बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

BiG News (वीडियो) पुलिस अइसन होखे के चाही बबुआ- रुंधे गले से 6 दिन से लापता बेटे को “कदमकुआं थानेदार” की मानवीयता से मिलने पर बोला वृद्ध पिता

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रोहित कुमार सिंह, रिपोर्टर, पटना 

पटना Live डेस्क। बतौर डीजीपी बिहार पुलिस की कमान संभालने के बाद आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय ने “खाकी” की पुरातन छवि में बदवाल की कवायद की शुरूआत कराई है। इसका असर भी दिखाई देने लगा है अमूमन अब थानों में आम आदमी के साथ बेहतर व्यवहार की शुरुआत हुई है। डीजीपी महोदय की पुलिस की छवि में बदलाव की पहल का सूबे के विभिन्न जिलों में तैनात पुलिस कप्तानों द्वारा भी पूरी शिद्दत के साथ लागू करने का सतत प्रयास जारी है।

इसी क्रम में SSP पटना गरिमा मलिक के नेतृत्व में पुलिस का मानवीय चेहरा एक बार फिर दिखाई दिया है। दरअसल, बक्सर के नवागांव निवासी एक युवक ट्रेन में “जहरखुरानी” गिरोह का शिकार होकर लगभग नग्न हालत में भटकते हुए राजधानी के कदमकुआं थाना अंतर्गत राजेन्द्र नगर रोड नंबर एक पहुच गया था। वो शनिवार की सुबह जब नशे की हालत में लारपुआर होकर सड़क पर पड़ा था। तभी कदमकुआं थानाध्यक्ष निशिकांत निशि इलाके की सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लेने रोड नंबर एक से गुजर रहे थे। उक्त युवक को सड़क पर पड़ा देख वो रुके और आसपास के दुकानदारों से पूछा तो सभी ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा नही मालूम कौन है सर?

थोड़ा बहुत हिलहुज्जत के बाद बेसुध पड़े युवक ने अपना नाम मुकेश कुमार सिंह, पिता-पीताम्बर सिंह इसके आगे वो बोला ट्रेन में जा रहे है इसके बाद वो कुछ भी नही बता पाया। अनुभवी इंस्पेक्टर ने अंदाजा लगा लिया कि युवक नशे की हालात में है। ट्रेन में यात्रा के दौरान “नशाखुरानी” गिरोह का शिकार हो गया है। फिर क्या था मामले की गंभीरता का एहसास होते ही उक्त युवक को सर्वप्रथम स्थानीय लोगो की मदद से सड़क से उठाकर एक दुकान में बिठाया और चाय पिलाया। चाय पीने के बाद थोड़ा सहज हुए मुकेश ने भूख लगी है कहकर खाने की ओर इशारा किया।

खाना खाने के बाद कुछ हद तक सहज हो चुके यूवक ने बताया कि वो बक्सर से इलाहाबाद जाने को ट्रेन पर सवार हुआ था। लेकिन एक शख्स ने उसे बातचीत में ही रोटी और करेले का भुजिया खिलाया था। फिर उसे कुछ याद नही है। कैसे पटना पहुचा और उसका मोबाइल, सामना समेत बदन पर रहे कपड़े कहा गायब हो गए।

मामला, खुल चुका था युवक नशाखुरानी गिरोह का शिकार हो चुका था। फिर क्या था युवक को थानाध्यक्ष अपने साथ लेकर थाना पहुचे और कपड़े का इंतजाम कर उसके नहाने की भी व्यवस्था करवाई। साथ ही एक बार फिर से भोजन कराया। साथ ही उसके कुछ घंटे सोने की भी व्यवस्था कराइ। तमाम व्यवस्थाएं कराकर अपने काम मे जुट गए।

शाम को तकरीबन 5 बजे मुकेश उठा और लगभग ठीक हालत में अपना नाम पता बताया तो थानाध्यक्ष ने उसके परिजनों से मोबाइल से संपर्क किया। परिजनों से बात कर जानकारी मिली कि युवक पिछले 6 दिनों से लापता है। घर से इलहाबाद जाने को निकला था तब से वह लापता हो गया था। मुकेश के अचानक लापता होने से परिजन बेहद परेशान थे और लगातार उसकी तलाश में जुटे है। परिजनों को जैसे ही थानाध्यक्ष से यह जानकारी मिली कि मुकेश सकुशल है और पुलिस की अभिरक्षा में सही सलामत है। मुकेश के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। तदुपरांत पिता और संग मुकेश का बड़ा भाई फौरन पटना के लिए निकल पड़े।

तकरीबन रात्रि 10 बजे वृद्ध पिता और युवक का बड़ा भाई पटना के कदमकुआं थाने पहुचे और मुकेश को देखकर चैन की सांस ली। कदमकुआं थानेदार ने जब पिता को मुकेश के मिलने की पूरी दास्तान बताई तो रुंधे गले से मुकेश के वृद्ध पिता पीताम्बर सिंह बोले – पुलिस अइसन होखे के चाही बबुआ हम 6 दिन से लापता बेटा ख़ातिर दर दर के ठोकर खात रहनी है और रउआ मिला देहनी। भगवान रहुआ के सदैव सपरिवार खुशी राखस।

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