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Bihar Election 2020 – दानापुर का दंगल – आशा सिन्हा vs रीतलाल नामांकन के बाद दोनों ने एक दूसरे पर साधा निशाना

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पटना Live डेस्क।बिहार विधानसभा चुनाव खातिर जारी घमासान के बीच अब दूसरे चरण के लिए भी विभिन्न दलों के उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल किया जा रहा है। मंगलवार को भी यह सिलसिला जारी रहा। पटना जिले के दानापुर विधानसभा क्षेत्र में भी नामांकन का दौर जारी है। इसी क्रम में दानापुर विधान सभा क्षेत्र से निवर्तमान भाजपा विधायिका आशा सिन्हा ने पांचवीं बार भाजपा के सिम्बल के साथ अपना नामांकन दाख़िल किया। वही, दूसरी तरफ राजद के उम्मीदवार बाहुबली रीतलाल यादव ने भी अपने समर्थकों के साथ निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ विनोद दूहन के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किया।

आशा सिन्हा बनाम रीतलाल

दोनों प्रमुख गठबंधन के उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के बाद से दानापुर का दंगल अब स्पष्ट रूप से आशा सिन्हा बनाम रीतलाल यादव या यूं कहें कि कमल वर्सेज लालटेन की सियासी जंग में तब्दील हो चुका है। दोनों उम्मीदवार नामांकन दाखिल करने के बाद एक दूसरे पर बयानों के जरिए हमलावर करने से नही चुके।

रीतलाल ने भरी हुंकार जीत का बनेगा रिकॉर्ड

अपना नामांकन दाखिल करने के बाद रीतलाल यादव समर्थकों के हुजूम की बधाई स्वीकार करने के बाद कहा कि इस बार उनको बहुत खुशी है कि उनके अभिभावक लालू प्रसाद का साथ और आशीर्वाद मिला है।

अपनी बातों के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए रीतलाल ने कहा कि जब अभिभावक का साथ नहीं था, उस समय उनकी कमी खली थी। लेकिन उस दौरान जनता का साथ मिला था।पिछले बार 2010 में हम कम वोट से हार गए थे। लेकिन इस बार लालू प्रसाद का हाथ मेरे सिर पर है। इस बार सिर्फ जीत ही नहीं बल्कि जीत का रिकॉर्ड भी बनेगा।

वही, बाहुबली रीतलाल के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं बाहुबली था, हूँ और रहूंगा भी। आप किसी भी व्यक्ति विशेष या व्यवसाय से जुड़े लोगों से पूछ सकते हैं कि रीतलाल उसे कभी भी किसी तरह से परेशान किया है क्या?

यह सब जनता को डरा कर वोट को अपने पक्ष में करने की साजिश है। मुझे झूठे मामलों में साजिश के तहत सत्ता की आड़ में फंसाया गया है। जनता से मिले आशीर्वाद और प्यार से ही आज चुनाव मैदान में हूँ।

उन्होंने कहा, मैं विधान पार्षद रहते हुए भी पिछले 10 साल से जेल में रहने के कारण जो मेरा सपना था और जनता की उम्मीदें थी, उसे पूरा नहीं कर पाया, उसे पूरा करूंगा। दियारावासियों की काफी समय से गंगा पर पूल और जलजमाव से प्रभावित क्षेत्रों में जलजमाव से निजात दिलाना और भयमुक्त समाज की स्थापना करना ही पहली प्राथमिकता रहेगी।

मेरे पति की हत्या का आरोपी है रीतलाल

वही, दूसरी तरफ भाजपा के सिम्बल पर अपना नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आशा सिन्हा ने कहा कि हम अपने कार्यकाल के दौरान किये गए विकास कार्यों और प्रदेश में मौजूद एनडीए की सरकार की ओर से किये गये चौमुखी विकास कार्यो के आधार पर जनता से वोट मांगेंगे।

वही, जनता की ओर से जारी विरोध के बाबत पूछे गए सवालों के बारे में उन्होंने कहा कि जहां भी नए कॉलोनियों या आबादी घर बना कर बसे हैं, वहां जलजमाव की समस्या है।ऐसे मोहल्ले में जलजमाव से निज़ात दिलाने की वाजिब मांग का निदान नही होने से निवासियों की नाराजगी है, मैं इसे स्वीकार भी करती हूँ। इसका त्वरित निदान सब से पहली प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

वही, राजद उम्मीदवार के बाबत सवाल पर आशा सिन्हा ने कहा, दानापुर से राजद का उम्मीदवार जिस व्यक्ति को बनाया गया है, वह अपराध के मामले में जेल से बेल पर छूट कर आया है। वह मेरे पति स्व. सत्यनारायण सिन्हा की हत्या का आरोपी है।

कई अपराधिक मामले उसपर पर दर्ज है। ऐसे लोगों को रात के अंधरे में राजद सुप्रीमो के सहमति से टिकट दिया जाना जनता के साथ अन्याय है। जनता राजद के जंगलराज में अपराध का खौफ अपराधियों का कोहराम झेल चुकी है। जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी। हम जनता के आशीर्वाद से एक बार फिर से रिकार्ड मतों से जीत हासिल करेंगे।

दोनों उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करते ही एक दूसरे पर बयानों के जरिए हमला करना इस बात का स्पष्ट इशारा करता है कि दानापुर का दंगल बीतते समय के साथ साथ तल्ख होता जाएगा। वही, आरोपो प्रत्यारोपो का सिलसिला शुरू हो चुका है जो तुर्शी भरा होगा इसका अंदेशा बढ़ा रहा है।

 

दानापुर का दंगल कौन जीतेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है पर चुनाव प्रचार और एक दूसरे पर बयानबाज़ियों का सियासी वार विधानसभा क्षेत्र संख्या 186 को जनचर्चा और मीडिया के खबरों में हॉट सीट तो बना ही चुका है।

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