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BiG News (वीडियो) Lockdown में असहाय, बेघरों व निर्धनों का सहारा बना गोलू सिंह निरंतर परोस रहा है भूखों को निवाला

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पटना Live डेस्क। वर्त्तमान समय में पूरी दुनिया मे CORONA के खिलाफ जंग का आगाज हो चुका है। भारत मे भी इस आपदा से निपटने ख़ातिर Lockdown लागू किया गया है। बात अगर बिहार की करे तो पूरा सूबा लॉक कर दिया गया है। राजधाानी पटना समेत सभी जिलों में Lockdown 0.2 जारी है। कोरोना के कहर के बीच राजधानी पटना में निर्बल,असहाय, बेघरों , दिहाड़ी मजदूरों और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों पर इस Lockdown का बेहद बुरा प्रभाव पड़ा है और इनके सामने भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। लेकिन गरीबों, मजलुमो के भूखे पेट को भोजन देने का बीड़ा उठाया है मैनपुरा निवासी गोलू सिंह ने।

राजधानी में जारी Lockdown की वजह से रोजमर्रा कमाने और खाने वाली एक बड़ी आबादी के सामने भुखमरी जैसे हालात है। दरअसल, आपदा और देशव्यापी संकट के वक्त गोलू और उसके साथियो ने बेहद सकारात्मक पहल करते हुए मैनपुरा जैसे बेहद घनी आबादी वाले बसावट के बीच बेहद सरहानीय प्रयास करते हुए निरन्तर रोज़ ब रोज़ जरूरतमंद और स्थानिए निवासियों के बीच कोरोनावायरस के तमाम सुरक्षात्मक मानको के तहत न केवल पका भोजन तैयार कर रहे है बल्कि अमूमन 700 से 800 पैकेट भोजन का वितरण कर रहे है।

यह सिलसिला Lockdown के दूसरे दिन से ही निर्बाध और नियमित तौर पर जारी है। गोलू और उसके साथी मिशन “भूखो को भोजन” के तहत सोशल डिस्टेंसिंग के तमाम मापदंडों के तहत सर्वप्रथम भोजन पकाते है। तदुपरान्त उसे सिल्वर कंटेनर में पैक करते है। तदुपरान्त पैक्ड भोजन को तय समय पर लेकर मोहल्ले में स्थान पर पहुचते है। सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंड के तहत बने उजले चुने से बने बॉक्स में खड़े कतारबद्ध सैकड़ो लोगो को मास्क और गल्पस का इस्तेमाल कर एक निश्चिंत दूरी से वितरित करते है। पैक्ड भोजन वितरित करने का सिलसिला प्रतिदिन दिन 12 बजे से लेकर 2 बजे तक जारी रहता है।

दरअसल,मैनपुरा निवासी गोलू सिंह सेंट्रल पटना में युवा वर्ग में खासा चर्चित नाम है। सामाजिक सरोकार के धनी गोलू ने कोरोना के कहर के बीच फर्स्ट फेज में लागू Lockdown में हालात दिन ब दिन बद से बदतर होता देख गोलू ने अपने दोस्तों के साथ विचारविमर्श कर इसकी पहल की और मिशन “भूखो को भोजन” की शुरुआत की जो आज भी निरंतर जारी है।

लगातार जारी इस मुहिम के तहत गोलू और उसके साथियों की दिनचर्या का हिस्सा बन चूका है। हर दिन विभिन्न इलाकों में भूखों को पका भोजन परोसने की कवायद के तहत सुबह सबेरे सर्वप्रथम भोजन पकाने की प्रक्रिया शुरू होती है। ताकि तय समय पर सैकड़ो को भोजन परोसा जा सकें। वक्त अपनी रवानी पर है और गोलू और उसकी टीम का भूख के खिलाफ जंग दिन ब दिन मजबूत होती जा रही है।

गोलू सिंह की इस बेहद सरहानीय पहल का असर भी दिखाई दे रहा है, सैकडों लोगों की जिंदगी बचाने का यह उपक्रम लगातार मैनपुरा व अन्य इलाकों चर्चा का विषय बन गया है। गोलू न केवल भोजन परोसा रहा है बल्कि लगातार शहर के विभिन्न इलाकों के परिचित युवाओं से अपील भी करता है कि वो विपदा की इस घड़ी में अपने आसपास के रिहायशी इलाकों में निगाहें बनाये रखे ताकि कोई भी शख्स भुखमरी का शिकार न हो। साथ ही गोलू और उसकी टीम को किसी माध्यम से किसी के भूखे होने की खबर मिलती है तो उक्त जरुरतमन्द, मुफ़लिस और निर्धन निसहाय के पास भोजन पहुचाने की निस्वार्थ भाव से इंतजाम में जुट जाती है।

सेवा भाव से ओतप्रोत युवाओं की यह जमात का यह भगीरथ प्रयास अनवरत जारी है और जारी रहने को कृत संकल्पित है। इस मुहिम में गोलू सिंह के साथ रवि सिंह व अन्य साथियों द्वारा समाजसेवा के भावना के तहत प्रखर कर्मवीरों का बढ़ चढ़ कर सहयोग जारी है। ‘मिशन भूखों को भोजन’ जारी है।

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