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BiG Breaking – लोजपा के हाथों जीती सीट लुटा बडे बेआबरू होकर #नवादा से निकले भाजपा के फायरब्रांड गिरिराज सिंह

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#नवादा पर प्रेसर पॉलिटिक्स भी काम न आया
#लोजपा के खाते में गई नवादा लोकसभा सीट
#सूरजभान वाया रामविलास गिरिराज पर पड़े भारी
#10 मार्च को हो सकता है ऐलान,वीणा सिंह नवादा से NDA के ओर से होंगी लोकसभा उम्मीदवार

पटना Live डेस्क। आखिरकार वही हुआ जिसके डर से बीजेपी के फायरब्रांड नेता और सांसद गिरिराज सिंह महिनो पहले से आकुल-व्याकुल होकर ताबड़तोड़ बयानबाजी कर रहे थे। उनका वह डर आखिरकार सही साबित हो गया है। नवादा में बिना लड़े ही गिरिराज को पति-पत्नी की जोड़ी ने चारों खाने चित्त कर दिया है। यानी नवादा को गिरिराज सिंह ने गवा दिया है। अब यह बिल्कुल साफ हो गया है की नवादा खातिर भाजपा ने गिरिराज को ना कह दिया है। 10 मार्च के आसपास यह घोषणा भी हो जाएगी कि नवादा सीट लोजपा के खाते में डाल दी गई है।यानी सूरजभान ने वाया रामविलास गिरिराज को नवादा से खदेड़ने में कामयाबी हासिल कर ली है। यानी गिरिराज गरजते ही रह गए सूरजभान ने नवादा लोकसभा सीट को पत्नी वीणा देवी के लिए साध लिया है।

गिरिराज गरजते रह गए

दरअसल, गिरिराज सिंह को इस बात का अंदेशा पहले से ही था कि नवादा से उनका टिकट कटना पक्का है। चुकी, लोजपा की विनिग सीट मुंगेर को नीतीश कुमार अपने हेवीवेट मंत्री ललन सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाने खातिर पहले ही जदयू के खाते में ले चुके है।वही, नवादा सीट पर एनडीए की सहयोगी लोजपा ने सूरजभान सिंह की पत्नी और मुंगेर की वर्त्तमान सांसद वीणा सिंह खातिर न केवल जोरदार दावा पेश किया था बल्कि भाजपा अध्यक्ष से रामविलास ने काफी पहले ही आश्वासन ले लिया था। इस तथ्य से गिरिराज भी अवगत थे। वही, विगत वर्ष केंद्रीय मंत्री के संसदीय क्षेत्र में लोगों ने ही गिरिराज के लापता होने का पोस्टर चस्पा कर दिया था। इसके बाद ही गिरिराज वहां पर बेहद एक्टिव हो गए। वह कई माह पूर्व से ही चुनाव की तैयारी में जुटे हुए थे। जबकि उन्हें भी जानकारी थी की सीट बंटवारे में उनका टिकट इस बार नवादा से कट जाएगा। तब भी गिरिराज ने अपनी विनिंग सीट को बचाने खातिर साम, दंड और भेद तमाम उपाय किये। क्योकि कहते है न उम्मीद पर दुनिया कायम है।

तमाम अस्त्र शस्त्र जब फेल होते प्रतीत हुए तो फायरब्रांड नेता नेअपनी ही पार्टी को प्रेशर पॉलिटिक्स से साधने की जोरदार कोशिश के तहत यह बयान दे दिया कि – “अगर मुझे नवादा से टिकट नहीं मिलता तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।” लेकिन हद तो देखिए यह बयान भी काम न आया और नवादा के सिटिंग एमपी होकर भी गिरिराज सिंह अपनी इस सीट को बचा नही पाए।

गिरिराज को लगता है डर

नवादा के बदले गिरिराज को दूसरी जगह से टिकट दिया जाएगा इस बात की भी चर्चा काफी पहले से है। भाजपा के केंद्रीय नेता भी इस बात को ऑफ दी रिकॉर्ड स्वीकार करते रहे है। साथ ही पार्टी की ओर उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर आश्वस्त किया जाता रहा है। लेकिन गिरिराज सिंह स्वयं इस बात को लेकर आश्वस्त नही है कि नवादा के इतर कही किसी दूसरी जगह से लोकसभा का चुनाव लड़ने पर वो जीत ही जायेंगे। यानी दूसरी जगह उनको हार का डर बना हुआ है। भले गिरिराज इस बात को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार न करे पर उनके बयानों से यह साफ झलकता है कि वो नवादा के अलावे दूसरे क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार नही है।

नवादा से लड़ेगी वीणा देवी

बिहार की सियासत में बाहुबल के दम पर प्रवेश करने वाले बलिया कर पूर्व सांसद सूरजभान सिंह का इतिहास दागदार रहा है। एक वक्त ऐसा भी था जब बिहार से लेकर यूपी तक इस शख्स के नाम का खौफ कायम था। लेकिन वक्त के साथ खुद को सियासत में स्थापित कर जरायम की दुनिया से दूर बनाकर जनसेवा की भावना के तहत सूरजभान ने अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह जिनके ये शागिर्द हुआ करते थे को मोकामा से निर्दलीय विधनसभा के चुनाव में हराकर  विधानसभा में जोरदार ढंग से प्रवेश किया। फिर बलिया से सांसद चुने गए और रामविलास पासवान के साथ सियासी समर में कूद पड़े।लेकिन कहते है न आपका बीता कल आपके सामने आता है। इसी तरह एक जुर्म में सज़ायाफ्ता होकर सूरजभान चुनाव लड़ने से अयोग्य हो गए। तदुपरांत इन्होंने अपनी पत्नी वीणा देवी के जरिये अपनी सियासत जारी रखी।वर्त्तमान में वीणा देवी मुंगेर से सांसद है। लेकिन गठबन्धन की सियासत की वजह से मुंगेर से अब नवादा से एनडीए की उम्मीदवारी कन्फर्म करा कर चुनावी समर में कूदने की तैयारी में है।

दरसअल, जरायम की दुनिया मे अपना हुकुम मनवाने के बाद सियासत में भी सूरजभान समय पर सटीक बिसात बिछाकर खुद को स्थापति कर रहे है। इसी का फलाफल है कि नवादा के वर्तमान सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को नवादा से अन्यत्र लड़ने भेजकर अपनी पत्नी खातिर नवादा सीट कब्जा ने कामयाब हो गए है।

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