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BiG News (वीडियो) लगातार दूसरे साल सुशासन की सरकार में झील में तब्दील हो गया NMCH, देखिये अस्पताल के वार्ड में तैर रही है मछलियां

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बृजभूषण कुमार , ब्यूरो प्रमुख, पटनासिटी

#मानसून की झमाझम बारिश से अस्पताल हुआ बेहाल
#औषधि विभाग में बारिश नाले के पानी से भरा
#बारिश के पानी के डर से ICU वार्ड में ताला बंद
#महिला वार्ड से लेकर पुरुष वार्ड में पानी भरा हुआ
#वार्ड में पानी के साथ मछली आने से मरीज और उनके परिजन और डाक्टरों सभी परेशान

पटना Live डेस्क।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावों की पोल एक बार खुल गई है। चमकी बुखार से सैकड़ो बच्चों के कालकलवित होने से सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं पहले से ही देश दुनिया मे फ़जीहत झेल रही है उसपर तुर्रा ये महज कुछ घंटों की बारिश में ही राजधानी में स्थित सूबे का दूसरा बड़ा सरकारी अस्पताल नालन्दा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल झील में तब्दील होकर  तैरता नज़र आने लगा। हद तो तब हो गई सुशासन बाबू की सरकार ने पिछले साल वार्डो में घुसे पानी मे मछलियों के तैरते की घटना से कोई भी सीख नही ली और लगातार दूसरे साल भी अस्पताल के विभिन्न  वार्डो में मछलिया तैरने की खबर मीडिया की सुर्खियां बन गई। वही दूसरी तरफ विभिन्न वार्डो में बारिश के पानी के साथ ही नालों का पानी घुस जाने से मरीजों और उनके परिजन के साथ ही डॉक्टरों की मुश्किलें बढ़ गई है। वही बारिश का पानी कही आईसीयू में न घुस जाए और कीमती मेडिकल उपकरण खराब न हो जाये एहतियातन आईसीयू कक्ष बंद कर दिया गया है।

सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है यह किसी से छुपा नही है। राज्य के हेल्थ मिनिस्टर महज बिहार वासियों को वर्ल्ड क्लास हेल्थ सुविधाये मुहैया कराने की घोषणा करते ही नज़र आते है। लेकिन हक़ीक़त में जो सरकारी सुविधाएं अस्पताल में है उनका ही दिन ब दिन हाल खराब होकर बिल्कुल नाकारा हो चुका है।

सुशासन सरकार की नाक के नीचे सूबे के दूसरे बड़े अस्पताल NMCH (एनएमसीएच) कुुुछ घण्टो की ही   बारिश के बाद झील में तब्दील हो गया है। अस्पताल के औषधि विभाग से लेकर महिला वार्ड में बारिश और नाले का पानी भर गया है।  पुरुष वार्ड से लेकर महिला बार्ड में बारिस का पानी घुस गया है। वही बार्डो में बारिश के पानी घुस जाने से अस्पताल में भर्ती मरीजो और उनके तीमारदारों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तो दूसरी तरफ डॉक्टर्स भी बार्ड में घुसे बारिश के पानी में ही मरीज को देखने को मजबूर है।अस्पताल के दवा भण्डारण कक्ष में भी पानी घुस गया है। अस्पताल में रखे दवा को पानी से बचाने में नर्स से लेकर सफाईकर्मी लगे है। ताकि जल्द से जल्द पानी निकाला जा सके। साथ ही साथ वार्डो से भी पानी निकालने की भी कोशिश की जा रही है। अस्पताल के ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं रहने के कारण हर बार बारिश के मौसम में NMCH का यही हाल होता है लेकिन इसमें सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये जाते है।

बारिस के मौसम में इस अस्पताल के मरीज से लेकर चिकित्सको तक को परेशानी उठानी पड़ती है। वार्ड में बारिश का पानी जमा होने के कारण कई मरीज यहां से पलायन भी कर रहे है। बारिश के पानी से अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ भी खासे परेशान है ।

वही वार्ड में भरे पानी के बाबत पीड़ित महिला मरीज का कहना रहा कि रात भर घुटने भर पानी मे बेड से उतरने में डर लग रहा था। वार्ड में भरे पानी मे मछलियां तैर रही थी। तो वही कीड़ा-मकौड़ा के डर से हमलोग बेड पर ही रहने को मजबूर है। सब जगह पानी था तो डॉक्टर तो नही ही आ रहे है नर्स लोग भी नही आए।

वही दूसरी तरफ पीड़ित मरीज के परिजन विजय पासवान भी वार्ड में पानी आ जाने से खासे परेशान नज़र आये। उनका साफ कहना रहा की न कोई डॉक्टर आ रहा है न नर्स। जब पानी वार्ड से निकाला गया तो डॉ और नर्स देखने आए ऐसे में अगर मरीज़ का तबियत ज्यादा सीरियस हो जाता तो हम वार्ड में भरे पानी मे कहा ले कर जाते का करते बताइए तो ?

वही, दूसरी तरफ अस्पताल पम्प चालक विकास का कहना था कि परिसर के आउटर में जो नाला का बाउंडरी  टूटा पड़ा है। जिसके कारण बारिश से नाला भर जाता है तो पानी अस्पताल के तरफ वापस आ जाता है जिससे वार्ड में पानी घुस जाता है।

अस्पताल में पानी भर जाने से मरीज ही नही डॉक्टर भी परेशान है। अस्पताल के चिकित्सक डॉ रवि रंजन कहते है कि हर साल बारिश के पानी से अस्पताल डूब जाता है, लेकिन इस बार कुछ ड्रेनेज सिस्टम ठीक रहने के कारण पिछले साल के तरह उतना पानी तो वार्ड में तो नही आया है। फिर भी  बारिश के पानी के डर से ICU वार्ड को बंद कर दिया गया है। इससे अस्पताल अधीक्षक को भी अवगत कराया गया है। इसके बावजूद भी कोई ठोस कदम नही उठाया गया है।जिससे मरीज के साथ डॉक्टर को भी परेशानी होती है।

वार्ड में तैनात चिकित्सक नितिन दिनेश का कहना था कि वार्ड में बारिश का पानी और नाले का पानी आने से मरीजों के साथ हमलोग को भी संक्रमण की बीमारी का डर सता रहा है। ऐसे में अस्पताल अधीक्षक और बिहार सरकार को ध्यान देना चाहिए कि हर साल ऐसे बारिश में समस्या होती है, फिर भी सरकार और अधीक्षक के कानों में जू तक नही रेंगता है।

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