। वो अबतक कयासबाजी में ही लगी है। वही शहर के चौक चौराहों पर विभिन्न तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। वही हत्या के बाद मुजफ्फरपुर स्वतः बंद के हालात में है।

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