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BiG News – लोकआस्था के महापर्व को लेकर सरकारी गाइडलाइन जारी,घर पर ही अर्घ्य देने की अपील

कोरोना काल में सावधानी से मनाएं छठ, बिहार सरकार ने पर्व को लेकर जारी की गाइडलाइन

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पटना Live डेस्क। लोकआस्था के महापर्व को लेकर बिहार सरकार (Bihar Government) द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वो लगातार लोगों से अपील करे कि वो इस बार घाटों पर न जाकर अपने घरों में ही छठ पर्व (Chhath Festival 2020) मनाएं. इसके बावजूद भी यदि श्रद्धालु तालाब या घाटों पर छठ मनाने आते हैं तो सख्ती से कोविड-19 गाइडलाइन (Covid-19 Guideline) का पालन करें।

सूर्य आराधना के महापर्व छठपर्व को लेकर बिहार सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी किया गया है। जारी फरमान (गाइडलाइन) के अनुसार ही बिहारवासियों को लोकआस्था के महापर्व मनाने का सरकार ने निर्देश जारी किया है। कोरोना संक्रमण की वजह से घरों में ही आराधना करने की सलाह दी गयी है। साथ ही नदियों तालाबों व जलाशयों के किनारे सामूहिक तौर पर छठ पूजा नहीं करने की अपील की गई है। साथ ही जिला प्रशासन को आवश्यक फैसला लेने का दिशा निर्देश हुए यह भी कहा गया है कि छोटे तालाबों पर पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसको सुनिश्चित करना होगा।

गाइडलाइन में अपील 

गाइडलाइन में यह कहा गया है कि जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्थानीय छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाईयों,वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य गणनामन्य व्यक्तियों से समन्वय स्थापित करने के लिए बैठकें आयोजित कर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय समय पर निर्गत निदेशों का प्रर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाए।

तीन दिन बाद बिहार का सबसे बड़ा पर्व छठ (Chhath 2020) है। मगर कोरोना काल (Covid-19) में लोक आस्था के इस महापर्व (Chhath Festival) पर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को घाट पर अर्ध्य के दौरान तालाब में डुबकी नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं।बिहार सरकार (Bihar Govt) ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वो घाटों पर बैरिकेडिंग इस तरीके से लगाएं कि श्रद्धालु उसमें डुबकी नहीं लगा सकें।

अमूमन गंगा नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे अवस्थित घाटों पर छठ वर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है। जिसके दौरान दो व्यक्तियों के बीच सामाजिक दूरी का अनुपालन करना पाना कठिन है। इसलिए लोगों को अधिकारिक रूप से प्रेरित किया जाए कि अपने घरों पर ही छठ पूजा करें। गंगा नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों एवं तालाब घाटों पर कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव को रोकने हेतु छठ पर्व के दौरान सुबह एवं शाम को दिए जाने वाले अर्घ्य को घर पर ही करने की सलाह दी जाए।

गाइडलाइन (Guideline) के मुताबिक छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रसित लोग, 60 साल के ऊपर के उम्र के व्यक्ति और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घाट पर नहीं जाने की सलाह दी गई है।साथ ही जिला प्रशासन को यह भी निर्देश दिया गया है कि वो लगातार लोगों से अपील करे कि वो इस बार घाटों पर न जाकर अपने घरों में ही छठ पर्व मनाएं। इसके बावजूद भी यदि श्रद्धालु तालाब या घाटों पर छठ मनाने आते हैं तो सख्ती से कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया जाए।

  • छठ पर्व को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की प्रमुख बातें
  • सभी व्‍यक्ति सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन करें। छठ घाटों पर भीड़ नहीं लगाएं
  • छठ घाटों पर लोग अनिवार्य रूप से फेस मास्क (Face Mask) का उपयोग करें
  • 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 10 साल से कम उम्र के बच्चे घाट पर न जाएं
  • बुखार से पीड़ित और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग घाट पर नहीं जाएं
  • भगवान सूर्य की अर्घ्‍य के दौरान नदी-तालाब में डुबकी नहीं लगाएं

Covid-19- सोशल डिस्टेंसिंग पालन जरूरी

महत्वपूर्ण नदियों से व्रती यदि पूजा के लिए जल लेकर जाना चाहें तो जिला प्रशासन द्वारा इसको विनियमित करते हुए व्रती के जल ले जाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जानी चाहिए।इस प्रक्रिया के दौरान भी मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किया जाना चाहिए।

ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में अवस्थित छोटे तालाबों पर छठ महापर्व के आयोजन के दौरान मास्क के प्रयोग एवं सोशल डिसटेंसिंग के मानकों का अनुपालन कराया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरों में अवस्थित तालाबों जहां अर्घ्य की अनुमति दी जाएगी। वहां अर्घ्य के पूर्व एवं पश्चात सैनिटाईजेशन का कार्य नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत द्वारा कराया जाना चाहिए। इस लिए नगर विकास एवं आवास विभाग तथा पंचायती राज विभाग द्वारा दिशा निर्देश निर्गत किया जाना चाहिए।

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