पटना Live डेस्क. बिहार की नई एऩडीए सरकार का आज मंत्रिमंडल विस्तार होना है. कयास लगाए जा रहे हैं कि जेडीयू और बीजेपी कोटे से करीब 35 मंत्री शपथ ले सकते हैं इसमें बीजेपी की सहयोगी लोजपा और रालोसपा भी शामिल है. जबकि इस विस्तार में हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा यानि ‘हम’ पार्टी का कोई शामिल नहीं है. ‘हम’ की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ही केवल चुनाव जीतकर आए हैं. लेकिन उन्होंने मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया है. पहले तो उनके मंत्री नहीं बनने को लेकर कई तरह के तर्क दिए जा रहे थे लेकिन अब धीरे-धीरे जो बात सामने आ रही है, उसके मुताबिक जीतन राम मांझी इस विस्तार से नाराज बताए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक जीतन राम मांझी लोजपा कोटे से पशुपति पारस के मंत्री पद मिलने की खबरों को लेकर काफी नाराज हैं. दरअसल पशुपति नाथ पारस वर्तमान में किसी भी दल के सदस्य नहीं हैं. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में वो चुनाव हार गए थे.साथ ही उसके बाद वो एमएलसी भी नहीं हैं.इसके बाद भी मंत्री पद की लिस्ट में पशुपति नाथ पारस का नाम आना जीतन राम मांझी को नागवार गुजरा है. मांझी की पार्टी में तीन ऐसे लोग हैं जो मंत्री बनने की क्षमता रखते हैं लेकिन वो न तो एमएलए हैं और न ही एमएलसी.मांझी का मानना है कि जब पशुपति नाथ पारस किसी भी सदस्य के मेंबर नहीं होते हुए भी मंत्री पद के दावेदार हैं तो फिर हम के लोग क्यों नहीं?उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार सरकार में मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तय हो गया है कयासों के मुताबिक जेडीयू के कोटे से 19 जबकि एनडीए की तरफ से 16 लोग मंत्री बनेंगे. एनडीए कोटे से बनाए जा रहे सोहल मंत्रियों में एक-एक मंत्री लोजपा और रोलोसपा के भी हो सकते हैं.
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