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#Justice4Minhaz ख़ातिर आवाम की पुकार एसपी IPS कुमार आशीष का तबादला बना किशनगंज के लिए श्राप

◆ पुलिस मुर्दाबाद के नारों के बीच एक पुलिस अधिकारी को ही याद करना और उसके तबादले को जिले ख़ातिर श्राप बताना अनोखा द्वंद है। ◆अद्भुत अद्वितीय एक IPS अधिकारी का जननायक बन जाना,आम आदमी के विश्वास का प्रतीक बन जाना। ◆आम लोगो के दिल की पुकार बन जाना अद्भुत अलौकिक है। ये लोकप्रियता का अतिरेक है। ◆किशनगंज चीख़ रहा है अपने अज़ीज व इंसाफ के प्रतीक आईपीएस को याद कर सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। ◆यह एक IPS के कर्तव्यपरायणता,कर्मठता और काबिलियत का वो मापदंड है जो आपको इतिहास में अजर अमर और आवाम का नायक बना देता है जो कोई विरला ही बन पाता है।

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पटना Live डेस्क।बिहार के सीमावर्ती  जिलो में शुमार किशनगंज जिले में बहादुरगंज थाना क्षेत्र के अल्ताबाड़ी में जीजा के बाद साला की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसके विरोध में ग्रामीण सड़क पर उतर आए हैं। नाराज लोगों ने जनता हाट के पास शव रखकर खूब बवाल किया। दरअसल, जमीन विवाद में अगस्त महीने में शकील नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। जिसे स्थानिए पंचायत ने रफा-दफा कर दिया था। लेकिन अब इस मामले के मुख्य गवाह मिन्हाज आलम को बेहद शातिराना ढंग से साजिशन क़त्ल किए जाने से लोगो का खून खौल उठा है। आम आदमी गुस्से में है वो सड़क पर उतर कर न्याय की माँग कर रहा है। खुद के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों को उलाहना दे रहा है। पुलिस व प्रशासन और तामम आरोप चस्पा कर रहा है। गुस्सा इस कदर है कि लगातार पुलिस मुर्दाबाद तक का नारा लगाने से भी हिचक रहा है। न्याय की गुहार लगा रहा है इंसाफ ख़ातिर लगातार #Justice4minhaz हैशटैग के जरिए सोशल मीडिया के तमाम मंचो समेत जिले में लगातार इंसाफ की मांग कर रहे है। वारदात के बाद पुलिस की गैरजिम्मेदाराना व्यवहार और लापरवाही भरी जांच की वजह से उबाल स्थानिए बहादुरगंज थानाध्यक्ष और पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली पर है।

नाराजगी का आलम यह है कि पुलिस को ही मक़तूल मिन्हाज़ आलम की मौत का जिम्मेदार बताया जा रहा है। कहा जा रहा है की मक़तूल ने थाना को 2 महीने पहले ही जान का खतरा होने की लिखित जानकारी दी थी पर थाना पुलिस उस आवेदन पर कुंडली मारकर बैठी रही। लेकिन तमाम नाराजगी व गुस्से और पुलिस मुर्दाबाद के नारों के बीच भी आमलोगों द्वारा IPS अधिकारी को ही याद किया जा रहा है। पूर्व SP के तबादले को जिले ख़ातिर श्राप बताया जा रहा है। ग़ज़ब का द्वंद्व गुस्सा भी खाकी पर और यकीन भी ख़ाकीवाले अधिकारी पर।

किशनगंज के वर्त्तमान हालात का तफ़सरा करे तो महज एक साल में पहले जीजा और अब साले के कत्ल से स्थानिए लोगो का गुस्सा भड़क उठा है। लोगो का एक स्वर में कहना है की किशनगंज से एसपी डॉ कुमार आशीष का तबादला जिले ख़ातिर श्राप बन गया है। अपराध चरम पर है। पुलिस पूरी तरह बेलगाम और बेपरवाह बन गई है। किशनगंज पुलिस के कप्तान आईपीएस कुमार आशीष के टेन्योर को याद कर जिलावासी लगातार सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर और तमाम न्यूज़ के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेहद मुखरता संग उनकी मुक्त कंठ से तारीफ कर रहे है।

Dr कुमार आशीष की जनसरोकार वाली पुलिसिंग जनसुलभता न्यायप्रियता कर्मठता और 24×7 राउंड दी क्लॉक उपलब्धता और स्वयं आगे बढ़कर समस्या को सुलझाने का ही फलाफल था कि जिले के लोग सुरक्षित और मान सम्मान संग सुकून से जी रहे थे। दरअसल, कम्युनिटी पुलिसिंग और जन संवाद के जरिए समस्या की जड़ तक पहुचने की युवा आईपीएस की अनोखी व बेहद कारगर व प्रभावशाली पुलिसिंग ने उन्हें आम आदमी का एसपी बना दिया।अबतक के अपने सफर में कुमार आशीष पुलिस कप्तान के तौर पर नालन्दा, किशनगंज और वर्त्तमान मोतिहारी (ईस्ट चम्पारण) में बतौर पुलिस अधीक्षक जनसुलभता, जनसरोकार और जनसंवाद के जरिए आम आदमी के विश्वास का प्रतीक बन चुके है। लोकप्रियता ऐसे की खुद ही खुद का आवाम के बीच मक़बूलियत का रिकॉर्ड तोड़ रहे है।

                   यह लोकप्रियता का वह पैमाना जो किसी भी आईपीएस अधिकारी का ख़्वाब होता है। लेकिन विरले ही इसको हकीकत में तब्दील कर पाते है। लेकिन माटी के लाल IPS डॉ कुमार आशीष ने अपने कर्तव्यों और लोकतंत्र के उस मूल वाक्यों में शुमार कथ्य इंसाफ की रोशनी समाज के आखरी पायदान पर खड़े आम आदमी के चौखट तक पहुचना चाहिए के सिद्धांत को आत्मसात कर महज 6 वर्षो में वो मुकाम हासिल कर लिया है जो आम आदमी के विश्वास का प्रतिबिम्ब बन गया है।

#Justice4minhaz ख़ातिर किशनगंज चीख़ रहा है अपने अज़ीज व इंसाफ के प्रतीक आईपीएस को याद कर सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।यह एक युवा आईपीएस अधिकारी के कर्तव्यपरायणता,कर्मठता और काबिलियत का वो मापदंड है जो आपको इतिहास में अजर अमर और आवाम का नायक बना देता है जो कोई विरला ही बन पाता है।

                     कहते है इंसान पर जब विपत्ति आती है तो उसे अपनो की याद बड़ी शिद्दत से महसूस होती है। किशनगंजवासियों पर मिन्हाज़ का कत्ल बेहद बड़ी विपत्ति के मानिंद और मकतूल की बेवा और छोटे बच्चे की तो दुनिया ही उजड़ गई है और विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा है।

                      इस विकट घड़ी में किशनगंजवासियों का अपने IPS कुमार आशीष सर को दिल की गहराईयों से पुकारना अद्भुत अलौकिक है। यह विश्वास और यकीन का समुच्चय है। यह लोकप्रियता का अतिरेक है। फास्टफूड और फ़ास्ट लाइफ के दौर में जब नज़र से दूर होते ही लोग भूल जाते है यह अद्भुत है यह अद्वितीय है यह अनोखा है एक IPS का नायक बन जाना आमआदमी के विश्वास का प्रतीक बन जाना।

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