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BIG News (Exclusive वीडियो) शर्मनाक ! सुशासन में सुपौल में छेड़खानी का विरोध करना मासूम बच्चियों को पड़ा भारी, खदेड़-खदेड़ कर हुई निर्मम पिटाई

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पटना Live डेस्क। बिहार में सुशासन है। दावा कानून के राज का है, लेकिन सूबे में कानून का खौफ बिल्कुल खत्म होता दिखाई दे रहा है। अपराधियों,दबंगो,रंगदारों असमाजिक तत्वों और हिंसक भीड़ के आगे सुशासन लाचार और बेबस नज़र आता है। इसी कड़ी में 6अक्टूबर शनिवार की शाम सुशासन राज के दावों की धज़्ज़ियां उड़ाते हुए स्थानीय दबंगो के परिजनों ने मासूम बच्चियों द्वारा छींटाकशी और अभद्रता का विरोध करने पर त्रिवेणीगंज़ अनुमंडल स्थित डपरखा कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल के कैंपस में शनिवार की शाम खेल रही छात्राओं पर परिजनों के साथ मिलकर हमला बोल दिया। लाठी-डंडे से लैश होकर आई भीड़ ने छोटी स्कूली बच्चियों को खदेड़ खदेड़ कर बेरदर्दी से न केवल पीटा बल्कि झोटा पकड़-पकड़ कर जमीन पर पटक दिया। इस दौरान छात्राओं को बचाने आयी वार्डन और स्कूल की शिक्षिकाओं को भी नहीं बख्शा गया।लड़कियों और शिक्षिकाएं जैसे-तैसे ग्रिल के अंदर गयीं और तब उनकी जान बची।बदमाशों के हमले में तीन महिला सहित पांच दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हुई हैं। दो दर्जन घायल छात्राओं को त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सुपौल के त्रिवेणीगंज के डबरखा स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल की 70 बच्चियों पर हुए हमले की घटना के बाबत मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम तकरीबन 4 बजे के आसपास बगल के सरकारी मध्य विद्यालय परिसर मैदान में छात्राएं खेल रही थी। उसी दौरान गांव के लड़कों के द्वारा दीवार पर बच्चियों के नाम समेत अश्लीलता भरे न केवल बाते लिखी जा रही थी बल्कि लगातार उनके द्वारा फब्तियां कसी जा रही थी। यह सिलसिला कई दिनों से जारी था। अज़ीज़ आकर खेल रही बच्चियों ने जब इसका विरोध किया और उस युवक को भला बुरा कहने लगी तो वो गालियां देने लगा, तो छात्राओं ने भी उसके साथ धक्का-मुक्की कर दी। घटना के बाद लड़के अपने घर गए और अपनी मां,बहन और अन्य परिजनों के साथ लौटकर आये और लड़कियों के साथ न केवल दुर्व्यवहार किया बल्कि स्कूल कैंपस में घुसकर जमकर मारपीट किया। छात्राओं को बचाने आयी वार्डन और शिक्षिकाओं को भी नहीं बख्शा गया। तकरीबन घंटो यह तांडव चलता रहा। भीड़ में शामिल महिलाओं ने भी पूरी बेदर्दी से बच्चियों को पूरी बेदर्दी से पीटा। वही हाथों में पैना जो जानवरो को हांकने खातिर प्रयोग में लाया जाता है से जमकर मासूम बच्चियों पर वार किए गए। लड़कियां और शिक्षिकाएं जैसे-तैसे होस्टल के ग्रिल के अंदर गयीं और तब उनकी जान बची। बदमाशों के हमले में तीन महिला सहित तीन दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हुई हैं। दो दर्जन घायल छात्राओं को त्रिवेणीगंज स्थित  अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।                              सूचना मिलने पर एसडीएम विनय सिंह, एलआरडीसी रोजी कुमारी, बीडीओ ममता कुमारी और पुलिस स्कूल पहुंची और 34 लड़कियों को अस्पताल भेजवाया। डॉक्टरों के अनुसार किसी घायल को गंभीर चोट नहीं लगी है। बच्चियों में वर्ग आठ की रवीना कुमारी, आरती कुमारी, गुलसन प्रवीण, वीणा कुमारी, नेहा कुमारी, मिनाज खातून, राधा कुमारी, मौसम कुमारी, वर्ग छह की जुली कुमारी, हीरा कुमारी लाली कुमारी, मनीषा कुमारी, सजीदा खातून, रीता कुमारी, अनु कुमारी, सोनी कुमारी, वर्ग सात की शाहीद प्रवीण, संजुला कुमारी, रीता कुमारी आदि शामिल हैं।                          वही, दूसरी तरफ सुपौल डीएम वैद्यनाथ यादव ने बताया कि छींटाकशी करने के विरोध मे लड़कियों ने कुछ लड़कों की धुनाई कर दी। इसके विरोध में लड़कों और उनके अभिभावकों ने लड़कियों पर हमला बोल दिया। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर डीईओ को हमलावरों को चिह्नित करने और उन पर केस दर्ज कराने के लिए कहा गया है।                                                    जो exclusive वीडियों फुटेज पटना Live को मिला है उस को देखकर कर आप सहम जाएंगे। मासूमों की चीखें आपको उनपे हुए हमले और मराकुटाइ का सच बता रहे है बल्कि हुए अत्याचार की निर्ममता साबित करते है। वही जब आप हकीकत पीड़िता की जुबानी सुनेंगे तो सन्न रह जाएंगे…

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