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फतवा जारी होने के बाद जेडीयू के मंत्री खुर्शीद ने मांगी माफी

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पटना Live डेस्क. ‘जय श्री राम’ का लगाकर अपने ही धर्म के लोगों का निशाना बने जेडीयू कोटे से मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने आखिरकार फतवा जारी होने के बाद माफी मांग ली. माफी मांगते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनके उस नारे से किसी की भावना को ठेस पहुंचती है तो वो माफी मांगते हैं. खुर्शीद ने ये माफी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद मांगी.

दरअसल, ‘जय श्रीराम’ नारे लगाने पर खुर्शीद के खिलाफ इमारत-ए-शरिया के काजी ने मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने फतवा जारी किया था. काजी ने खुर्शीद को इस्लाम से खारिज और मुर्तद यानि विश्वास नहीं करने वाला करार दिया था.

मुफ्ती के मुताबिक, जो शख्स ‘जय श्री राम’ का नारा लगाए और कहे कि मैं रहीम के साथ-साथ राम की भी पूजा करता हूं और मैं हिन्दुस्तान के सभी धार्मिक स्थानों पर मत्था टेकता हूं. ऐसा शख्स इस्लाम से खारिज और मुर्तद है. जदयू कोटे से मंत्री बने खुर्शीद ने इस फतवे के जवाब में कहा था कि अगर बिहार के विकास और सामाजिक सौहार्द के लिए मुझे ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने पड़े तो मैं कभी इससे पीछे नहीं हटूंगा. खुर्शीद ने बिहार विधानसभा पोर्टिको के साथ-साथ मीडिया के कैमरे के सामने भी ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे. इस दौरान उन्होंने कैमरे के सामने हाथ में बंधे रक्षासूत्र भी दिखाये था. खुर्शीद विधानसभा के बाहर जब मीडिया से इस मामले पर बात कर रहे थे तो उस दौरान भी उन्होंने ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया था. इतना ही नहीं खुर्शीद ने यहां तक भी कहा था कि महागठबंधन से अलग होने के लिए उन्होंने मनोकामना मंदिर में मन्नत भी मांगी थी. मीडिया के कैमरे के सामने उन्होंने अपने हाथ में बंधा कलेवा भी दिखाया. नीतीश की नई कैबिनेट में खुर्शीद को अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है. खुर्शीद उर्फ फिरोज पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा विधानसभा के विधायक हैं.

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