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कटिहार: अवैध ताड़ी की ढुलाई से लाखों कमाते हैं पुलिस वाले,सबकुछ जानकार भी अधिकारी मौन,ट्रेन में यात्रियों को होती है परेशानी

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पटना Live डेस्क. शराबबंदी कानून को अमल में लाने वाले ही इसकी धज्जियां भी उड़ा रहे हैं… कटिहार-बारसोई रेलवे सेक्शन नशे के इस खेल का जरिया बना है.. इस सेक्शन पर रोज करीब 5 हजार लीटर ताड़ी की ढुलाई होती है… कटिहार से राधिकापुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में डंडखोरा, सोनोली, संदलपुर, झौआ, गोरफर स्टेशन पर ताड़ी की बड़ी खेप लादी जाती है.. खेप सालमारी और आजमनगर में उतरती है.. इसके अलावा – राधिकापुर से वाया कुमेदपुर कटिहार आने वाली ट्रेन में सहजा हाल्ट पर भी ताड़ी की बड़ी खेप चढ़ाई जाती है..खेप की खपत गांवों में होती है..

पिछले हफ्ते ट्रेन में ताड़ी की ढुलाई के विरोध में डंडखोरा में यात्रियों ने जबरदस्त हंगामा किया था… दरअसल ताड़ी की गंध के कारण लोगों का ट्रेन में बैठना दूभर हो गया था.. बवाल के बाद तीन लोग गिरफ्तार हुए थे…एक ताड़ी विक्रेता ने बताया कि राधिकापुर से कटिहार आने-जाने वाली ट्रेनों में कम से कम 100 गैलन ताड़ी की रोजाना ढुलाई होती है.. एक गैलन का पुलिस वाले 50 रुपए वसूलते हैं.. इस हिसाब से देखा जाए तो पुलिस की रोजाना की वसूली पांच हजार होती है..और महीने में पुलिस वाले डेढ़ लाख की अवैध वसूली करते हैं..ऐसा नहीं है कि यह सब अफसरों को नहीं पता है..सारी बातों की जानकारी होते हुए भी ताड़ी की ढुलाई जारी है… बता दें कि राज्य में शराबबंदी के साथ ताड़ीबंदी भी है.. सिर्फ नीरा की बिक्री वैध है…

 

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