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बड़ी खबर – सजा से ज्यादा तकलीफदेह है सजा का इंतजार करना बोले लालू यादव, सजा पर बहस पूरी, कल 2 बजे आयेगा फैसला

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सुजीत कुमार, ब्यूरो कोर्डिनेटर, झारखंड

पटना Live डेस्क। झारखंड के रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा कारागार के 23 दिसम्बर 2018 से कैद लालू यादव की चारा घोटाला के मामले में सजा पर शुक्रवार (5 जनवरी) को एक बार फिर फैसला टल गया। अब सजा का ऐलान शनिवार(6जनवरी) को दोपहर दो बजे होगा। शुक्रवार को लालू यादव की जेक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी हुई। लालू ने सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट से कम सज़ा देने की अपील की। लालू के वकीलों ने कहा कि लालू को किडनी की बीमारी है वह डायबिटीज के मरीज हैं और उनका दिल का भी ऑपरेशन भी हो चुका है। इसके अलावा लालू के वकील ने कहा कि बिरसा मुंडा जेल में शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है और कई सारे इन्फेक्शन होने का डर है इसलिए उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें कम सज़ा दी जाए।

सज़ा पर बहस पूरी, कल 2 बजे फैसले

वही सज़ा मुकर्रर करने से पहले चारा घोटाले में शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की सजा पर बहस पूरी हो गई है। उन्हें शनिवार को सजा सुनाई जा सकती है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी ही चुकी है। इस मामले में लालू प्रसाद ने सीबीआई कोर्ट में अर्जी दाखिल करके कम सजा की मांग की है।लालू समेत 11 आरोपियों की सजा पर बहस पूरी हो चुकी है। वही 5 आरोपियों की सजा पर बहस होनी बाकी है इसलिए अदालत ने फैसला अगली सुनवाई तक टाल दिया है। इस मामले में शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव समेत अन्‍य आरोपियों को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। लालू प्रसाद यादव के वकील चितरंजन सिन्‍हा ने कहा है कि इस मामले में अदालत शनिवार को दो बजे फैसला सुना सकती है।

लगभग पखवाड़े से जेल में लालू                           लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के मामले में 23 दिसंबर को रांची की स्पेशल सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद लालू यादव को कोर्ट रूम में ही हिरासत में लिया गया था और वह तब से जेल में हैं। मामले में सज़ा तय करने की तारीख 3 जनवरी को मुकर्रर की गई थी। लेकिन 3 तारीख को रांची व्यवहार कोर्ट से जुड़े 2 वकीलों की मौत हो गई थी। तब सज़ा पर सुनवाई की तारीख अगले दिन के लिए टाल दी गई। तब से अब तक सज़ा मुकर्रर करने की प्रक्रिया जारी है। यानी एक पखवारे से ज्यादा वक्त से लालू यादव जेल में बंद है। इस मामले में बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया था। लालू समेत 16 लोगों को सजा सुनाई जानी है।

कितनी हो सकती है सजा ?

कानून के जानकारों का कहना है कि इस मामले में अगर लालू यादव और अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात साल और न्यूनतम एक साल की कैद की सजा हो सकती है। लेकिन CBI के जाँच अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सज़ा हो सकती है।

क्या है मामला ?

पुलिस ने 1994 में संयुक्त बिहार के देवघर, गुमला, रांची, पटना, चाईबासा और लोहरदगा समेत कई कोषागारों से फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध निकासी के मामले दर्ज किए। करोड़ों की निकासी के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर साजिश रचकर घोटालेबाजों का सहयोग करने और उन्हें बचाने का आरोप है। यह मामला साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकालने का है। लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग से जुड़ी भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 511 के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) और 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। वही इससे पहले इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के मामले में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है।

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