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BiG News-एक IPS जो रिटायरमेंट के महज 6 महीने 8 दिन बाद बन गया नीतीश कुमार सरकार में बन बैठा मंत्री

31 जुलाई 2020 को IPS सुनील कुमार रिटायर हुए 29 अगस्त को JD(U) में एंट्री नवम्बर में भोरे विधानसभा से 10 नवम्बर को चुनाव जीत विधायक बने 9 फरवरी 2021 को बने मंत्री

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पटना Live डेस्क। बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है। कैबिनेट विस्तार में बीजेपी कोटे से 9 और जेडीयू कोटे से 8 मंत्रियों ने शपथ ली है। इसमें एक नाम की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है।वह गोपालगंज जिले के भोरे सीट से जेडीयू के विधायक सुनील कुमार हैं। सुनील कुमार ने 6 महीने पहले ही पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद के जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी। अब उन्हें नीतीश कुमार ने मंत्री बना दिया है। दरअसल चर्चा होनी भी चाहिए क्योंकि बिहार कैडर के इस चर्चित  आईपीएस अधिकारी ने सरकारी नौकरी से रिटायर्ड होने के महज 6 महीने 8 दिन के बाद मंत्री बनकर सियासी मैदान में जबरदस्त व बेहद धमाकेदार शुरुआत की है।

दरसल, सुनील कुमार बिहार पुलिस के एडीजी रहे हैं। साथ ही उनकी गिनती तेज तर्रार आईपीएस अधिकारियों होते रही है।वह बिहार पुलिस में कई ऊंचे ओहदे पर रहे हैं। वर्ष 1987 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस सुनील कुमार पुलिस की नौकरी से 31 जुलाई 2020 को रिटायर हुए थे। रिटायर होने के 29 बाद यानी 29 अगस्त 2020 को उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी। वह पटना में सांसद ललन सिंह की मौजूदगी में जेडीयू में शामिल हुए थे।

जेडीयू में शामिल होने के 3 महीने बाद ही उन्हें गोपालगंज के सुरक्षित सीट भोरे से टिकट मिल गया है। भोरे से सुनील कुमार के बड़े भाई अनिल कुमार ही कांग्रेस से विधायक थे। इस बार यह सीट माले के खाते में चला गया था। उसके बाद अनिल कुमार को टिकट नहीं मिला था। जेडीयू ने इस सुरक्षित सीट से पूर्व आईपीएस सुनील कुमार को मैदान में उतार दिया और उन्होंने चुनाव में जीत भी हासिल की है।

मंत्री पद की ली शपथ

विधायक बनने के बाद जेडीयू ने पूर्व आईपीएस सुनील कुमार को बड़ी जिम्मेदारी दी है। भोरे से जेडीयू विधायक और पूर्व आईपीएस सुनील कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली है। सरकारी सेवा में रहते हुए सुनील कुमार नीतीश कुमार के करीबी अधिकारियों में से एक थे। साथ ही उनका नाम विवादों से दूर रहा है। नीतीश कुमार ने सुनील कुमार को मौका देकर दलित राजनीति को साधने का काम किया है।

पूर्ण शराबबंदी की कमान सुनील के हाथ

साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी लागू कर दी थी, जिसके बाद से यह ‘ड्राई स्टेट’ बन गया। तब से लेकर अबतक सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू है लेकिन अब इसको लेकर तमाम विरोध भी जारी है।तो वही दूसरी तरफ तगड़े मुनाफे में तब्दील हो चुके शराब तस्करी के धंधे को लगाम लगाने ख़ातिर नीतीश सरकार प्रतिबद्ध है, अबतक सफलता कोसो दूर, अब नीतीश के इस सपने को सूबे में लागू करने का भार पूर्व आईपीएस व मंत्री बने सुनील कुमार के कंधों पर है।

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