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BiG Breaking – लालू यादव पर कोरोना का कहर -HC से बेल होने के बावजूद अभी भी रहना पड़ रहा है जेल में क्यो? जानिए

लालू यादव पर कोरोना का कहर - बेल होने के बावजूद अभी भी रहना पड़ रहा है जेल में क्यो? 17 अप्रैल को मिली है बेल पर कोरोना ने कर दिया है जेल में बेल के बावजूद रहने पर मौजूद

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पटना Live डेस्क। 17 अप्रैल 2021 दिन शनिवार को राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को जमानत मिलने से बिहार की सियासत की गर्माहट बढ़ गई। चारा घोटाले (Fodder Scam) के दुमका कोषागार के मामले में उनकी अर्जी पर रांची हाईकोर्ट ने सुनवाई कर शनिवार को उन्हें जमानत दे दी। चारा घोटाला के तीन मामलों में जेल की सजा काट रहे लालू को दो मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी थी, तीसरे मामले में जमानत मिलने से उनके जेल बाहर आने का रास्ता साफ हो गया। अभी लालू दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (Delhi AIIMS) में इलाज करा रहे हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से भले ही आज सशर्त जमानत मिल गई हो लेकिन बेल प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही राजद सुप्रीमो जेल से बेल पर बाहर निकलेंगे। लेकिन इसी बीच कोरोना के कहर ने लालू यादव की जमानत के बाद भी रिहाई पर ग्रहण लगा दिया है।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) की रिहाई का उनके समर्थकों को बेसब्री से इंतजार है। उनके समर्थक हर दिन पटना में उनके स्‍वागत करने की राह देख रहे हैं। लालू यादव से संबंधित एक-एक खबर की हर जानकारी लेते रहते हैं। दरअसल कथित चारा घोटाला में 17 अप्रैल को लालू को रांची हाई कोर्ट (Ranchi High Court) से बेल मिल गई । इसके बाद बेल ऑर्डर दिल्‍ली के तिहाड़ जेल (Tihar Jail) और एम्‍स, दिल्‍ली (AIIMS, Delhi) में पहुंचने में तीन दिन का वक्‍त लगना था। इसके बाद खुद लालू या उनके वकीलों द्वारा बेल बांड भरना था। इस पूरी प्रक्रिया के बाद उम्‍मीद थी कि 20 अप्रैल को लालू रिहा हो जाएंगे।

पहली बार लगा रिहाई पर ग्रहण

लालू यादव के करीबियों ने बताया कि रांची हाईकोर्ट में कोविड संक्रमण की गंभीर स्थिति (Grave Condition of Covid infection) के कारण न्‍यायायिक कार्य (Judicial work) बाधित है। जिसके कारण हाई कोर्ट के वकील 25 अप्रैल तक न्‍यायायिक कार्यो से अलग रहेंगे। अब 25 अप्रैल के बाद ही बेल बांड भरा जा सकेगा और लालू यादव रिहा हो पाएंगे।

लेकिन फिर दूसरी बार लगा ग्रहण

लेकिन अब एक बार फिर लालू यादव की रिहाई पर ग्रहण लग गया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए झारखंड बार काउंसिल 19 अप्रैल से ही वकीलों को अदालती कार्य से खुद को अलग रखने का आदेश दिया है। पहले यह रोक 19 से 24 अप्रैल तक थी। रविवार को हुई काउंसिल की बैठक में यह रोक एक सप्ताह तक और बढ़ाने का निर्णय लेते हुए दो मई तक इसकी अवधि बढ़ा दी गई है। काउंसिल की बैठक में कहा गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। संक्रमण की दर में कमी नहीं आई है और संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। यानी झारखंड के सभी अधिवक्ता दो मई तक किसी भी अदालती कार्य में शामिल नहीं होंगे, चाहे वह वर्चुअल हो या फिर फिजिकल कोर्ट।झारखंड हाई कोर्ट में ऑनलाइन के जरिए सिर्फ कोरोना से संबंधित मामलों में ही वकील शामिल हो सकते हैं।

वकीलों द्वारा 2 मई तक अदालती कार्रवाइयों से  खुद को अलग रखने का फैैसला लिया है। मतलब लालू यादव को अभी मई के पहले वीक तक जेल से बेल पर बाहर आने की सम्भावना बन रही है।

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