(Video)लालू यादव दोषी करार 21 फरवरी को सजा का ऐलान RIMS का पेइंग वार्ड A-11 होगा नया ठिकाना
RIMS के पेइंग वार्ड A-11 में रहेंगे लालू यादव,13 महीने बाद एक बार फिर से RIMS पहुंचे राजद सुप्रीमो, पिछली बार 26 महीने रहे थे भर्ती
पटना Live डेस्क। देश के बहुचर्चित 950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी के मामले में कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव (lalu Prasad Yadav)को दोषी करार दिया है। CBI की विशेष अदालत ने RJD सुप्रीमो लालू यादव सहित 75 आरोपियों को दोषी करार दिया है। वहीं, 24 लोगों को बरी कर दिया। सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा।RJD सुप्रीमो को कोर्ट की ओर से दोषी करार देते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद उनके वकील के अनुरोध पर उन्हें जेल न भेजकर RIMS में भेजा गया। लालू कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कोर्ट से होटवार जेल गए फिर वहां से रिम्स चले गए। 21 फरवरी तक वह यहीं रहेंगे।
जैसे ही RJD सुप्रीमो के दोषी करार देने की सूचना बाहर आई पटना से लेकर रांची तक उनके समर्थकों में मायूसी छा गई। कोर्ट परिसर RJD नेताओं से पटा है। पुलिस का पहरा सख्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है मंगलवार को कोर्ट ने 3 साल से कम वालों को सजा सुनाया है। लालू सहित 10 लोगों की सजा अलग से सुनाई जाएगी। ऐसे में यह माना जारहा है लालू यादव को 3 साल से अधिक की सजा हो सकती है।
यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। दरअसल, लालू की तबीयत को देखते हुए उनको कोर्ट ने 21 फरवरी तक राहत दी है। इसमें उनको पुलिस कस्टडी में नहीं रहना होगा। लालू को RIMS हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया गया है। सोमवार 21 फरवरी को अगर अगर तीन साल से कम की सजा होती है तो लालू को लोअर कोर्ट से ही जमानत मिल जाएगी। लालू समेत इस केस में अन्य भी कई आरोपी थे।सीबीआई कोर्ट ने 24 को बरी किया है,वहीं 36 को दोषी ठहराया है। मामले में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत को भी दोषी माना गया है।उनको तीन-तीन साल की सजा हुई है। वही,लोअर कोर्ट का पूर्व के मामलों के ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो चारा घोटाले से जुड़े पूर्व के 4 मामलों में लालू यादव को तीन।साल से ज्यादा की ही सजा सुनाई गई है। इससे पहले लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में करीब 14 साल की सजा सुनाई गई थी। ये मामले दुमका,देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े थे।सजा के साथ-साथ उनको 60 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा था। फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर थे।
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी के आवास में हैं। लालू प्रसाद यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी पटना में ही हैं। लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती रांची में अपने पति के साथ हैं।
RIMS के पेइंग वार्ड A-11 में रहेंगे लालू यादव
950 करोड़ रुपए के देश के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े (डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए के गबन) मामले में लालू यादव दोषी करार दिए गए हैं। 5 दिन बाद 21 फरवरी को इस मामले में उनकी सजा का ऐलान होगा। इस दौरान लालू का ठिकाना एक बार फिर से RIMS का पेइंग वार्ड A-11 होगा।
लालू को दोषी करार होते ही RIMS प्रबंधन भी अलर्ट मोड में आ गया। आनन-फानन में पेइंग वार्ड के पहले तल्ले के कमरा नंबर A11 की सफाई कराई गई है। कमरे में लगे फ्रिज, टीवी, एसी, गीजर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की टेस्टिंग भी की गई है।वार्ड के सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी सही कर लिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि RIMS में सबसे लंबे समय तक इलाज कराने वाले मरीजों में।लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं। लालू यादव RIMS में लगभग दो साल 2 महीने तक रहे थे। लेकिन तबियत ठीक न होने पर बेहतर ईलाज खातिर पिछले साल 2021 के जनवरी महीने में AIIMS दिल्ली रेफर किए गए थे।
इलाज के लिए होगा मेडिकल बोर्ड का गठन
वही,राजद सुप्रीमो लालू यादव के दोषी करार दिए जाने के बाद RIMS के पेइंग वार्ड A-11 में शिफ्ट होने पर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरन बिरुआ ने कहा कि लालू यादव कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।उन्होंने कहा कि लालू के इलाज के लिए रिम्स द्वारा मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाएगा। बोर्ड में कई विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक रहेंगे।
RIMS को लालू ने किया है 7 लाख भुगतान
चारा घोटाले में सज़ावार होने के बाद लालू यादव ने अपनी खराब स्वास्थ्य के इलाज़ खातिर RIMS के पेइंग वार्ड में 6 सितंबर 2018 से 4 अगस्त 2020 तक के किराए के तौर पर 7 लाख से अधिक का किराया भुगतान किया।था। RIMS के पेइंग वार्ड में इलाज के लिये प्रतिदिन 1 हजार रुपए देने होते हैं। विगत वर्ष कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्हें RIMS के डायरेक्टर आवास कैली बंगला में शिफ्ट किया गया था।
क्या है डोरंडा कोषागार मामला
चारा घोटाले का यह मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है।इसमें 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की बात सामने आई थी। चारा घोटाले के सबसे बड़े आरसी 47 ए/96 के ये मामले दरसल 1990 से 1995 के बीच के हैं। इसपर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। पूर्व में चारा घोटाले के अलग-अलग मामले में फिलहाल लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिली हुई है।
डोरंडा कोषागार मामले में कुल 99 आरोपी
डोरंडा कोषागार से जुड़े घोटाले में शुरुआत में 170 आरोपी थे। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है। वही दीपेश चांडक और आरके दास समेत 7 आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया। तो वही वहीं सुशील झा और पीके जायसवाल ने कोर्ट के फैसले से पहले ही खुद को दोषी मान लिया था।वहीं मामले में छह नामजद आरोपी अब भी फरार हैं।
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद,पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आरके राणा, पी ए सी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत,तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस,पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ केएम प्रसाद सहित 99 लोग शामिल थे।
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