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बक्सर से हेलीकॉप्टर चिनूक ने 70 घंटे बाद भरी उड़ान, बुधवार को हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग

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पटना Live डेस्क। एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर चिनूक ने आज इमरजेंसी लैंडिंग के 70 घंटे के बाद बक्सर से उड़ान भरी। वहां से वह बिहटा पहुंच गया है। दो दिनों तक चिनूक स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा है। आज अभी जब चिनूक ने वहां से उड़ान भरी तो लोग काफी इमोशनल हो गए और उन्होंने तिरंगा लहराकर एयरफोर्स के अधिकारियों व जवानों को विदाई दी।
दरअसल, प्रयागराज से एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर चिनूक 25 अगस्त को बिहटा के लिए चला था। जब वह हेलीकॉप्टर बक्सर से गुजर रहा था, तभी उसमें तकनीकी खराबी आ गई। उसके पंखे से चिंगारी फेंकने लगी। तेज गड़गड़ाहट की आवाज आने लगी। तब आनन-फानन में हेलीकॉप्टर को बक्सर के मानिकपुर विद्यालय के मैदान में उतारा गया था।


हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग से स्थानीय लोग भी दहशत में आ गए। लेकिन गनीमत रही कि किसी को कुछ हुआ नहीं। जबकि उस समय हेलीकॉप्टर में एयरफोर्स के दो अधिकारी के साथ ही डेढ़ दर्जन से अधिक क्रू मेंबर्स मौजूद थे। इमरजेंसी लैंडिंग के बाद एयरफोर्स के जवानों ने तुरंत ही हेलीकॉप्टर चिनूक को सुरक्षा घेरा में ले लिया, ताकि कोई ग्रामीण या असामजिक तत्व हेलीकॉप्टर में नहीं सट पाए। सूचना पाकर बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी व जवान पहुंच गए थे।
बताया जाता है कि हेलीकॉप्टर का पहिया मैदान की मिट्टी में धंस गया था। बारिश की वजह से मैदान की मिट्टी गीली हो गई थी। इसकी वजह से नई प्रॉब्लम हो गई। हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी को तो एक्सपर्ट ने ठीक कर दिया, लेकिन कीचड़ में पहिया फंसे होने के कारण वह उड़ान नहीं भर पा रहा था। बाद में ग्रामीणों ने सहयोग किया। ट्रैक्टर के सहयोग से कीचड़ से हेलीकॉप्टर को बाहर निकाला गया। इसके बाद अभी लगभग 70 घंटे के बाद हेलीकॉप्टर ने बिहटा एयरफोर्स स्टेशन के लिए उड़ान भरी। स्थानीय लोगों ने तिरंगा लहराकर एयरफोर्स के लोगों को विदाई के साथ बधाई दी।

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