विंग कमांडर अभिननंदन के पाकिस्तानी सेना द्वारा पकडे जाने के बाद वियना संधि के तहत भारत, पकिस्तान से अभिनन्दन को छोड़ने की मांग कर रहा है। ICJ में कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई भी इसी संधि के आधार पर की जा रही है। वियना संधि पर अभी तक दुनिया के 179 देश सहमत हो चुके हैं और इसमें कुल 79 आर्टिकल हैं ।
क्या है वियना संधि ( Vienna Convention )
आजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधो को लेकर सबसे पहले 1961 में वियना कन्वेंशन हुआ था।इसके तहत एक ऐसे अंतर्राष्टरीय संधि का प्रावधान किया गया जिसमें राजनयिकों को विशेष अधिकार दिये गये। इसके दो साल बाद 1963 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसी संधि से मिलती जुलती एक और संधि का प्रावधान किया। इस संधि को ‘वियना कन्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेशंस’ के नाम से जाना जाता है। वर्ष 1963 में हुई थी वियना संधि की शुरुआत। इस संधि का ड्राफ्ट इंटरनेशनल लॉ कमीशन ने तैयार किया था और 1964 में यह संधि लागू हुआ। वियना संधि के मुताबिक़ राजनयिकों को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है और न ही उन्हें किसी तरह की हिरासत में रखा जा सकता है।
इस संधि के आर्टिकल 36 के अनुसार अगर कोई देश किसी विदेशी नागरिक को गिरफ्तार करता है तो संबंधित देश के दूतावास को तुरंत इसकी सूचना देनी पड़ेगी। गिरफ्तार किए गए विदेशी नागरिक के आग्रह पर पुलिस को संबंधित दूतावास या राजनयिक को फैक्स करके इसकी सूचना भी देनी पड़ेगी। इस फैक्स में पुलिस को गिरफ्तार व्यक्ति का नाम, गिरफ्तारी की जगह और गिरफ्तारी की वजह भी बतानी होगी। जिसका मतलब है कि गिरफ्तार विदेशी नागरिक को राजनयिक पहुंच देनी होगी।
Vienna Convention के कौन-कौन से जरूरी कानून
आर्टिकल 5 ( Vienna Convention )
इसके तहत काउंसल के पांच कामों को लिस्ट किया गया है। इन कामों में मेजबान देश में अपने देश और नागरिकों के हितों की रक्षा करना। साथ ही आर्थिक, सांस्कृति और वैज्ञानिक रिश्तों को दो देशों के बीच कायम करना।
आर्टिकल 23 ( Vienna Convention )
इसके तहत कोई भी मेजबान देश किसी भी समय किसी भी काउंसलर को देश से बाहर निकाल सकता है। ऐसे में उस काउंसलर को भेजने वाले देश को एक तय समय के अंदर इस व्यक्ति को वापस बुलाना होगा नहीं तो वह व्यक्ति अपने बचाव का अधिकार खो देगा।
आर्टिकल-31 ( Vienna Convention )
मेजबान देश अपनी सीमा में किसी भी समय काउंसलर को दूतावास में दाखिल होने से रोक सकता है। साथ ही वह अपने क्षेत्र को घुसपैठ या नुकसान होने से बचाने के लिए पूरी तरह से आजाद होगा।
आर्टिकल 35-किसी भी काउंसल और उसके देश के बीच कम्यूनिकेशन की आजादी होगी और इस अधिकार को कोई नहीं छीन सकता है। काउंसलर का बैग कभी भी नहीं खोला जाना चाहिए और न ही उसके कुरियर को भी कभी हिरासत में लिया जाएगा।
आर्टिकल-36 ( Vienna Convention )
क्या है अभिनन्दन मामला?
26 फरवरी को भारतीय एयरफोर्स की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी एयरफोर्स के फाइटर्स ने 27 फरवरी के सुबह जम्मू-कश्मीर में घुसने की कोशिश की। जिसके बाद भारतीय फाइटर विमानों ने उड़ान भरी और इसका जवाब दिया। इस दौरान भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 भी क्रैश हो गया। इसे उड़ा रहे विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जा गिरे। पाकिस्तान की तरफ से अभिनंदन के दो वीडियो जारी किए गए। एक वीडियो में भीड़ उनके साथ मारपीट कर रही है। दूसरे वीडियो में उनकी आंखों पर पट्टी बंधी है और वे सवालों के जवाब दे रहे हैं।
क्या है कुलभूषण जाधव का मामला?
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैनिक अदालत ने जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव फिलहाल जेल में बंद है।
पाकिस्तान का आरोप है कि वो जासूस हैं, वहीं भारत कहता है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया। भारत की ओर से पाकिस्तान के इस एकतरफा फैसले को आईसीजे में चुनौती दी है। इस मुकदमे में आईसीजे में भारत का पक्ष बेहद मजबूत है। बहरहाल जाधव मामले सुनवाई ICJ में चल रही है।
वियना संधि की प्रमुख बातें
1। वियना संधि एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जिसमे अबतक लगभग 191 देशों ने अपनी सहमति जताकर हस्ताक्षर किए हैं।
2। वियना संधि में कुल 54 आर्टिकल ( अनुच्छेद ) हैं।
3। 1961 में वियना कन्वेंशन हुआ था जिसमे इस अंतराष्ट्रीय संधि का प्रावधान किया गया।
4। इस संधि के तहत दूसरे देशों में जाकर कार्य कर रहे राजनयिकों को विशेष अधिकार दिया गया।
5। इसके 2 वर्ष उपरांत संयुक्त राष्ट्र संघ ने ” वियना कन्वेंशन ऑन कंसुलर रिलेशन्स ” के नाम से नए संधि का प्रावधान किया जिसमें 179 देशों की सहमति अबतक बानी है और 79 अनुच्छेद हैं।
6। भारत द्वारा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ( ।CJ ) में इसी नए संधि के आधार पर जाधव वाला मामला उठाया गया है।
Source : Infolism
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