Milkha Singh Death-फ्लाइंग सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह का निधन, चंडीगढ़ में ली अंतिम सांस, PM ने जताया शोक
भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कोरोना से 91 साल की उम्र में निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया है। पांच दिन पहले मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का निधन भी कोरोना संक्रमण से हो गया था।
पटना Live डेस्क। भारत के महान ऐथलीट मिल्खा सिंह (Milkha Singh Passed Away) कोरोना से जंग हार गए। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के करीब एक महीने बाद 91 वर्षीय इस महान धावक का निधन हो गया। पांच दिन पहले मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का निधन भी कोरोना संक्रमण से हो गया था। कोरोना संक्रमित होने के बाद 91साल के मिल्खा सिंह को चंडीगढ़ के PGIMER (पीजीआईएमईआर) में भर्ती कराया गया था,जहां शुक्रवार की शाम उनकी तबियत काफ़ी बिगड़ गई। डाक्टरों के तमाम प्रयास के बावजूद शुक्रवार की रात 11.30 बजे महान एथलीट का निधन हो गया।
फ्लाइंग सिख यानी मिल्खा सिंह
20 मई को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। उनके पारिवारिक कुक को कोरोना हो गया था जिसके बाद मिल्खा और उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह कोरोना पॉजीटिव हो गए थे। संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 03 जून को पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वे 13 जून तक आईसीयू में भर्ती रहे और इस दौरान उन्होंने कोविड संक्रमण को हरा दिया। मिल्खा सिंह का कोविड-19 परीक्षण बुधवार को निगेटिव आया था।जिसके बाद उन्हें कोविड आईसीयू से सामान्य आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन फिर गुरुवार को उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी। बिगड़तें हालात को देखते उन्हें फिर से आईसीयू में दाख़िल कराना पड़ा।लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी चिकित्सकों की टीम उन्हें बचा नहीं सकी।
उलेखनीय है कि इससे पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर 5 दीन पूर्व मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का कोरोना से 85 साल की उम्र में निधन हुआ है। उस वक्त पीजीआई अस्पताल के आईसीयू में भर्ती मिल्खा सिंह कारण वो पत्नी के दाह संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे।
पीएम ने जताया शोक
भारतीय खेल जगत की महान हस्ती रहे मिल्खा सिंह के निधन पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके साथ अपनी एक तस्वीर के साथ ट्विट किया जिसमें उन्होंने कहा कि मिल्खा सिंह असंख्य भारतीयों के दिलों में बने रहेंगे।
In the passing away of Shri Milkha Singh Ji, we have lost a colossal sportsperson, who captured the nation’s imagination and had a special place in the hearts of countless Indians. His inspiring personality endeared himself to millions. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/h99RNbXI28
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2021
उन्होंने ट्वीट किया है, ”श्री मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है।उनका असंख्य लोगों के दिलों में विशेष स्थान था। उनके प्रेरक व्यक्तित्व ने लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनके निधन से आहत हूँ।.”
फ़्लाइंग सिख के नाम से थे मशहूर
फ़्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह भारत के इकलौते ऐसे एथलीट हैं जिन्होंने 400 मीटर की दौड़ में एशियाई खेलों के साथ साथ कॉमनवेल्थ खेलों में भी गोल्ड मेडल जीता हुआ था।
1958 के टोक्यो एशियाई खेलों में मिल्खा सिंह ने 200 मीटर और 400 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था। जबकि 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों में मिल्खा सिंह ने 400 मीटर और चार गुना 400 मीटर रिले दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था।
1958 के कार्डिफ़ कॉमनवेल्थ खेलों में मिल्खा सिंह ने 440 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था।लेकिन मिल्खा सिंह को सबसे ज़्यादा मशहूरी 1960 को रोम ओलंपिक ने दिलाई जिसमें वे 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक मामूली अंतर से चूक गए थे।रोम ओलंपिक में मिल्खा सिंह ने 400 मीटर की दौड़ 45.73 सेकेंड में पूरी की थी, वे जर्मनी के एथलीट कार्ल कूफमैन से सेकेंड के सौवें हिस्से से पिछड़ गए थे लेकिन यह टाइमिंग अगले 40 सालों तक नेशनल रिकॉर्ड रहा।
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था । उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
मिल्खा सिंह के संघर्ष पर बन चुकी है फिल्म
दिग्गज धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर ‘भाग मिल्खा भाग’ नाम से फिल्म भी बनी है। उड़न सिख के नाम से फेमस मिल्खा सिंह ने कभी भी हार नहीं मानी। हालांकि मिल्खा सिंह ने कहा था कि फिल्म में उनकी संघर्ष की कहानी उतनी नहीं दिखाई गई है जितनी कि उन्होंने झेली है।
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